मुर्गीपालन ग्रामीण इलाकों में रोजगार का एक बेहतरीन जरिया होता है. खास कर महिलाओं के लिए यह काम काफी बेहतर होता है क्योंकि इस काम को महिलाएं अपने घर से कर सकती हैं. इतना ही नहीं, मुर्गीपालन करने के लिए बेहद कम लागत की भी जरूरत होती है. आदिवासी परिवारों में मुर्गी पालन सबसे अधिक किया जाता है क्योंकि हर आदिवासी परिवार में मुर्गी रखी जाता है. इन परिवारों में कुपोषण को दूर करने के लिए मुर्गी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है क्योंकि इसका इस्तेमाल अंडे और मांस के लिए किया जाता है. साथ ही यह एटीएम की तरह होता है क्योंकि जब भी पैसों की जरूरत पड़ती है, इसे बेचकर मुर्गीपालक पैसे कमा सकते हैं.
मुर्गी पालन में अधिक फायदा कमाने के लिए कुछ खास चीजों पर ध्यान देना पड़ता है. मुर्गियां समय से अंडा दें और स्वस्थ रहें, इसके लिए उनके खान-पान पर भी ध्यान देना पड़ता है. मुर्गियों के रहने के लिए कैसा घर बना हुआ है, इस पर ध्यान देना पड़ता है. इनके लिए घर ऐसा होना चाहिए जहां पर वो आराम से रह सकें. साथ ही बीमारियों से भी दूर हो सकें. मुर्गियों का घर हवादार होना चाहिए और रोशनी की पर्याप्त व्यवस्था होनी चाहिए. इस खबर में हम आपको बताएंगे कि मुर्गियों का घर बनाते वक्त किन बातों का ध्यान रखना चाहिए.
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1-मुर्गियों का घर बनाने के लिए स्थानीय स्तर पर मिलने वाली सामग्री जैसे बांस का इस्तेमाल कर सकते हैं और इसकी दिशा पूर्व-पश्चिमी की ओर होनी चाहिए.
2-मुर्गियों के रहने वाले घर के फर्श को घर की फर्श से एक फीट ऊंचा बनाना चाहिए ताकि बीट नीचे जमा हो जाए और उनके बैठने की जगह में जलजमाव नहीं हो. साथ ही जमा हुए बीट का इस्तेमाल खाद के लिए किया जा सकता है.
3-मुर्गीघर के निर्माण में बहुत अधिक खर्च नहीं करना चाहिए. पर यह ध्यान रखना चाहिए कि घर मजबूत और आरामदायक हो. साथ ही इसमें मुर्गियां सुरक्षित रह सकें, घर ऐसा बना हो.
4-मुर्गियों के घर का फर्श बांस, लकड़ी या मिट्टी से समतल करके बनाया जा सकता है.
5-मुर्गियों के घर का फर्श ऐसा होना चाहिए कि यह नमी या दरार पड़ने से बचा रहे. साथ ही आसानी से साफ किया जा सके. इसके अलावा यह मजबूत होना चाहिए और ऐसा होना चाहिए कि इसमें चूहे प्रवेश नहीं कर सकें.
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6-जिन प्रदेशों में बारिश अधिक होती है, उन प्रदेशों में छत ऐसी होनी चाहिए कि बारिश का पानी बहकर निकल जाए. घर की छत दीवार से तीन फीट बाहर तक निकली होनी चाहिए. गांवों में आसानी से उपलब्ध पैरा का इस्तेमाल छत बनाने के लिए किया जा सकता है. पैरा से ढंकी छत से पानी टपकने की गुंजाइश नहीं होती है.
7-मुर्गी घरों के आस-पास पेड़ लगाना चाहिए, ताकि घर पर पेड़ों की छाया पड़ती रहेगी.
8-दीवारों के लगभग 75 प्रतिशत हिस्से को बांस की जाली बनाकर ढंके. जालीदार दीवार में मोटा बोरा का पर्दा लगाएं. इसे गोल घुमाकर ऊपर बांध कर रखें ताकि आवश्यकतानुसार बारिश या तेज धूप पड़ने पर उसे खोल कर नीचे लटका दें. इससे गर्मियों में मुर्गियों को गर्मी से बचाया जा सकता है. गर्मी के दिनों में बोरों में गर्म पानी डालकर ठंडा रखें.
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