जशपुर में किसान ने 6 महीने में जमा किए 40 हज़ार के सिक्के, मेहनत की कमाई से खरीदी स्कूटी

जशपुर में किसान ने 6 महीने में जमा किए 40 हज़ार के सिक्के, मेहनत की कमाई से खरीदी स्कूटी

छत्तीसगढ़ के जशपुर में किसान ने 10 और 20 रुपये के सिक्कों में छह महीने तक बचत कर स्कूटी खरीदी. शोरूम मालिक ने किसान की ईमानदारी से प्रभावित होकर दिया खास उपहार.

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जशपुर में किसान ने 6 महीने में जमा किए 40 हज़ार के सिक्के, मेहनत की कमाई से खरीदी स्कूटीजशपुर के किसान ने सिक्कों से खरीदी स्कूटी

मेहनत और ईमानदारी की मिसाल पेश करते हुए जशपुर के एक किसान ने अपनी 6 महीने की बचत से 10 और 20 रुपये के सिक्कों में 40 हजार रुपये जमा किए और उन्हीं सिक्कों से देवनारायण होंडा शोरूम से स्कूटी खरीदी. किसान जब बोरे में भरे सिक्के लेकर शोरूम पहुंचा, तो वहां मौजूद सभी लोग हैरान रह गए.

शोरूम के कर्मचारियों को सिक्कों को गिनने में कई घंटे लगे. बाकी की राशि किसान ने नोटों में दी. किसान का कहना था कि वह अपनी सुविधा के लिए यह स्कूटी खरीदना चाहता था और इसके लिए उसने छह महीने तक रोजाना मेहनत से कमाए पैसे बचाकर रखे थे.

शोरूम में खुशी का माहौल

शोरूम के मालिक आनंद गुप्ता ने किसान की मेहनत और सादगी की सराहना की और न केवल खुशी-खुशी सिक्के स्वीकार किए, बल्कि किसान परिवार को स्कूटी के साथ एक विशेष उपहार भी भेंट किया.

आनंद गुप्ता ने कहा, “किसान की मेहनत और ईमानदारी देखकर हमें बहुत खुशी हुई. 40 हजार के सिक्के गिनने में समय लगा, लेकिन उनकी मेहनत का मोल ज्यादा है. हमने उन्हें स्कूटी के साथ एक छोटा सा उपहार भी दिया.” आनंद गुप्ता के लिए भी यह खुशी का क्षण था क्योंकि उनका ग्राहक एक ऐसा किसान था जो मेहनत पसीने की कमाई से शोरूम में स्कूटी खरीदने पहुंचा था. किसान की खुशी को देखकर शोरूम के सभी कर्मचारियों में खुशी की लहर दौड़ गई.

किसान का भरपूर स्वागत

स्कूटी एजेंसी में किसान का खूब स्वागत हुआ. कर्मचारियों में स्वागत के लिए भरपूर उत्साह देखा गया. किसान के दिए सिक्कों को टेबल पर रखा गया जिसे गिनना भी मुश्किल था. बाद में एजेंसी के कर्मचारियों ने कूपन के जरिये किसान को एक उपहार दिया. उपहार में मिक्सर ग्राइंडर दिया गया. एजेंसी ने 'होंडा जॉय फेस्ट' के नाम से अभियान चलाया था जिसमें ग्राहकों को गिफ्ट दिया गया. किसान का गिफ्ट भी इसी अभियान का हिस्सा था.

जशपुर में यह कहानी अब चर्चा का विषय बन गई है — जहां मेहनत, सादगी और आत्मसम्मान की मिसाल पेश करता यह किसान लोगों के लिए प्रेरणा बन गया है.(शुभम सिंह का इनपुट)

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