भारत सरकार ने बासमती चावल को छोड़कर सभी तरह के कच्चे चावल के निर्यात पर बैन लगा दिया है. यानी केवल गैर-बासमती कच्चा चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगाया गया है. वहीं ये फैसला आगामी त्योहारी सीजन के दौरान घरेलू डिमांड में बढ़ोतरी और खुदरा कीमतों पर नियंत्रण को ध्यान में रखकर लिया गया है. लेकिन निर्यात पर बैन की एक और वजह है, वह है-इथेनॉल के लिए चावल का इस्तेमाल. मालूम हो कि इथेनॉल गन्ना के अलावा, चावल, मक्का और खराब अनाजों से भी बनाया जाता है. क्योंकि सिर्फ गन्ना से ही इथेनॉल बनाने का लक्ष्य पूरा नहीं किया जा सकता.
वहीं, सरकार फूड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया यानी कि FCI के जरिये सरप्लस चावल डिस्टिलरी कंपनियों को सप्लाई करती है, ताकि इथेनॉल का उत्पादन हो सके. लेकिन अब इस सप्लाई पर रोक लग सकती है, क्योंकि दिनों दिन चावल की महंगाई बढ़ती जा रही है. जिसका असर इथेनॉल की कीमतों पर देखने को मिल सकता है. इसी बीच, चीनी कंपनियां सरकार से इथेनॉल की कीमत बढ़ाने की मांग कर रही हैं. पढ़ें ये रिपोर्ट-
शुगर इंडस्ट्री ने सरकार से इथेनॉल की कीमत मौजूदा 65.61 रुपये प्रति लीटर से बढ़ाकर 69.85 रुपये प्रति लीटर करने का अनुरोध किया है. बिनेसलाइन की रिपोर्ट के मुताबिक, एक उद्योग निकाय ने कहा कि यह बढ़ोतरी इंडस्ट्री के लिए जरूरी है. उत्पादन क्षमता बढ़ाने के लिए 17,500 करोड़ रुपये के अतिरिक्त निवेश की आवश्यकता है.
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दरअसल, खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग को लिखे एक पत्र में, इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन (ISMA) ने कहा है कि 2025 तक पेट्रोल में 20 प्रतिशत मिश्रण लक्ष्य हासिल करने के लिए लगभग 1,200 करोड़ लीटर इथेनॉल की आवश्यकता है. इसमें कहा गया है कि शुगर इंडस्ट्री ने इथेनॉल सप्लाई ईयर में 2022-23 (दिसंबर-अक्टूबर) में 400 करोड़ लीटर की सप्लाई का अनुबंध किया है. उद्योग निकाय ने एक बयान में कहा, "अतिरिक्त 800 करोड़ लीटर के लिए, इस्मा का अनुमान है कि बड़े पैमाने पर क्षमता में बढ़ोतरी के लिए निवेश पर उचित रिटर्न के साथ 17,500 करोड़ रुपये के निवेश की आवश्यकता होगी."
मालूम हो कि सरकार हर साल इस्तेमाल किए गए फीड स्टॉक के आधार पर इथेनॉल कीमतें तय करती है और उसके बाद ओएमसी मिलों और डिस्टिलरीज के साथ अनुबंध करती है. 2022-23 के लिए इथेनॉल की कीमतें 60.73 रुपये प्रति लीटर हैं यदि बी-हैवी मोलेसेस (शीरा) से बनाया गया है, 58.50 रुपये प्रति लीटर यदि एफसीआई द्वारा सप्लाई किए गए चावल से बनाया गया है, 56.35 रुपये प्रति लीटर यदि मक्का से बनाया गया है, 55.54 रुपये प्रति लीटर यदि टूटे हुए चावल या खराब अनाज से बनाया गया है, और यदि सी- हैवी मोलेसेस (शीरा) से बना है तो 49.41 रुपये प्रति लीटर है.
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