आम की खेती काफी फायदेमंद मानी जाती है. किसान एक बार इसकी खेती करके कई वर्षों तक अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं. बस शुरुआत में खेती करने के दौरान इसमें अधिक खर्च आता है. इसके बाद किसानों को सिर्फ रख-रखाव पर खर्च करना पड़ता है. इससे किसानों को अच्छा मुनाफा हो जाता है. इसलिए अब किसान आम की खेती की तरफ आकर्षित हो रहे हैं. साथ ही इसकी खेती को बढ़ावा देने का प्रयास भी सरकार की तरफ से किया जा रहा है. किसानों को कई योजनाओं का लाभ देकर उन्हें आम की खेती से जोड़ा जा रहा है. इससे आने वाले समय में आम का उत्पादन भी बढ़ेगा और किसानों की कमाई भी बढ़ेगी.
आम की खेती को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार के राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड की तरफ से किसानों को सब्सिडी दी जा रही है. इस सब्सिडी योजना के तहत किसानों को आम की खेती करने के लिए 40-50 प्रतिशत तक की सब्सिडी दी जाएगी. आम की खेती के लिए बोर्ड की तरफ से जो प्रोजेक्ट कॉस्ट रखा गया है, इसके तहत आम की खेती करने वाले किसानों को खर्च की राशि की अधिकतम सीमा डेढ़ से दो लाख रुपये प्रति एकड़ तय की गई है. स्कीम से जुड़ी जानकारी को विस्तार से पढ़ने के लिए किसान राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड की वेबसाइट पर जा सकते हैं. साइट पर उन्हें इस बारे में पूरी जानकारी मिलेगी.
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आम की खेती देश के अलग-अलग राज्यों में की जाती है. किसान अपने क्षेत्र की जलवायु और मौसम की परिस्थितियों को देखते हुए आम की किस्मों का चयन कर सकते हैं. क्षेत्र के मौसम और जलवायु के हिसाब से आम की किस्मों का चयन किया जाता है. इससे अच्छी पैदावार हासिल होती है. हालांकि अब सभी जगहों पर पर सभी किस्म के आम की खेती की जा रही है. किसान अपने अनुभव और तकनीक से आम की खेती कर रहे हैं. वे सही समय पर खाद और दवाओं का इस्तेमाल कर आम का बेहतर उत्पादन हासिल कर रहे हैं. आम की खेती करने के लिए पौधों से पौधों की दूरी 10 मीटर की होनी चाहिए. अगर आप सघन बागवानी कर रहे हैं तो दो पौधे के बीच की दूरी चार मीटर की होनी चाहिए.
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खेती करने के लिए किसान नर्सरी से आम की विभिन्न किस्मों के पौधे खरीद सकते हैं या फिर ग्राफ्टिंग तकनीक से भी आम के पौधे तैयार किए जाते हैं. यह तरीका कम खर्च वाला होता है. इस तरीके में मदर प्लांट से टहनी काट कर नर्सरी में लगे बीजू आम के पौधों में बांध कर नया पौधा तैयार किया जाता है. आम की खेती करने के लिए बारिश का मौसम शुरू होने से पहले ही गड्ढे तैयार किए जाते हैं. पौधों को लगाने के लिए एक मीटर गहरा, एक मीटर चौड़ा गड्ढा खोदना चाहिए. इन गड्ढों में जून महीने की शुरुआत में ही 20-30 किलोग्राम वर्मी कंपोस्ट और दो किलोग्राम नीम की खली डालनी चाहिए. इसके अलावा दीमक से बचाने के लिए 100 ग्राम थीमेट पाउडर डालना चाहिए. फिर इस गड्ढे में आम का पौधा लगाना चाहिए.
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