ग्वार लता वाले समूह का एक पौधा है. इसके पौधों पर निकलने वाली फलियां सेम या बीन्स कहलाती हैं जिन्हें सब्जी के रूप में इस्तेमाल किया जाता है. साल भर मिलने वाली यह सब्जी स्वाद में भले ही लाजवाब न हो लेकिन अगर इसके गुणों की बात करें तो यह सेहत के लिए बहुत ही फायदेमंद होती है. इसे क्लस्टर बीन्स के नाम से भी जाना जाता है. इसमें पोषक तत्वों की भरमार होती है. ग्वार खाने से बढ़ते वजन को कम किया जा सकता है.
इसके अलावा हार्ट संबंधी परेशानियों को भी दूर किया जा सकता है. वहीं किसान इसकी खेती कर बेहतर मुनाफा भी कमा सकते हैं. अगर आप भी ग्वार की खेती करना चाहते हैं और उसकी उन्नत वैरायटी कोहिनूर 51 का बीज मंगवाना चाहते हैं तो आप नीचे दी गई जानकारी की सहायता से बीज ऑनलाइन अपने घर पर मंगवा सकते हैं.
राष्ट्रीय बीज निगम (National Seeds Corporation) किसानों की सुविधा के लिए ऑनलाइन ग्वार की उन्नत किस्म कोहिनूर 51 का बीज बेच रहा है. इस बीज को आप ओएनडीसी के ऑनलाइन स्टोर से खरीद सकते हैं. यहां किसानों को कई अन्य प्रकार की फसलों के बीज भी आसानी से मिल जाएंगे. किसान इसे ऑनलाइन ऑर्डर करके अपने घर पर डिलीवरी करवा सकते हैं.
'कोहिनूर 51 आईयूएस' किस्म के क्लस्टरबीन (ग्वार) के NSC बीज अब 500 ग्राम के पैक में @ONDC_Official पर उपलब्ध हैं।
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ग्वार की कोहिनूर 51 किस्म का फल हरे रंग का होता है. इसके फल अन्य किस्मों से लंबे होते हैं. इस ग्वार की बीज को लगाने के 48-58 दिनों के अंदर पहली तुड़ाई शुरु हो जाती है. वहीं ये किस्म 90 से 100 दिनों में पूरी तरह से तैयार हो जाती है. इस किस्म की खेती किसान तीनों सीजन यानी रबी, खरीफ और जायद में कर सकते हैं.
अगर आप भी ग्वार की कोहिनूर 51 किस्म की खेती करना चाहते हैं तो इस किस्म के बीज का 500 ग्राम का पैकेट फिलहाल 42 फीसदी की छूट के साथ 550 रुपये में राष्ट्रीय बीज निगम की वेबसाइट पर मिल जाएगा. इसे खरीद कर आप आसानी से ग्वार की खेती कर सकते हैं.
NSC के सर्वोत्तम किस्म के मिर्च 'पूसा ज्वाला' वैरायटी के बीज अब @ONDC_Official पर 100gm. के पैक में उपलब्ध है।
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भारत में हरी मिर्च का मसालों में अपना एक अहम रोल है क्योंकि चटपटे भोजन का स्वाद लेना हो तो मिर्च सबसे जरूरी चीजों में से एक है. पूसा ज्वाला किस्म हरी मिर्च की एक खास वैरायटी है. इस किस्म के पौधे बौने और झाड़ीनुमा होते हैं. ये मिर्च हल्के हरे रंग की होती है. इस किस्म की औसतन पैदावार 34 क्विंटल प्रति एकड़ होती है. वहीं यह किस्म 130 से 150 दिन में पक कर तैयार हो जाती है. अगर आप भी हरी मिर्च की खेती करना चाहते हैं तो इस किस्म के बीज का 100 ग्राम का पैकेट फिलहाल 20 फीसदी की छूट के साथ 65 रुपये में राष्ट्रीय बीज निगम के वेबसाइट पर मिल जाएगा.
NSC Mustard RH-725 Truthfully Labeled Seeds are now available @ONDC_Official in 1 Kg pack.
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सरसों रबी फसल की एक प्रमुख तिलहन फसल है. इस फसल का भारत की अर्थव्यवस्था में एक महत्वपूर्ण स्थान है. सरसों उत्पादन और क्षेत्रफल की दृष्टि से विश्व में चीन और कनाडा के बाद भारत का स्थान है. सरसों की आरएच 725 किस्म की विशेषता ये है कि यह प्रजाति 136 से 143 दिनों में पक कर तैयार हो जाती है. इसकी फलियां लंबी होती हैं और फलियों में दानों की संख्या 17 से 18 तक होती है. दानों का आकार मोटा है. अगर आप भी सरसों की उन्नत किस्म की खेती करना चाहते हैं तो RH-725 किस्म के एक किलो के पैकेट फिलहाल 28 फीसदी छूट के साथ 150 रुपये में राष्ट्रीय बीज निगम की वेबसाइट पर मिल जाएंगे.
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