Tomato Price: देशभर में टमाटरों की कीमतें आसमान छू रही हैं. बहुत सारे शहरों में तो टमाटर के रेट 200 रुपये प्रति किलो को भी पार कर गए हैं. वहीं, टमाटर की बढ़ती कीमतों को देखते हुए केंद्र सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है. दरअसल, केंद्र सरकार लोगों को रियायती दरों पर टमाटर बेच रही है. वहीं सरकार ने गुरुवार को टमाटर की रेट 80 रुपये प्रति किलो से कम करके 70 रुपये प्रति किलो कर दिए हैं. विशेषज्ञों के अनुसार, केंद्र के दखल के बाद टमाटर की कीमतों में गिरावट शुरू हो गई है, लेकिन कीमतें 30 रुपये प्रति किलोग्राम के आसपास स्थिर होने से पहले अगस्त के मध्य तक कीमतों में उतराव-चढ़ाव जारी रह सकता है. ऐसे में आइए जानते हैं टमाटर की कीमतें कब तक स्थिर होंगी-
बिजनेसलाइन की रिपोर्ट के मुताबिक, बी2सी एग्री-प्रोड्यूस डिलीवरी प्लेटफॉर्म ओटिपी के संस्थापक और सीईओ वरुण खुराना ने कहा कि टमाटर की कीमतों में मौजूदा गिरावट का रुख जारी रहने की उम्मीद है और कीमतें अगस्त के मध्य तक स्थिर हो सकती हैं. खुराना ने कहा, "अनुमान है कि कीमतें लगभग 30 रुपये प्रति किलोग्राम के दायरे में स्थिर हो जाएंगी."
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इसी तरह का दृष्टिकोण साझा करते हुए, राष्ट्रीय बागवानी अनुसंधान और विकास फाउंडेशन (एनएचआरडीएफ) के निदेशक पीके गुप्ता ने कहा कि कीमतें सामान्य स्तर पर लौटने से पहले अगले 10 दिनों में 50 रुपये प्रति किलोग्राम तक हो सकती हैं.
वहीं, Nuture.farm के हेड ऑफ फार्म बिजनेस तुषार त्रिवेदी ने कहा, “जैसे-जैसे मॉनसून स्थिर होता है, बाजारों तक सब्जियों की पहुंच में सुधार होता है. नतीजतन, सब्जियों की कीमतें स्थिर होने लगती हैं और अगस्त-सितंबर में धीरे-धीरे नीचे आ जाती हैं.”
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क्रेड्यूस के एमडी और संस्थापक शैलेन्द्र सिंह ने कहा, “कीट, रोग और अत्यधिक मौसम प्रतिरोधी टमाटर की किस्मों पर शोध करने की तत्काल आवश्यकता है. इसके अलावा, हमें ऐसे मुद्दों से निपटने के लिए किसानों को स्मार्ट कृषि सिखाने की जरूरत है.”
एग्री एक्सपर्ट्स के अनुसार, हाल ही में पूरे भारत में बड़े पैमाने पर हुई बारिश, जिसमें दो सप्ताह पहले दिल्ली और मुंबई में एक साथ हुई बारिश भी शामिल है, ने मुंबई और कर्नाटक के कोलार में टमाटर उगाने वाले क्षेत्रों पर प्रभाव डाला है. यहां तक कि हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में बाढ़ के कारण हुए भूस्खलन के कारण उत्तर भारत की टमाटर सप्लाई भी बाधित हो गई और दिल्ली में कीमतों में बढ़ोतरी के लिए इसका बड़ा योगदान रहा, जो प्रमुख उपभोक्ता केंद्रों में सबसे अधिक है.
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