मालदा: पिछले सीजन में मालदा में खाद बेचने को लेकर कई व्यापारियों पर कालाबाजारी का आरोप लगा था. शिकायत के आधार पर जिला प्रशासन ने सख्त कार्रवाई भी की थी. इसलिए इस साल कृषि विभाग ने सीजन की शुरुआत से ही सख्त कदम उठाए हैं. प्रशासन ने खाद की कालाबाजारी रोकने के लिए इस सीजन से पीओएस डिवाइस (ऑनलाइन सिस्टम) से खाद की बिक्री शुरू कर दी है. थोक दुकानों से लेकर खुदरा व्यापारियों तक कुछ व्यापारियों को पीओएस डिवाइस के माध्यम से उर्वरक बेचने का निर्देश दिया गया है, लेकिन अभी भी कई व्यापारी सरकारी दिशानिर्देशों का उल्लंघन कर उर्वरक बेच रहे हैं.
इस बीच प्रशासन की ओर से नियमित निगरानी शुरू कर दी गयी है. निगरानी के दौरान कई कारोबारी रंगे हाथ पकड़े गये. इनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के लिए प्रशासन द्वारा खाद की बिक्री बंद कर दी गई है. पढ़ें पूरी रिपोर्ट-
मालद जिला कृषि कार्यालय सूत्रों के अनुसार, यह निगरानी हर ब्लॉक स्तर पर नियमित रूप से चल रही है. जांच में लापरवाही सामने आने पर विभिन्न प्रखंडों के करीब 20 व्यापारियों को उर्वरक बिक्री बंद करने का आदेश दिया गया है. आरोपी व्यापारी कथित तौर पर पीओएस उपकरणों का उपयोग किए बिना उर्वरक बेच रहे थे. जिले के विभिन्न हिस्सों के करीब 10 डीलरों को भी यही सजा दी गयी है. वे सरकारी दिशानिर्देशों के अनुसार उर्वरक भी नहीं बेच रहे थे.
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कृषि विभाग के अधिकारियों द्वारा नियमित रूप से इस तरह की कार्रवाई हो रही है. विभाग प्रमुख नियमित रूप से प्रत्येक ब्लॉक स्तर के व्यापारियों के गोदाम घरों का निरीक्षण कर रहे हैं. कहीं भी कोई गड़बड़ी पाए जाने पर तत्काल कार्रवाई की जा रही है. क्योंकि पहले मालदह के विभिन्न हिस्सों में सीजन में खाद की कालाबाजारी बड़े पैमाने पर होती थी. कालाबाजारी के कारण आम किसानों को परेशानी होती है. जिले में कालाबाजारी पिछले वर्षों में देखी गयी है. इसलिए इस सीजन में किसानों के हित में और व्यापारियों को सही तरीके से उर्वरक बेचने के लिए कई कदम उठाए गए हैं.
सरकार की गाइडलाइन का पालन नहीं करने वालों पर कृषि विभाग सख्त कार्रवाई कर रहा है. अब कृषि विभाग द्वारा नियमित रूप से ऐसे अभियान चलाये जायेंगे. कृषि अधिकारी देबनाथ मजूमदार ने कहा, हमने पहले से ही निगरानी शुरू कर दी है. जो लोग उचित प्रक्रिया अपनाकर उर्वरक नहीं बेच रहे हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई की गई है. यह अभियान जारी रहेगा.
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