आम का सीजन है और लोग बाजारों से आम खरीद रहे हैं. ऐसे में खबर यह आ रही है कि इस साल आम की पैदावार कम हो सकती है. पैदावार कम होने के कारण इस बार आम की कीमतें भी अधिक हो सकती हैं. साथ ही इसकी मिठास में कमी आ सकती है. इन सबके पीछे की वजह ग्लोबल वार्मिंग को बताया जा रहा है. दरअसल आम के टिकोले (अमिया) बड़े से होने पहले ही पेड़ से गिर जा रहे हैं. इसका सीधा असर आम के उत्पादन पर पड़ने वाला है. जूनागढ़ के आम बगानों पर भी इसका असर देखने के लिए मिलने वाला है. गौरतलब है कि जूनागढ़ के केसर आम पूरी दुनिया में मशहूर है.
लोग हर साल गर्मियों में इस आम के बाजार में आने का इंतजार करते हैं. पर इस बार यह आम अपने चाहने वालों की जेब ढीली करने वाला है क्योंकि इस साल अधिक गर्मी के कारण आम बड़े होने से पहले ही गिर रहे हैं. इससे इस बार इसकी पैदावार में कमी आएगी और कीमतों में तेजी रहेगी. अधिक गर्मी के कारण जूनागढ़ तलाला, ऊना, कोडिनार समेत सभी इलाकों में आम की फसल को नुकसान पहुंचा है. आम के पेड़ों में नए पत्ते आने के साथ ही मंजर लगे और जैसे ही उनमें फलन शुरू हुआ, आम छोटी अवस्था में ही पेड़ से टूटकर गिरने लगे हैं. इसके चलते आम के बागों में भारी नुकसान हो रहा है.
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आम के फलों की गिरने की समस्या को लेकर कृषि विश्वविद्यालय के डॉक्टर जीआर गोहिल बताते हैं कि इस वर्ष मौसम की लगातार बदलती परिस्थितियों के कारण आम की संरचना में बदलाव हो गया है. इसके कारण इस साल आम में गुठली भी नहीं दिखाई दे रही है. जो आम आए थे वह भी सूखकर गिर गए हैं. सोरठ को केसर आम का हब माना जाता है. यहां भी गर्मी का असर दिख रहा है क्योंकि अनुमान लगाया जा रहा है कि उत्पादन पिछले साल की तुलना में काफी होगा. डॉ गोहिल ने उसके पीछे का कारण बताते हुए कहा कि नई विकसित पत्तियों में पोषक तत्वों की कमी है, इसलिए फल मजबूत नहीं हो रहे हैं.
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इस बार सोरठ पंथ में केसर आम को बाजार में आने में एक महीने से अधिक का समय लग सकता है. इस साल आम के उत्पादन में पिछले साल की तुलना में 20-30 फीसदी तक की कमी आ सकती है. इस साल आम के बागानों में मंजर आने में 40-50 दिन की देरी हुई है. इसके कारण फल लगने की प्रक्रिया के दौरान पेड़ों को अनुकूल तापमान नहीं मिला. तापमान में तेजी अधिक हो गई जिसके कारण छोटी अवस्था में ही फल पेड़ों से टूटकर गिरने लगे. पिछले साल 15 अप्रैल के आसपास आम बाजार में आ गया था पर इस बार एक महीने की देरी से आएगा. हालांकि इस बार यह महंगा हो सकता है क्योंकि उत्पादन कम हो रहा है. मिठास में थोड़ी कमी रह सकती है क्योंकि मौसम के हिसाब से नहीं पक रहा है.
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