Garlic Price: इस राज्य में 400 रुपये किलो हुआ लहसुन, अभी कीमतों में गिरावट की नहीं है कोई उम्मीद

Garlic Price: इस राज्य में 400 रुपये किलो हुआ लहसुन, अभी कीमतों में गिरावट की नहीं है कोई उम्मीद

एगिनिया मंडी के महासचिव शक्ति शंकर मिश्रा ने कहा कि पिछले साल बेमौसम बारिश के कारण उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में लहसुन की फसल पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई थी, जिसके कारण आपूर्ति में भारी कमी आई. वहीं, नई फसल की कटाई में देरी ने हालात और खराब कर दिए हैं.

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Garlic Price: इस राज्य में 400 रुपये किलो हुआ लहसुन, अभी कीमतों में गिरावट की नहीं है कोई उम्मीदलहसुन की कीमतों में बढ़ोतरी. (सांकेतिक फोटो)

महंगाई है कि कम होने का नाम नहीं ले रही है. एक चीज सस्ती होती है, तब तक दूसरी चीज महंगी हो जाती है. अभी लहसुन की बढ़ती कीमतों ने लोगों को परेशान कर रखा है. खास कर पिछले एक हफ्ते से लहसुन की कीमतें आसमान छू रही हैं. शुक्रवार को ओडिशा की राजधानी भुनेश्वर में लहसुन की खुदरा कीमत 400 रुपये किलो हो गई. इससे लोगों के किचन का बजट बिगड़ गया है. महंगाई के चलते कई परिवारों ने लहसुन खरीदना ही छोड़ दिया है. कहा जा रहा है कि ओडिशा में पिछले एक महीने की तुलना में इस हफ्ते लहसुन की कीमत बढ़कर दोगुनी हो गई.

द न्यू इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, भुवनेश्वर में एगिनिया मंडी में शुक्रवार को लहसुन सबसे अधिक महंगा बिका. हालांकि, इस मंडी को छोड़कर राज्य भर में लहसुन का थोक मूल्य 350 रुपये से 370 रुपये प्रति किलो दर्ज किया गया. विक्रेताओं ने कहा कि राज्य में लहसुन की कम आपूर्ति के कारण पिछले एक महीने से कीमतों में बढ़ोतरी हुई है. व्यापारियों ने कहा कि डिमांड को पूरा करने के लिए वे गुजरात और राजस्थान, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश से लहसुन की सप्लाई कर रहे हैं.

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कब आएगी कीमतों में गिरावट

एगिनिया मंडी के महासचिव शक्ति शंकर मिश्रा ने कहा कि पिछले साल बेमौसम बारिश के कारण उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में लहसुन की फसल पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई थी, जिसके कारण आपूर्ति में भारी कमी आई. वहीं, नई फसल की कटाई में देरी ने हालात और खराब कर दिए हैं. उन्होंने कहा कि बारिश के खराब मौसम के बाजूद किसानों ने लहसुन की फसल दोबारा बोई थी. लेकिन फसल तैयार होने में अभी 15 दिन लगेगा. शक्ति शंकर मिश्रा ने कहा कि फरवरी महीने के अंत तक नई फसल स्थानीय बाजारों में आ जाएगी. इसके बाद कीमतों में गिरावट आ सकती है.

40 टन लहसुन की होती है खपत

शक्ति शंकर मिश्रा ने कहा कि एगिनिया मंडी ओडिशा के सबसे बड़ी मंडी है. यहां से कई जिलो में लहसुन की सप्लाई होती है. एगिनिया बाजार में रोज 20 से 40 टन लहसुन की खपत होती है. वहीं, कटक के छत्र बाजार में विक्रेताओं को दोहरी समस्या का सामना करना पड़ रहा है. भले ही उन्हें लहसुन का स्टॉक कम मिल रहा हो, लेकिन कीमत बढ़ने के कारण इसका अधिकांश हिस्सा बिना बिके रह जाता है.

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स्टॉक में लहसुन सड़ रहे हैं

छात्र बाजार ब्याबसायी संघ के सचिव देबेंद्र साहू ने कहा कि पहले रोजाना 40 से 50 टन लहसुन की आवक होती थी. लेकिन अब स्टॉक घटकर 10 से 20 टन रह गया है. उन्होंने कहा कि महंगाई के चलते बहुत से लोग लहसुन की खरीदारी नहीं कर रहे हैं. ऐसे में स्टॉक में पड़े- पड़े लहसुन सड़ रहे हैं. उनकी माने तो अगले 20 से 25 दिनों तक स्थिति ऐसी ही रहेगी. इसके बाद की कीमतों में सुधार हो सकता है.

 

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