बिहार की सियासत में पिछले कुछ दिनों से चला आ रहा सियासी उठापटक अब अंजाम तक पहुंचता नजर आ रहा है. पिछले तीन दिनों से बिहार में नीतीश कुमार के महागठबंधन से अलग होने वाली बात पर अब मुहर लग चुका है क्योंकि नीतीश कुमार ने रविवार की सुबह इस्तीफा देकर महागठबंधन से अलग हो गए हैं. वहीं अब नीतीश कुमार की नेतृत्व वाली जनता दल (जेडीयू) और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के बीच गठबंधन पर बात फाइनल हो चुकी है. नीतीश कुमार ही नई सरकार के मुख्यमंत्री होंगे यहा भी लगभग तय हो चुका है.
ऐसे में गठबंधन टूटने के बाद कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़ने ने नीतीश कुमार को आया राम-गया राम की संज्ञा दी तो प्रशांत किशोर ने कहा कि नीतीश कुमार फिर से पलटी मारेंगे. वहीं, कई मौकों पर विरोधी नेता नीतीश कुमार को पलटूराम कह चुके हैं. आज शाम जेडीयू बीजेपी गठबंधन की एनडीए सरकार का शपथ ग्रहण होना प्रस्तावित है. ऐसे में आइए जानते हैं कि नीतीश कुमार कितनी बार अपने कार्यकाल में पलटी मार चुके हैं.
नीतीश कुमार पहले समता पार्टी, फिर जेडीयू के गठन के बाद से ही बीजेपी के साथ रहे. साल 2013 में बीजेपी ने प्रधानमंत्री पद के लिए गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को उम्मीदवार घोषित कर दिया और इसी को आधार बनाकर नीतीश ने साल 1996 से चला आ रहा गठबंधन तोड़ने का ऐलान कर दिए. तब 243 वाली बिहार विधानसभा में 117 सदस्यों के साथ जेडीयू सबसे बड़ी पार्टी थी. कांग्रेस के चार, चार निर्दलीय और सीपीआई के एक विधायक ने भी विश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग के दौरान नीतीश सरकार के पक्ष में मतदान किया था.
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नीतीश कुमार ने जिन लालू यादव की सरकार के विरोध की बुनियाद पर अपनी सियासी जमीन बनाई, 2014 में उन्हीं की पार्टी के साथ गठबंधन कर लिया. 2015 के विधानसभा चुनाव में जेडीयू-आरजेडी के महागठबंधन को पूर्ण बहुमत के साथ सरकार चलाने का जनादेश मिला. आरजेडी को जेडीयू से अधिक सीटों पर जीत मिली और नीतीश कुमार के नेतृत्व में महागठबंधन की सरकार बनी.
नीतीश की महागठबंधन सरकार में तेजस्वी डिप्टी सीएम थे. तेजस्वी का नाम भ्रष्टाचार के एक मामले में आया. इसके बाद नीतीश का मन बदल गया. साल 2017 में वह आरजेडी से गठबंधन तोड़कर बीजेपी के साथ आ गए. 2019 का लोकसभा चुनाव और 2020 का बिहार चुनाव जेडीयू ने बीजेपी के साथ मिलकर लड़ा. लोकसभा चुनाव में जेडीयू को 16 सीटों पर जीत मिली लेकिन विधानसभा चुनाव में पार्टी महज 43 सीटों पर सिमट गई.
नीतीश कुमार ने साल 2022 में फिर से बीजेपी का हाथ झटक आरजेडी से गठबंधन कर लिया. नीतीश कुमार ने आरजेडी के साथ मिलकर सरकार बना ली और तेजस्वी यादव ने उनकी सरकार में डिप्टी सीएम की शपथ ली. महागठबंधन में दूसरी बार शामिल होने के बाद नीतीश कुमार राजनीतिक रूप से काफी सक्रिय भी नजर आ रहे थे. नीतीश ने बीजेपी को हराने के लिए विपक्षी पार्टियों को एकजुट करने की मुहिम छेड़ी और कोलकाता से दिल्ली, लखनऊ से चेन्नई तक एक कर दिया, लेकिन आज फिर से 28 जनवरी 2024 को उन्होंने एक बार और पलटी मार दी.
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