ग्वार कम समय में तैयार होने वाली एक फसल है. भारत और पाकिस्तान में इसका उत्पादन किया जाता है. इसके अलावा अमेरिका, चीन, ऑस्ट्रेलिया और अफ्रीकी महाद्वीप के कुछ हिस्सों समेत अन्य देशों में यह पाया जाता है. इस फसल की खासियत यह है कि किसान बुवाई के तीन से चार महीने के बाद ही इसकी कटाई कर सकते हैं. बालू वाली मिट्टी में इसके पौधे की ग्रोथ अच्छी होती है. इसके बीज के अंकुरण के लिए रोपाई के बाद बारिश की जरूरत होती है. साथ ही पौधों के बेहतर विकास के लिए अच्छी खिली हुई धूप की जरूरत होती है. हालांकि थोड़ी कम बारिश से भी पोधों का विकास अच्छे तरीके से हो जाता है.
ग्वार से ग्वार गम निकाला जाता है जो जेल की तरह होता है. इसका उपयोग डेयरी सहित कई तरह के फूड प्रोडक्ट में किया जाता है. डाइट के सप्लीमेंट में भी इसका उपयोग होता है. ग्वार गम का सबसे अधिक उपयोग डेयरी प्रोडक्ट में होता है. जैसे आईसक्रीम, मिल्क शेक, दही और डेजर्ट आदि. यही वजह है कि ग्वार की खेती हमेशा से लाभदायक मानी जाती रही है क्योंकि किसानों को इसमें कभी घाटा नहीं लगता. ग्वार से बनने वाला गम किसानों की अच्छी कमाई कराता है.
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डेयरी उद्योग के लिए ग्वार गम काफी उपयोगी साबित होता है. इसका उपयोग प्रोबायोटिक सोर्स के रूप में किया जाता है. यह संभावित प्रोबायोटिक बैक्टिरिया या आंतों के माइक्रोफ्लोरा के विकास को तेज करता है. हाइड्रोलाइजेबल ग्वार गम पानी में घुलनशील एक फाइबर है और यह ऊपरी गैस्ट्रो आंत की लाइन में नहीं पचता है. पशुओं के दाने में भी इसका प्रयोग होत है. यह कोलोनिक माइक्रोबायोटा को परिवर्तित कर शॉर्ट चेन फैटी एसिड के उत्पादन को बढ़ाकर पशुओं के स्वास्थ्य को लाभ पहुंचाता है. इससे दूध उत्पादन बढ़ता है.
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1950 के दशक की शुरुआत से ही ग्वार गोंद का उपयोग प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ बनाने के लिए किया जाता रहा है. ग्वार गम में खाद्य पदार्थों को गाढ़ा करने, उन्हें बांधने और एंटी फ्रीज के रूप में काम करने के लिए किया जाता है. इस तरह से यह खाद्य उद्योग के लिए भी एक महत्वपूर्ण सोर्स बन गया है. यह बर्फ के क्रिस्टल को बनने से रोकता है और आइस्क्रीम को मलाईदार बनाता है. बेकिंग उद्योग में ग्वार गम आटे की मात्रा को बढ़ाता है और अधिक समय तक सही रूप से बनाए रखता है. यह आटा को गाढ़ा करता है. इसके अलावा ग्लूटेनमुक्त बेक्ड व्यंजन तैयार करने के लिए यह एक बेहतरीन बाइंडिंग एजेंट के तौर पर काम करता है. ग्वार गम के बीज की भूसी और एंडोस्पर्म दोनों में ही काफी मात्रा में प्रोटीन होता है.
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