धान की कटाई के बाद पराली किसानों की सबसे बड़ी समस्या होती है. उससे बचने के लिए अक्सर किसान पराली को जलाने का काम करते आए हैं. जिससे हर साल देश की राजधानी दिल्ली में भारी प्रदूषण देखने को मिलता है. ऐसे में प्रदूषण से बचने के लिए दिल्ली और पड़ोसी राज्यों की ओर से मजबूत कदम उठाए जा रहे हैं. ऐसे में करनाल जिले के किसानों के लिए अच्छी खबर है. इस बार धान की कटाई के बाद खेतों में लगी पराली को पानीपत रिफाइनरी के 2जी इथेनॉल प्लांट में भेजा जाएगा. इसके लिए जल्द ही 11 कलेक्शन सेंटर बनाए जाएंगे. ताकि यह काम जल्द से जल्द पूरा किया जा सके. हालांकि पराली को किसानों से किस कीमत पर खरीदा जाएगा इस बात की पुष्टि अभी तक नहीं की गई है.
इसको लेकर कृषि विभाग के उपनिदेशक डॉ. आदित्य डबास ने बताया कि दो लाख मीट्रिक टन पराली को पानीपत के 2जी इथेनॉल प्लांट में भेजा जाएगा. जुंडला की शराब फैक्ट्री में 1.25 लाख मीट्रिक टन पराली की खपत होती है, वहां भी पराली भेजी जाएगी.
जिले में दस बड़ी फैक्ट्रियां हैं, वहां भी पराली भेजी जाएगी. पराली का उचित प्रबंधन किया जाएगा. इसके लिए 204 बेलर पराली की गांठें बनाएंगे. जिले में जल्द ही 11 संग्रहण केंद्र खोले जाएंगे. बाल जाटान और भंबरेहड़ी में कलेक्शन सेंटर के लिए जगह भी फाइनल कर ली गई है. बेलर वहां पराली को एकत्र करेंगे और फिर उसे पानीपत रिफाइनरी में भेजेंगे. बेलर रिफाइनरी को पराली किस दर पर बेची जाएगी, यह भी जल्द तय किया जाएगा.
ये भी पढ़ें: हरियाणा में क्यों बदल दिया गया केंद्र का भूमि अधिग्रहण कानून, महापंचायत में किसानों ने उठाई आवाज
पराली प्रबंधन करने वाले किसानों को प्रति एकड़ एक हजार रुपये मिलेंगे. इसके लिए किसानों को पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराना होगा. पराली प्रबंधन करने वाले किसान पोर्टल पर आवेदन कर सकते हैं. पिछले वर्ष पराली प्रबंधन करने वाले किसानों को उनके खाते में एक-एक हजार रुपये जमा कराए गए थे. पिछले वर्ष पराली प्रबंधन करने वाले किसानों के खातों में 11 करोड़ 50 लाख रुपये जमा कराए गए हैं.
हर साल ठंड शुरू होने से पहले ही अक्टूबर महीने से दिल्ली और इसके आसपास के इलाकों में वायु प्रदूषण की समस्या बढ़ने लगती है. इस समय दिवाली से पहले किसान अपने खेतों में पराली भी जलाना शुरू कर देते हैं जिससे प्रदूषण की समस्या बढ़ जाती है. ऐसा पाया गया है कि किसान पूरे इलाके में पराली जलाना शुरू कर देते हैं और इसका असर दिल्ली और उसके आसपास प्रदूषण के रूप में देखने को मिलता है. और तो और, सैटेलाइट से भी इसका असर साफ दिखता है. किसानों के लिए पराली जलाना सबसे सरल, तेज और सस्ता उपाय है, लेकिन इससे बहुत अधिक धुआं निकलता है और एक ही समय में दिल्ली के आसपास हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश के खेतों में जलाई जाने वाली पराली दिल्ली में प्रदूषण का एक प्रमुख कारण है और इसके आसपास के क्षेत्र. समस्या का कारण बन जाता है.
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today