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जम्मू-कश्मीर में भी जल्द होगी मुर्रा भैंस के दूध की सप्लाई, वीटा डेयरी ने बनाया प्लान  

जम्मू-कश्मीर में भी जल्द होगी मुर्रा भैंस के दूध की सप्लाई, वीटा डेयरी ने बनाया प्लान  

नस्लीय भैंसों की बात करें तो देश में सबसे ज्यादा संख्या मुर्रा भैंस की है. मुर्रा भैंस देश में 6 करोड़ के आसपास हैं. वहीं मुर्रा भैंस के दूध में भी कई गुण पाए जाते हैं. इस वजह से इसके दूध की मांग बनी रहती है.

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वीटा डेयरी का प्रतीकात्मक फोटो. वीटा डेयरी का प्रतीकात्मक फोटो.

जम्मू-कश्मीर वालों के लिए एक बड़ी खुशखबरी है. जल्द ही उन्हें भी देश की चर्चित मुर्रा भैंस का दूध पीने को मिलेगा. देश ही नहीं विदेशों में भी मुर्रा के दूध की सप्लाई हो रही है. जल्द ही हरियाणा की वीटा डेयरी जम्मू-कश्मीर में अपनी यूनिट खोलने जा रही है. इसके लिए अभी शुरुआती तैयारी चल रही हैं. पीपीपी मॉडल पर यूनिट शुरू करने की बात हो रही है. इसके लिए जम्मू की एक संस्था ने ही पहल की है. गौरतलब रहे अमूल और पंजाब की स्टेट डेयरी ने भी जम्मू में अपना काम शुरू कर दिया है. 

नस्लीय भैंसों की बात करें तो देश में सबसे ज्‍यादा संख्यक मुर्रा भैंस की है. मुर्रा भैंस देश में जहां 6 करोड़ के आसपास हैं, वहीं दूसरी नस्ले की भैंसे 50 लाख के आंकड़े से भी नीचे हैं. सबसे ज्यादा मुर्रा भैंस हरियाण और यूपी में पाई जाती हैं. भदावरी भैंस भी यूपी के आगरा जिले की बाह तहसील की है. वहीं बानी नस्ल गुजरात से आती है. गायों के मुकाबले कम संख्या में होने के बाद भी देश के कुल दूध उत्पादन में भैंस के दूध की हिस्सेदारी 45 फीसद है.  

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वीटा डेयरी के सीईओ ने बताया जम्मू-कश्मीर का प्लान 

वीटा डेयरी के सीईओ चरण जीत सिंह ने किसान तक से बात करते हुए बताया कि हाल ही में जम्मू की एक संस्था ने वीटा डेयरी को एक प्रस्ताव दिया है. प्रस्ताव यह है कि हरियाणा की वीटा डेयरी जम्मू-कश्मीर में अपनी यूनिट लगाए. कश्मीर में दूध की सप्लाई दे. संस्था पीपीपी मॉडल पर वीटा के साथ काम करने को तैयार है. संस्था के साथ चंडीगढ़ में दो चरण की बातचीत हो चुकी है. अभी वीटा डेयरी का उच्च  स्तर पर निर्णय लेना बाकी है. उसके बाद ही कोई कदम आगे बढ़ाया जाएगा.

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मुर्रा भैंस के दूध के गुण जानने के बाद विदेश से हरियाणा आईं थी कंपनी 

इंडोनेशिया-मलेशिया और इंग्लैंड की कुछ कंपनी वीटा डेयरी के अधिकारियों से मिली थीं. उनके पास मुर्रा भैंस से जुड़ी कुछ जानकारियां थीं. उसी जानकारी के आधार पर वो मुर्रा भैंस का दूध खरीदने आए थे. उनका कहना था कि ताकत की दवाईयां बनाने के लिए उन्हें जिस तरह का दूध चाहिए वो सारे पैरामीटर मुर्रा भैंस का दूध पूरे करता है.

दूध भारत से इंडोनेशिया-मलेशिया भेजने के दौरान किसी तरह के कैमिकल का इस्तेमाल न हो इसके लिए कंपनी ने सोनीपत में अपना ठिकाना बनाया हुआ है. वो डेयरी से दूध खरीदकर खुद अपने हिसाब से उसे इंडोनेशिया और मलेशिया भेजती हैं.    

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