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Maharashtra: बारिश के कारण 50 हजार हेक्टेयर में लगी फसल हुई बर्बाद, अंगूर और प्याज सबसे अधिक प्रभावित

Maharashtra: बारिश के कारण 50 हजार हेक्टेयर में लगी फसल हुई बर्बाद, अंगूर और प्याज सबसे अधिक प्रभावित

बारिश और ओलावृष्टि के कारण लगभग 50,000 हेक्टेयर में लगी फसल बर्बाद हुई है. यह भी पता चला है कि नासिक, बुलढाणा और अहमदनगर जिले के किसान सबसे अधिक प्रभावित हुए हैं.

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Heavy loss of crops due to rain Heavy loss of crops due to rain

महाराष्ट्र में रविवार औऱ सोमवार को हुई बारिश ने फसलों को काफी तबाही पहुंचाई है. बेमौसम हुई बारिश औऱ ओलावृष्टि के कारण महाराष्ट्र के मराठवाड़ा और विदर्भ जिले के पश्चिमी और उत्तरी हिस्सों में काफी तबाही हुई है. बारिश के कारण खड़ी फसलों और मकानों को काफी नुकसान हुआ है. कई मकान क्षतिग्रस्त हो गए हैं. बताया जा रहा है कि मराठवाड़ा में छत्रपति, संभाजीनगर, जालनास परभणी, हिंगोली, नांदेड़ और बीड में कई जगहों पर जबरदस्त बारिश हुई है. कृषि विभाग से मिली जानकारी के अनुसार नासिक जिले के चार प्रखंडों में के अलावा पुणे के अंबेगांव में और शिरुर में भी अचानक आई तेज बारिश से काफी नुकसान हुआ है. वहीं नासिक, अहमदनगर और पुणे में बारिश के साथ-साथ ओलावृष्टि का सामना करना पड़ा है.

हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक महाराष्ट्र के कृषि आयुक्त प्रवीण गेदाम ने कहा कि बारिश के बाद हुए नुकसान को के आकलन को लेकर सभी जिलों के कलेक्टर से बात की गई है. शुरुआती चर्चा में अनुमान लगाया गया है कि बारिश और ओलावृष्टि के कारण लगभग 50,000 हेक्टेयर में लगी फसल बर्बाद हुई है. यह भी पता चला है कि नासिक, बुलढाणा और अहमदनगर जिले के किसान सबसे अधिक प्रभावित हुए हैं. फसलों की बात करें तो प्याज औऱ अंगूर को सबसे अधिक नुकसान हुआ है. अब जिले के कलेक्टरों द्वारा इसकी जांच की जाएगी. 

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अंगूर की खेती हुई है प्रभावित

अंगूर की खेती को सबसे अधिक नुकसान नासिक के निफाड तहसील में हुए है क्योंकि यहां पर अंगूर काटने के लिए तैयार थे और बारिश हो गई जिसके कारण यह क्षतिग्रस्त हो गए. इधर बारिश के बाद स्थिति का जायजा लेने के लिए नासिक जिले के संरक्षक मंत्री दादा भुसे ने बारिश प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि नासिक जिले के कई इलाकों में बारिश के कारण सबसे अधिक नुकसान अंगूर किसानों को हुआ है. साथ ही कहा की उन्होंने नासिक जिला कलेक्टर से जल्द की नुकसान का आकलन करने का निर्देश दिया है. दादा भुसे ने कहा कि किसानों के संकट को कम करने के लिए मुख्यमंत्री कोष से आपातकालीन वित्तीय सहायता की मांग की जाएगी. 

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किसानों को जल्द मिलेगा मुआवजा

वहीं पुणे की बात करें तो यहां पर अत्यधिक बारिश के कारण सबसे अधिक नुकसान  अवसारी बुद्रुक, मेंगाडेवाड़ी, जारकरवाड़ी, पोंडेवाड़ी, खड़कवाड़ी, धामनी, लोनी, वालुंजनगर, रणमाला, लाखनगांव और कथापुर बुद्रुक जैसे गांवों को हुआ है. यह गांव बहुत प्रभावित हुए हैं. जिले के संरक्षक मंत्री वाल्से पाटिल ने बारिश प्रभावित इलाकों का दौरा किया और बारिश प्रभावित किसानों को आश्वासन दिया की उनकी परेशानी कम करने के लिए वित्तीय सहायता दी जाएगी. साथ ही उन्होंने कहा कि किसानों को जल्द मुआवजा मिले इसके लिए जल्द की नुकसान का आकलन किया जाएगा. 

कैबिनेट में पेश किया जाएगा मुआवजे का प्रस्ताव

वाल्से पाटिल ने कहा कि बारिश के कारण गन्ना, आलू, प्याज, ज्वार, अनार, मक्का और गेहूं जैसी फसलों को नुकसान हुआ है. उनके साथ कई और अधिकारी भी नुकसान का आकलन करने गए थे. वहीं रविवार को हुई बारिश के कारण अंबेगांव औऱ शिरुर तालुका में हुए नुकसान का आकलन करके क्लेक्टोरेट में जमा करने का आदेश प्रशासन को दिया गया है. इसके आधार पर किसानों को अतिरिक्त मुआवजा दिलाने के लिए कैबिनेट में प्रस्ताव पेश किया जाएगा. बारिश के कारण प्याज की फसल को नुकसान हुआ है.