झारखंड में विधानसभा चुनावों की तारीखों का एलान अब तक नहीं हुआ है. अभी से ही राज्य में चुनावों में जीत सुनिश्चित करने के लिए पार्टियां लग गई हैं. बीजेपी के लिए झारंखड इस बार प्रतिष्ठा का विषय बन गया है क्योंकि लोकसभा चुनाव में पार्टी के प्रदर्शन में गिरावट दर्ज की गई है. राज्य में इस खोई साख को वापस हासिल करने के लिए भारतीय जनता पार्टी (BJP) से ही रेस हो गई है. पार्टी से केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान और असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा को झारखंड में जीत सुनिश्चित करने की कमान सौंपी है. असम के मुख्यमंत्री लगातार झारखंड आ रहे हैं. पार्टी नेताओं के साथ बैठकें कर रहे हैं. राज्य में बीजेपी की स्थिति की जानकारी ले रहे हैं.
झारखंड में जीत सुनिश्चित करने के लिए वोटरों को लुभाने के लिए पार्टी केंद्रीय योजनाओं को भुनाने के चक्कर में हैं. केंद्र सरकार द्वारा झारखंड को दिए जा रहे फंड और योजनाओं की जानकारी देने के लिए जिला से लेकर प्रदेश तक के नेताओं को पार्टी ने निर्देशित किया है. हिमंत बिस्वा सरमा ने रांची में राज्य के पूर्व मंत्री नीलकंठ सिंह मुंडा के आवास पर बीजेपी नेताओं से भी मुलाकात कर चुनाव की रणनीति पर चर्चा की. असम के सीएम ने कहा कि बीजेपी के कार्यकर्ता उत्साह में हैं. राज्य की जनता भ्रष्टाचार, वादाखिलाफी और विकास नहीं होने की स्थिति से परेशान है, ऐसे में जनता को हमसे काफी उम्मीदें हैं.
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हालांकि इस बीच अलग-अलग विधानसभा सीटों में उम्मीदवार का चयन करना पार्टी के लिए नई मुसीबत बन सकती है. राजधानी रांची की रांची विधानसभा सीट भी एक ऐसी ही सीट है, जहां पर उम्मीदवार को चयन को लेकर बीजेपी के नेताओं को काफी माथपच्ची करनी पड़ सकती है. इस सीट पर लगभग एक दर्जन ऐसे नेता हैं जो अपनी दावेदारी पेश कर रहे हैं. रांची विधानसभा सीट बीजेपी की पारंपरिक सीट कही जाती है. यहां से लगातार छह बार विधायक रहे सीपी सिंह की दावेदारी स्वाभाविक तौर पर बनती है. हालांकि उम्मीदवारों के चयन से पहले बीजेपी सर्वे करा रही है.
ऐसे में इस सीट पर उम्मीदवार के चयन को लेकर बीजेपी में माथापच्ची होना तय माना जा रहा है. रांची विधानसभा एक सामान्य सीट है इसलिए इस सीट पर दावेदारों की संख्या अधिक है. इस बार इस सीट से प्रदेश उपाध्यक्ष बालमुकंद सहाय का भी नाम सामने आ रहा है. जबकि राज्यसभा के पूर्व सांसद अजय मारू भी रांची सीट से अपनी किस्मत आजमाना चाहते हैं. इनमें एक और कद्दावर नाम सामने आ रहा है रांची के डिप्टी मेयर संजीव विजयवर्गीय. इनके अलावा राकेश भास्कर, रमेश सिंह, संदीप वर्मा, भाजयुमो में पूर्व अध्यक्ष अमित सिंह, प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव जैसे कई नाम सामने हैं जिससे बीजेपी के लिए उम्मीदवार का चयन करने में मुसीबत हो सकती है.
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रांची के अलावा हटिया विधानसभा भी अनारक्षित सीट है. इस सीट से नवीन जायसवाल विधायक हैं. इस सीट पर उनकी दावेदारी प्रबल है. पर इस बीच चुनाव में बीजेपी की सहयोगी रही आजसू पार्टी भी इस सीट के लिए अपनी दावेदारी पेश कर सकती है क्योंकि हाल ही में आजसू ने एक बड़े अखबार में फुल पेज एड देकर हटिया विधानसभा से भावी उम्मीदवार का जिक्र किया था. ऐसे में इस सीट को लेकर भी बीजेपी और आजसू के बीच किचकिच हो सकती है. ऐसे में यह देखना बड़ा दिलचस्प रहेगा कि इस बार के चुनाव में पार्टी किस चेहरे पर विश्वास करती है.
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