मूंग की खेती किसानों के लिए फायदेमंद साबित होती है क्योंकि बाजार में इसकी हमेशा से ही अच्छी कीमत मिलती है. बारिश के मौसम में मूंग खेती करने से बेहद कम सिंचाई की जरूरत होती है. हालांकि अगर गर्मी के दिनों में मूंग की खेती की जाए तो इस फसल को चार से पांच सिंचाई की जरूरत होती है. मूंग की खेती के बारे में एक बात यह भी कही जाती है कि इसकी खेती में अधिक सिंचाई करने पर पैदावार घट जाती है. हालांकि ऐसे में पौधों का विकास काफी तेज गति से होता है. गर्मियों में अधिकांश किसान मूंग की खेती करते हैं. पर उनके मन में एक सवाल अक्सर रहता है कि मूंग की खेती में कौन सी खाद डाली जाए ताकि उन्हें बेहतर उत्पादन मिल सके.
मूंग की खेती में अधिक उपज हासिल करने के लिए और पौधों की अच्छी बढ़वार के लिए खेत में खाद का इस्तेमाल करने की जरूरत होती है. अगर किसान मूंग की खेती में अधिक उपज हासिल करना चाहते हैं तो उन्हें उन्नत किस्मों की खेती करनी चाहिए. इसके अलावा प्रति हेक्टेयर खेती में किसानों को बीज की बुवाई करने से पहले 20 किलोग्राम नाइट्रोजन, 40 किलोग्राम सल्फर और 20 किलोग्राम पोटाश इन के अलावा डीएपी भी डालना चाहिए. इसके अलावा मूंग की खेती में जिंक खाद का भी उपयोग करना चाहिए. यह आधुनिक ओआरटी तकनीक से तैयार किया जाता है. इसमें जिंक ऑक्साइड 14 प्रतिशत और सल्फर 67 प्रतिशत डब्ल्यूडीजी होता है. निर्धारित मात्रा में अगर मूंग की जड़ों में जिंक का इस्तेमाल किया जाए तो इससे किसान रिकॉर्ड तोड़ उत्पादन हासिल कर सकते हैं.
ये भी पढ़ेंः Brinjal Farming: गमले में बैंगन की खेती कर रहे लखनऊ के ये किसान, बंपर उपज की बताई टिप्स
सल्फर का इस्तेमाल करने से मूंग में प्रोटीन की मात्रा बढ़ती है साथ ही यह उत्पादन बढाने का काम करता है. क्योंकि अगर मूंग के पौधे में सल्फर की कमी होती है तो इसकी बढ़वार रुक जाती है. साथ ही उत्पादन में इसका असर दिखाई देता है. सल्फर की कमी से उत्पादन तो कम प्राप्त होता है पर इस उत्पादन की क्वालिटी भी अच्छी नहीं होती है. इसके साथ ही फार्टिस और टेक्नोजेड मूंग की खेती के लिए बहुत जरूरी है. मूंग का उत्पादन बढ़ाने के लिए प्रति हेक्टेयर चार किलोग्राम टेक्नोजेड और 6 किलोग्राम फार्टिस का इस्तेमाल करना चाहिए.
ये भी पढ़ेंः Successful Farmer: मथुरा के किसान ने गेहूं की नई किस्म से लिया बंपर उत्पादन, सफल तकनीक का किया खुलासा
जब मूंग की फसल की 20 से 30 दिन की हो जाए तब तीन किलोग्रान फार्टिस को खेत में डालना चाहिए. इसके बाद जब फसल 40-50 दिनों की हो जाए तब तीन किलोग्राम और फार्टिस खेत में डालना चाहिए. जबकि टेक्नोजेड को चार किलोग्राम की दर से खेत में उस समय डालना चाहिए जब फसल 25 से 30 दिनों की हो जाए. इसके बाद फिर से दो किलोग्राम टेक्नोजेड डालना चाहिए जब मूंग की फसल 45-55 दिनों की हो जाती है इस बीज मूंग की बुवाई के 10-15 दिन बाद खाद डाल सकते हैं.16 किलोग्राम खाद को 100 लीटर पानी में अच्छे से मिलाकर मूंग के छोटे पौधे में छिड़काव किया जा सकता है इससे उत्पादन बढ़ता है.
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today