न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी कि MSP गारंटी कानून लागू करने समेत अन्य मांगों को लेकर किसानों का विरोध प्रर्दशन जारी है. इस बीच खबर आ रही है कि शंभू बॉर्डर और खनौरी बॉर्डर पर विरोध कर रहे तीन किसानों की मौत हो गई है. इन तीन किसानों की मौत के साथ ही किसान आंदोलन के दौरान मरने वाले लोगों की संख्या 10 हो गई है. किसानों का यह आंदोलन पिछले 35 दिनों से चल रहा है और 36 दिनों में अब तक 10 किसानों की मौत हो चुकी है. बताया जा रहा है कि किसान दिल्ली तक ट्रैक्टर मार्च निकालने के इंतजार में शंभू बॉर्डर पर बैठे हुए थे. दिल का दौरा पड़ने से किसानों की मौत हुई है. मृत किसानों के नाम बिशन सिंह, बलकार सिंह और तहल सिंह बताए जा रहे हैं.
'टाइम्स ऑफ इंडिया' की एक रिपोर्ट के मुताबिक, मृतक किसान 72 वर्षीय बिशन सिंह लुधियाना जिले के पखोवाल प्रखंड अंतर्गत खंडूर गांव के रहने वाले थे. वो भारतीय किसान यूनियन (एकता सिधुपुर) से जुड़े हुए थे. 13 फरवरी को हुए दूसरे किसान आंदोलन की शुरुआत से ही वो शंभू बॉर्डर पर विरोध कर रहे थे. उन्हें सांस लेने में तकलीफ होने के बाद राजपुरा से सरकारी अस्पताल में ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया.
उनके यूनियन के ब्लॉक महासचिव करमजीत पखोवाल ने बताया कि बिशन सिंह सिर्फ एक एकड़ में खेती करते थे. उनके ऊपर बकाया कर्ज भी था. अपने पीछे वह पांच भाई छोड़ गए हैं. वहीं भारतीय किसान यूनियन (एकता सिधुपुर) के प्रेस सचिव गुरदीप सिंह चहल ने दावा किया कि कुछ दिन पहले हरियाणा पुलिस के आंसू गैस के हमले का सामना करने के बाद बिशन सिंह को सांस लेने में दिक्कत हो रही थी.
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वहीं दूसरे मृतक किसान 80 वर्षीय बलकार सिंह अजनाला के पास तेरा कलां गांव के रहने वाले थे. उनकी मौत राजपुरा रेलवे स्टेशन में हो गई जब वो अपने घर जाने के लिए ट्रेन का इंतजार कर रहे थे. राजपुरा सरकारी रेलवे पुलिस के जीआरपी के सहायक निरीक्षक ने कहा कि उन्हें परेशानी होने के बाद अस्पताल ले जाया गया. इसके बाद परिवार को सूचित किया गया. बताया जा रहा है कि अस्वस्थ महसूस होने के कारण वो अपने घर जा रहे थे. बलकार सिंह की मौत पर केएमएम से नेता सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि बलकार सिंह शंभू बॉर्डर पर विरोध प्रदर्शन कर रहे थे. राजपुरा के वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी डॉ विधि चंद ने कहा कि बिशन सिंह और बलकार सिंह दोनों ही मृत अवस्था में अस्पताल लाए गए थे. फिलहाल उनका शव मुर्दाघर में रखा हुआ है. आज दोनों का पोस्टमॉर्टम किया जाएगा.
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तीसरे मृतक किसान 40 वर्षीय तहल सिंह मनसा जिले के भठनाल गांव के रहने वाले थे. वे खनौरी बॉर्डर पर विरोध प्रदर्शन करने के बाद अपने घर लौटे थे. रविवार की रात उनकी मृत्यु हो गई. इस तरह से आंदोलन के 35वें दिन मरने वाले किसानों की संख्या 10 हो गई है. बता दें कि किसान आंदोलन को लेकर 13 फरवरी से किसान खनौरी और शंभू बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे हैं. किसानों के विरोध की बात करें तो अब वे 23 मार्च को बड़े आंदोलन की तैयारी कर रहे हैं.
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