किसान तक आम सभा के एक सेशन आम बाजार में आम निर्यातक अकरम बेग ने आम का निर्यात और बाजार में अधिक पकड़ बनाने के लिए आम की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान देने की बात कहीं. उन्होंने कहा कि सिर्फ आम की गुणत्ता और पैकैजिंग पर ध्यान देते हुए प्रति किलों आम की कीमतों में 20 रुपये का मुनाफा कमाया जा सकता है. जबकि इसके लिए सिर्फ किसानों को 10 रुपये प्रति किलो खर्च करने होंगे. उन्होंने कहा कि एक्सपोर्ट क्वालिटी के आम का वजन 250 ग्राम होना चाहिए. इस आम की पैकेजिंग में ढाई रुपये का खर्च आता है. पर आम की गुणवत्ता बनी रहती है. इसके अलावा अकरम बेग ने हार्वेस्टिंग के तरीकों को भी सुधारने की बात कहीं.
अकरम बेग ने कहा कि आम की गुणवत्ता हमारे लिए एक बड़ी चुनौती है. हालांकि मलीहाबाद में एक पैक हाउस बना हुआ है. पर इसकी संख्या बढ़ाने की जरूरत है. उन्होंने हार्वेस्टिंग के तरीकों पर फोकस करते हुए कहा कि कई बार एक बैगिंग नहीं भी की गई है और सही तरीके से हार्वेस्टिंग की गई है तो भी आम किसानों को काफी फायदा होता है. हालांकि एक्सपोर्ट में परेशानी आती है क्योंकि कई बार निर्यात के मामले में बायर की तरफ से समय से पैसा नहीं मिलता है इसलिए निर्यातकों को परेशानी होती है और वो निर्यात नहीं करना चाहते हैं. वो स्थानीय बाजार की तालाश करते हैं. उन्होने कहा कि आम के एक्सपोर्ट के लिए एसओपी बनाने की जरुरत है.
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आम के किसानों को खुशखबरी देते हुए उन्होंने कहा कि इस बार किसानों को 40-50 रुपये प्रति किलो की कीमत मिलेगी. साथ ही कहा की इस बार दुबई और ओमान से आम के ऑर्डर मिले हैं. उनका लक्ष्य है कि इस बार कम से कम 10 कंटेनर आम का निर्यात किया जाए. एक कंटेनर में लगभग 15 टन आम रहता है. अकरम बेग ने कहा कि इसके अलावा भी देश में आम का बाजार खुला है. जो किसान आम को एक्सपोर्ट नहीं कर पा रहे हैं वो देश के कई शहरों में इसे भेज सकते हैं. बैंगलोर और दिल्ली में आम की अच्छी मांग होती है. उन्होंने कहा कि हम किसानों को आम की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए हार्वेस्टिंग तकनीक दे रहे हैं और तकनीक भी दे रहे हैं.
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अपने अनुभवों को बताते हुए अकरम बेग ने कहा कि भारत में आम का एक बड़ा बाजार है. आम से सीजन में फल दुकानों में सिर्फ आम ही दिखाई पड़ता है. जब वो पहली बार निर्यात के क्षेत्र में आए थे तब उन्होंने सबसे पहले चौसा आम लंदन भेजा था. उन्होंने कहा कि आम की गुणवत्ता बढ़ाना एक चुनौती हैं पर अच्छी बात यह है कि किसान लगातार इसके लिए कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने कहा किसान अगर चाहे तो एफपीओ बना कर निर्यात कर सकते हैं. उन्होंने कहा है कि इस बार एक्सपोर्ट में फायदा होगा क्योंकि सीआईएसएच की तऱफ से जारी गाइडलाइन का पालन किया जाएगा और आम की सेल्फ लाइफ बढ़ेगी. उन्होंने कहा कि यूपी के आम से बेहतर जायका और खूशबू कहीं की नहीं होती है.साथ ही कहा कि अगर गुणवत्ता में सुधार किया जाए तो आम के निर्यात में जरूर बढ़ोतरी होगी.
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