ओडिशा में बाढ़ से हुए नुकसान को लेकर आंकड़े जारी किए गए हैं. जिसमें बताया गया है कि राज्य में बाढ़ से प्रतिवर्ष फसलों, घरों और सार्वजनिक संपत्तियों को प्रति वर्ष 596 करोड़ रुपये का नुकसान होता है. वहीं राज्य सरकार ने पिछले पांच वर्षों में बाढ़ के प्रबंधन के लिए लगभग 3750 करोड़ रुपये खर्च किए हैं. लोकसभा में बीजेपी सांसद महेश साहू के एक प्रशन का उत्तर देते हुए केंद्रीय जल शक्ति राज्य मंत्री बिश्वेश्वर टुडू ने लोकसभा को सूचित किया कि ओडिशा की तरफ से केंद्रीय जल आयोग को प्रदान किए गए बाढ़ क्षति के आंकड़ों में कहा गया है कि 2017 से 2021 तक प्रति वर्ष बाढ़ के कारण फसलों, घरों और जनता को क्षति हुई है. यह औसतन 596 करोड़ रुपये हैं.
बिश्वेश्वर टूडू ने कहा कि बाढ़ प्रबंधन राज्यों के दायरे में आता है. यही कारण है कि संबंधित राज्य में बाढ़ प्रबंधन और जल निकासी परियोजनाएं वहां की राज्य सरकारों द्वारा अपनी प्राथमिकता के अनुसार अपने संसाधनों से तैयार और कार्यान्वित की जाती हैं. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने अलग-अलग राज्यों के महत्वपूर्ण क्षेत्रों में बाढ़ के प्रबंधन के लिए तकनीकी मार्गदर्शन दिया है, साथ ही राज्य सरकारों को प्रोत्साहित करने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की है. बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदा से समुचित सुरक्षा प्रदान करने के लिए एक बेहतर संरचना का निर्माण करना, साथ ही उस संरचना के संचालन के लिए एक बेहतर सिस्टम का निर्माण करना शामिल है. इसके जरिए बाढ़ से होने वाले आर्थिक नुकसान से बचा जा सकता है.
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उन्होंने बताया कि बाढ़ प्रबंधन के संरचनात्मक उपायों को मजबूत करने के लिए, मंत्रालय ने बाढ़ प्रबंधन, कटाव-रोधी, जल निकासी विकास और समुद्र-कटाव-रोधी कार्यों के लिए राज्यों को केंद्रीय सहायता प्रदान करने के लिए 11वीं और 12वीं योजना के दौरान बाढ़ प्रबंधन कार्यक्रम (एफएमपी) लागू किया था. बाद में 2017-18 से 2020-21 की अवधि के लिए बाढ़ प्रबंधन और सीमा क्षेत्र कार्यक्रम (एफएमबीएपी) के कंपोनेंट के रूप में जारी रखा गया और सीमित परिव्यय के साथ सितंबर 2022 तक बढ़ाया गया. एफएमबीएपी योजना के बाढ़ प्रबंधन घटक के तहत ओडिशा को 119.42 करोड़ रुपये की केंद्रीय सहायता जारी की गई है.
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ओडिशा सरकार की तरफ से दी गई जानकारी के अनुसार, राज्य में अलग-अलग कैटेगरी के तहत बाढ़ से सुरक्षा प्रदान करने के लिए लगभग 7473.20 किमी तटबंधों का निर्माण किया गया है. अब राज्य में बाढ़ तटबंध बनाने का कोई प्रस्ताव केंद्र के विचाराधीन नहीं है. राज्य सरकार ने बताया है कि ग्रामीण बुनियादी ढांचा विकास निधि के तहत बाढ़ प्रबंधन के लिए 2018-19 से 2022-23 तक 2,048.88 करोड़ रुपये का उपयोग किया गया था. मंत्री ने कहा कि इसी तरह राज्य ने तटबंध सुरक्षा और तटीय कटाव को रोकने के लिए किया गये अपने स्वयं के संसाधनों से 1,696.77 करोड़ रुपये खर्च किए हैं.
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