झारखंड सरकार ने दिए नुकसान के सर्वे के निर्देश (सांकेतिक तस्वीर)झारखंड सरकार ने शुक्रवार को अधिकारियों को राज्य में चक्रवात 'मोंथा' से हुए फसल नुकसान का आकलन करने और 72 घंटों के भीतर रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया. एक अधिकारी ने बताया कि इस सप्ताह चक्रवात के कारण हुई बेमौसम बारिश से खरीफ फसलों और सब्जियों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है. उन्होंने कहा कि गढ़वा, पलामू, रांची, पाकुड़, दुमका, हजारीबाग और राज्य के अन्य जिलों से फसल क्षति की सूचना मिली है.
अधिकारी ने बताया कि राज्य सरकार ने सभी संबंधित जिला अधिकारियों से बीमित किसानों को बिरसा प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (बी-पीएमएफबीवाई) की प्रक्रिया के बारे में जागरूक करने का भी आग्रह किया है. झारखंड के पूर्व कृषि मंत्री बादल ने भी राज्य सरकार से चक्रवात 'मोंथा' के कारण हुए फसल नुकसान का संज्ञान लेने का आग्रह किया था. उन्होंने शुक्रवार को एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि चक्रवात मोन्था के कारण धान के खेतों में बीमारियों और बेमौसम बारिश के कारण फसलों और सब्जियों को गंभीर नुकसान की खबरें विभिन्न समाचार माध्यमों से मिल रही हैं. परिचालन दिशानिर्देशों के अनुसार, किसानों को ऐसे नुकसान के बारे में घटना के 72 घंटों के भीतर सूचित करना आवश्यक है.
हालांकि झारखंड के ऊपर से अभी तक संकट के बादल छटे नहीं है. भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने शुक्रवार को झारखंड के 13 जिलों में भारी बारिश का 'येलो' अलर्ट जारी किया है. जिन जिलों के लिए 'येलो' (सावधान रहें) अलर्ट जारी किया गया है उनमें चतरा, हजारीबाग, रामगढ़, कोडरमा, गिरिडीह, धनबाद, बोकारो, देवघर, जामताड़ा, दुमका, गोड्डा, साहिबगंज और पाकुड़ शामिल हैं. IMD के बुलेटिन के अनुसार, इन जिलों में 1 नवंबर तक भारी से बहुत भारी वर्षा होगी.
झारखंड के साथ ही आंध्र प्रदेश में भी चक्रवात मोंथा से भारी तबाही हुई है. आंध्र प्रदेश सरकार ने शुक्रवार को केंद्र को एक रिपोर्ट सौंपी, जिसमें प्रारंभिक आकलन के अनुसार चक्रवात 'मोंथा' से 5,244 करोड़ रुपये के नुकसान का अनुमान लगाया गया है. चक्रवात से फसलों को व्यापक क्षति हुई. इस रिपोर्ट के मुताबिक, 1.38 लाख हेक्टेयर कृषि उपज प्रभावित हुई, जिससे 829 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ और 1.74 लाख किसान प्रभावित हुए. विजयानंद ने बताया कि बागवानी क्षेत्र में 12,215 हेक्टेयर भूमि को नुकसान पहुंचा है, जिससे 40 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है, जबकि जलीय कृषि क्षेत्र में 514 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. (सोर्स- PTI)
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