तेलंगाना में सिंचाई के लिए पानी की कमी और क्षतिग्रस्त फसलों के लिए मुआवजे की मांग को लेकर किसानों का आंदोलन जारी है. इधर व्यापारियों द्वारा धान खरीद को लेकर किसानों को दिए जा रहे प्रलोभन से किसान और गुस्से में आ गए हैं. व्यापारियों द्वारा धान के स्टॉक की खरीद के लिए कच्चा सौदा किया जा रहा है. व्यापारियों की तरफ से दिए गए इस प्रस्ताव से आंदोलनकारी किसान और भड़क गए. उनके विरोध को देखते हुए प्रशासन को मजबूर होना पड़ा और चार व्यापारियों के खिलाफ मामला भी दर्ज करना पड़ा. व्यापारियों के खिलाफ यह कार्रवाई जनगांव में हुई.
'तेलंगाना टुडे' की एक रिपोर्ट के मुताबिक जनगांव में व्यापारी न्यूनतम समर्थन मूल्य से 500-600 रुपये कम देकर धान खरीदने की पेशकश कर रहे थे. इससे किसानों को नुकसान उठाना पड़ रहा था. इससे परेशान होकर किसानों ने अधिकारियों से इस मामले में हस्तक्षेप करने की मांग करते हुए विरोध प्रदर्शन किया. किसानों के विरोध प्रदर्शन को देखते हुए अतिरिक्त कलेक्टर रोहित सिंह को बाजार में आने के मजबूर होना पड़ा. यहां आकर अधिकारियों ने किसानों को समझा-बुझाकर शांत किया. कई किसान ऐसे थे जो परेशान होकर अपनी फसल को जलाने की बात कर रहे थे. पर अधिकारियों ने उन्हें आश्वासन दिया कि वे सरकार से इस मुद्दें पर बात करेंगे और किसानों को उनकी धान की उचित कीमत दी जाएगी.
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दरअसल राज्य में रबी सीजन के लिए राज्य में खरीद की प्रक्रिया अच्छे तरीके से शुरू हुई थी. नागरिक आपूर्ति आयुक्त देवेंद्र सिंह चौहान ने मार्च के अंतिम सप्ताह से धान खरीद की सुविधा दी. वे खुद लगभग प्रति घंटे के आधार पर सभी बाजारों में धान की आवक और खरीद की निगरानी कर रहे थे. फिर उन्हें राजस्थान के चुनाव पर्यवेक्षक के तौर पर नियुक्त कर दिया गया. इसके बाद से निगम की सेवाओं पर इसक असर पड़ा. अधिकारियों ने बताया कि राज्य सरकार ने चुनाव आयोग को धान खरीद के इस इस महत्वपूर्ण समय में उन्हें चुनाव ड्यूटी से बाहर रखने का अनुरोध भी किया था, पर आयोग की तरफ से अनुरोध को स्वीकार नहीं किया गया.
जब नागरिक आपूर्ति आयुक्त देवेंद्र सिंह चौहान को जनगांव में हए इस प्रकरण की जानकारी मिली, उन्होंने तुरंत ही इस मामले की जांच के आदेश दिए और संबंधित बाजार समिति के सचिव के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश दिया. इसके साथ ही उन चार व्यापारियों के खिलाफ मामला भी दर्ज किया गया है जिन्होंने स्टॉक में अत्यधिक नमी और खराब गुणवत्ता का बहाना बनाकर किसानों से 1551 रुपये प्रति क्विंटल धान खरीदने की पेशकश की.अधिकारियों का कहना है कि यह सरासर किसानों को साथ धोखाधड़ी है क्योंकि राज्य सरकार किसानों से 2203 रुपये प्रति क्विंटल की दर से एमएसपी पर धान की खरीद कर रही है.
जनगांव की घटना को देखते हुए विशेष रूप से नागरिक आपूर्ति अधिकारियों और सभी जिलों में प्रशासन को अलर्ट पर रखा गया था. इसके अलावा उन्हें मंडियों में धान की आवक की निगरानी करने का काम भी सौंपा गया था. इधर घटना को गंभीरता से लेते हुए मुख्यमंत्री ए रेवंत रेड्डी ने गुरुवार को एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि सरकार अनाज खरीद के प्रति ईमानदार है. उन्होंने कहा कि व्यापारियों के साथ बाजार समिति के अधिकारियों की मिलीभगत बर्दाश्त नहीं की जाएगी. उन्होंने विभाग से उन चार व्यापारियों के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज करने को कहा, जिन्होंने किसानों को धोखा देने की कोशिश की और अतिरिक्त कलेक्टर को बधाई दी, जिन्होंने मौके पर ही जनगांव बाजार सचिव को निलंबित करने का आदेश दिया.
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मुख्यमंत्री ने कहा कि वे चाहते हैं कि किसानों से धान खरीद के मामले में राज्य भर के अधिकारी सतर्क रहें और यह सुनिश्चित करें कि किसानों को धान का उचित मूल्य मिले. गौरतलब है कि धान खरीद के लिए नागरिक आपूर्ति निगम ने 7149 धान खरीद केंद्र खोलने का फैसला किया था. अधिकारियों ने कहा कि कि इनमें से 5422 केंद्र पहले से ही उन जिलों में काम कर रहे थे जहां धान की आवक बढ़नी शुरू हो गई थी. उन्होंने बताया कि 443 केंद्रों पर 4345 किसानों से 31,215 मीट्रिक टन से अधिक धान खरीदा गया.
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