गेंदा फूल की खेती काफी फायदेमंद होती है क्योंकि इसकी मांग पूरे साल रहती है और पूरे साल इसके अच्छे दाम मिलते हैं. गेंदा फूल की खेती भारत के किसानों के लिए इसलिए उपयुक्त मानी जाती है क्योंकि इसकी खती के लिए सुबह से लेकर शाम तक सूर्य की रोशनी की जरूरत होती है. इसलिए यहां पर गेंदा की खेती खूब अच्छे से होती है. झारखंड के खूंटी जिले के कई किसानों ने भी गेंदा की खेती के जरिए अपने जीवन में खुशहाली लाई है. हालांकि गर्मी के सीजन में गेंदा फूल की खेती में सिंचाई करने की जरूरत होती है, इसलिए इसमें लागत बढ़ जाती है.
गेंदा फूल की खेती लगभग हर प्रकार की मिट्टी में की जा सकती है. पर बलुई मिट्टी जिसका पीएच मान 6.5 से 7.5 के बीच हो वहां पर इसकी खेती सबसे अच्छी होती है. इसके साथ की खेत में छायादार जगह नहीं होनी चाहिए और जल निकासी की उचित व्यवस्था खेत में होनी चाहिए. पौधों की रोपाई करने के लिए खेत तैयार करते समय खर-पतवार की सफाई अच्छे से करनी चाहिए. खेत में 15-20 सेंमी तक गहराई में सड़ी हुई खाद और रासायनिक खाद मिलाना चाहिए. पौधों की रोपाई क्यारियों में करनी चाहिए ताकि सिंचाई अच्छे से की जा सके. साथ ही दो क्यारियों के बीच में एक से डेड़ फीट की दूरी रखनी चाहिए. खेत में गोबर की खाद 200-250 क्विंटल प्रति हेक्टेयर की दर से डालनी चाहिए. इसके अलावा 200 किलोग्राम नाइट्रोजन और 80 किलोग्राम फास्फोरस डालने से फूल का उत्पादन बढ़ जाता है.
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गेंदा फूल की खेती में किसानों को दोगुनी कमाई होती है. गेंदा फूल की खेती में आने वाले लागत की बात करें को एक हेक्टेयर में फूल की खेती करने से लेकर इसे बाजार में बेचने तक में किसान को एक लाख रुपये तक खर्च करने पड़ते हैं. जबकि इससे किसानों को शुद्ध आय दो लाख रुपये तक होती है. इस प्रकार अगर शुद्ध मुनाफे की बात करें तो एक हेक्टेयर में गेंदे की खेती करके किसान एक लाख रुपये कमा सकते हैं. यह किसी भी अन्य फसल की खेती से होने वाली आय से अधिक है. इस तरह से किसान फूल की खेती करके अपनी आर्थिक स्थिति को मजबूत कर सकते हैं.
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गर्मी के महीने में की गई फूल की खेती मई महीने से शुरू होती है जो बरसात तक चलती है. पर यह देखा गया है कि जून के महीने में फूल का उत्पादन सबसे अधिक होता है. बारिश के मौसम में की गई फूल की खेती सिंतबर मध्य से शुरू होकर दिसंबर तक चलता है और दिबंसब की खेती मार्च तक चलती है.इस तरह से किसान पूरे साल फूलों का उत्पादन कर सकते हैं. अगर सही तरीके से फूल की खेती की जाए तो अफ्रीकन गेंदा का प्रति हेक्टेयर उत्पादन 200-250 प्रति क्विंटल तक होता है. जबकि फ्रेंच गेंदा का उत्पादन 100-125 क्विंटल प्रति हेक्टेयर की दर से होता है.
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