![किसानों की ट्रैक्टर रैली किसानों की ट्रैक्टर रैली](https://akm-img-a-in.tosshub.com/lingo/ktak/images/story/202402/65c9cf0b3883a-tractor-rally-125554126-16x9.jpg?size=948:533)
13 फरवरी को किसानों के प्रस्तावित दिल्ली मार्च को लेकर जहां एक तरफ पुलिस की तरफ से चाक चौंबद व्यवस्था की जा रही है नहीं दूसरी तरफ न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद की गारंटी के कानून के लिए किसान महापंचायत के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामपाल जाट के नेतृत्व में राजस्थान के सैकड़ो ट्रैक्टर के साथ सड़कों पर उतर आए हैं. किसानों कहा कहना है कि न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद की गारंटी का कानून देश के सभी किसानों की आवाज है. इसके अतिरिक्त देशभक्ति बुद्धिजीवियों सहित अन्य वर्ग भी इस मांग के समर्थन में है. जनता की आवाज को दबाना तानाशाही का प्रतीक है.जिन किसानों ने केंद्र में सरकार बनाई थी उन्हीं किसानों पर पुलिस राज थोपना लोकतंत्र विरोधी एवं जन भावनाओं को कुचलने वाला कृत्य है.
पंजाब एवं हरियाणा के किसानों के साथ देश का किसान खड़ा है. राजस्थान में भी आज अजमेर जिले की अराई तहसील से किसान अजमेर जिला मुख्यालय तक का कूच करने की तैयारी में हैं. इसी दिशा में उठाया जा रहा कदम है. किसानों ने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि सरकार का ढंग का तानाशाही का रहा तो देश के किसानों के सभी ट्रैक्टर सड़कों पर आते देर नहीं लगेंगी. किसानों कहा कि अगर राजस्थान में डबल इंजन की सरकार है तो सरकार यह भी भूले की देश में किसानों के ट्रैक्टरों की संख्या कितनी है.
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गौरतलब है कि किसानों में पूर्वी राजस्थान नहर के संबंध में मध्य प्रदेश एवं राजस्थान के मध्य हुए एम. ओ. यू. को सार्वजनिक नहीं करने और फ़सल खराब होने पर भी किसानों को क्षतिपूर्ति नहीं होने से रोष व्याप्त है. राजस्थान की जनता को आशंका है कि इस एम.ओ.यू .के कारण राजस्थान को प्राप्त होने वाले पानी की मात्रा आधी रह जाएगी, जिससे सिंचाई असंभव हो जायेंगी. वहीं 13 जिलों की जनता को पीने का पानी भी पर्याप्त उपलब्ध नहीं हो सकेगा.जिसके कारण राजस्थान की जीवन रेखा कही जाने वाली इस परियोजना का मूल स्वरूप ही बिगड़ जाएगा. इसी दर्द को व्यक्त करने के लिए किसानों ने खेत को पानी-फसल को दाम आन्दोलन चलाया हुआ है.
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पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ईसीआरपी)राजस्थान और मध्यप्रदेश की एक महत्वपूर्ण परियोजना है. इस परियोजना के जरिए राजस्थान के 13 जिलों में 2.80 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी उपलब्ध होगा. यह परियोजना इसलिए भी खास है क्योंकि वर्षों से चली आ रही पेयजल समस्या का समाधान इसके जरिए हो सकेगा. इस परियोजना के तहत मध्यप्रदेश में सात बांध बनाए जाएंगे. मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादन ने कहा कि इस परियोजना के जरिए शिवपुरी, ग्वालियर, भिंड, मुरैना इंदौर, देवास सहित अन्य जिलों में पेयजल और ओद्योगिक जरुरतों को पूरा करेंगी.
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