जींद के किसान कांग्रेस के एक नेता के खिलाफ मोर्चे पर उतर आए हैं. इन किसानों का एक जत्था रविवार को दिल्ली में कांग्रेस नेता दीपक बाबरिया से मिला. किसानों ने मांग की है कि वे मौजूदा सांसद बृजेंद्र सिंह को लोकसभा चुनाव न लड़ाएं. बृजेंद्र सिंह ने अभी हाल में हिसार लोकसभा सीट से बीजेपी से इस्तीफा देकर कांग्रेस जॉइन की है. भिवानी जिले के ऊचाना कलां के किसानों ने कांग्रेस नेता सोनिया गांधी और मल्लिकार्जुन खरगे के नाम एक ज्ञापन सौंपा और हिसार से किसी और कैंडिडेट के नाम का ऐलान करने की मांग की.
विरोध कर रहे किसानों का कहना है कि उन्होंने हरियाणा कांग्रेस प्रभारी को इस बारे में जानकारी दे दी थी कि वे कांग्रेस से बृजेंद्र सिंह को उम्मीदवार बनाए जाने से नाखुश हैं. किसानों का कहना है कि सभी किसान और मजदूर बृजेंद्र सिंह और उनके पिता बीरेंद्र सिंह से नाराज हैं. इन नेताओं ने भारतीय जनता पार्टी में रहते हुए तीन कृषि कानूनों की वकालत की थी. हालांकि अब उन तीनों कानूनों को निरस्त कर दिया गया है. 'टाइम्स ऑफ इंडिया' की एक रिपोर्ट के मुताबिक, किसान संघवादी और हरियाणा संयुक्त किसान मोर्चा के सदस्य आजाद पलवा ने कहा कि बृजेंद्र सिंह ने आईएएस अधिकारी के पद से इस्तीफा देकर 2019 में किसान समुदाय के लिए वोट मांगे. फिर सांसद बने और किसानों को धोखा दिया गया.
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संयुक्त किसान मोर्चा के सदस्य ने कहा कि एक समय था जब बृजेंद्र सिंह निरस्त हो चुके तीनों कृषि कानूनों के पक्ष में थे. उन्होंने कभी भी कृषि कानूनों के खिलाफ हो रहे किसानों के आंदोलन का समर्थन नहीं किया. अब वह कांग्रेस में शामिल हो गए हैं और कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं. किसानों की नाराजगी के बावजदू अगर कांग्रेस उन्हें अपना उम्मीदवार बनाकर मैदान में उतारती है तो बृजेंद्र सिंह को किसानों और मजदूरों की कड़ी नाराजगी का सामना करना पड़ेगा. इससे पहले ऊचाना कलां के किसानों के प्रतिनिधिमंडल ने हरियाणा कांग्रेस के अध्यक्ष से मुलाकात की थी और बृजेंद्र सिंह का नामांकन रोकने की मांग की थी.
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गौरतलब है कि तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों द्वारा चलाए गए पहले किसान आंदोलन के दौरान बृजेंद्न सिंह ने किसानों के आंदोलन का विरोध किया था. हालांकि उस वक्त बृजेंद्र सिंह भारतीय जनता पार्टी में थे पर इस बार उन्हें कांग्रेस ने अपना प्रत्याशी बनाया और हिसार लोकसभा सीट से चुनावी मैदान में उतारा है. किसान इसका विरोध कर रहे हैं. किसानों का कहना है कि सिंह परिवार का लक्ष्य सिर्फ चुनाव लड़ना है. पंजाब और हरियाणा में बीजेपी, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के उम्मीदवारों को कई लोकसभा क्षेत्रों में इस तरह के विरोध का सामना करना पड़ रहा है.
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