कई साल बाद पूर्वांचल के खेतों में पहुंचा पानी, नहर सिंचाई परियोजना शुरू होने से किसानों को मिली राहत

कई साल बाद पूर्वांचल के खेतों में पहुंचा पानी, नहर सिंचाई परियोजना शुरू होने से किसानों को मिली राहत

पूर्वांचल जोन के बस्ती जनपद में चार दशक पहले खेतों की सिंचाई के लिए सरयू सिंचाई नहर परियोजना की शुरुआत हुई. इसके बाद किसानों को आस जगी कि अब उनके खेत पानी से सराबोर होंगे. लेकिन साल दर साल बीतता गया और प्रोजेक्ट अधूरा ही पड़ा रह गया. मोदी सरकार बनते ही इस प्रोजेक्ट को केंद्र सरकार ने अपने मास्टर प्लान में डाला.

Advertisement
कई साल बाद पूर्वांचल के खेतों में पहुंचा पानी,  नहर सिंचाई परियोजना शुरू होने से किसानों को मिली राहत40 साल से अधूरी पड़ी थी सरयू नहर परियोजना

कहते हैं कि अगर इच्छाशक्ति हो तो कठिन से कठिन काम भी दृढ़ संकल्प के आगे पूरा होते देर नहीं लगती. ऐसी ही एक परियोजना के बारे में आज हम आपको बताएंगे और समझाएंगे जिसकी परिकल्पना किसान के लिए शुरू हुई थी. लेकिन परियोजना इतनी सुस्त चली कि जिसे महज कुछ ही साल में खत्म हो जाना चाहिए था, उसे पूरा होने में 40 साल लग गए. जिस परियोजना की हम बात कर रहे हैं, उसे सरयू नहर परियोजना कहते हैं. इस परियोजना की शुरुआत सन 1982 में हुई थी, लेकिन सरकारों की सुस्त चाल के चलते यह परियोजना चार दशक से अधूरी पड़ी थी. बाद में सरकार बदलते ही इस प्रोजेक्ट को गति मिली और इसे तेजी से लागू किया गया.

दरअसल पूर्वांचल जोन के बस्ती जनपद में चार दशक पहले खेतों की सिंचाई के लिए सरयू सिंचाई नहर परियोजना की शुरुआत हुई. इसके बाद किसानों को आस जगी कि अब उनके खेत पानी से सराबोर होंगे. इतना ही नहीं, उन्हें यह भी लगा था कि अब उन्हें केवल बादलों पर ही निर्भर नहीं होना पड़ेगा. किसानों को लगा कि इस परियोजना से सीधा लाभ मिलेगा. लेकिन साल दर साल बीतता गया और प्रोजेक्ट सरकारों के सुस्ती के चलते अधूरा ही पड़ा रह गया. बाद में इस प्रोजेक्ट को केंद्र सरकार ने अपने मास्टर प्लान में डाला. इसके बाद परियोजना का काम तेजी से शुरू हुआ और इसे कम से कम समय में पूरा भी किया गया.

ये भी पढ़ें: Sarkari Scheme: सिंचाई यंत्र पर मिलेगी सब्सिडी, कल है आखिरी तारीख, जल्द करें आवेदन

क्या है नहर परियोजना

आपको बता दें कि आज इस परियोजना के चलते बस्ती में करीब 79915 हेक्टेयर की कृषि भूमि को पानी मिल रहा है. इस प्रोजेक्ट में 1068 किलोमीटर में 167 नहरें न सिर्फ किसानों को सीधा लाभ पहुंचा रही हैं बल्कि सरयू नहर परियोजना क्षेत्र में पड़ने वाले 263 पोखरे और तालाबों को भी पानी मिल रहा है. इससे जमीन के नीचे पानी भी अच्छी तरह से जमा हो रहा है. कुल मिलाकर पीएम मोदी के प्रयास से आज बस्ती जिले में करीब तीन लाख किसानों को इस सिंचाई नहर परियोजना से सीधा लाभ मिल रहा है.

क्या कहते हैं किसान

यहां की किसान गुजराती देवी कहती हैं कि सरकार की सिंचाई परियोजना से काफी लाभ मिला है क्योंकि पहले सिंचाई दूसरे माध्यमों से करते थे जिससे काफी दिक्कत होती थी. लेकिन अब किसानों को सिंचाई करने में काफी सहूलियत लगती है. सिंचाई के क्षेत्र में सरकार ने बढ़िया काम किया है. किसान श्यामलाल कहते हैं कि नहर में पानी आने से लोगों को काफी सहूलियत मिली है. जब भी खेत से पानी लेना होता है तो नहर से पानी ले लेते हैं. यह योजना बहुत पहले से चल रही थी, लेकिन अब जाकर यह योजना पूरी हुई है. इससे किसानों को बहुत लाभ मिल रहा है. किसान राधेश्याम कहते हैं कि उनके पास छह बीघे खेत हैं जिसे सींचने के लिए अब नहर से पानी मिल रहा है. उनके क्षेत्र में आसपास के कई घर ऐसे हैं जो इस नहर से लाभ उठा रहे हैं. सरकार की सरयू नहर योजना से उन्हें लाभ मिला है.

ये भी पढ़ें: हर खेत तक पहुंचे सिंचाई का पानी, नीतीश कुमार ने दिया अधिकारियों को निर्देश

क्या कहना है प्रशासन का

राकेश गौतम, अधिशासी अभियंता, सरयू नहर सिचाई प्रोजेक्ट कहते हैं, बस्ती जनपद में कुल चार शाखाएं सरयू नहर परियोजना की काम कर रही हैं. इसमें बस्ती शाखा में पड़ने वाली 1068 किलोमीटर नहरों में सिंचाई का लाभ किसानों को सीधा लाभ मिल रहा है. साथ ही साथ इन नहरों से क्षेत्र में पडने वाले 263 तालाब भी सिंचित हो रहे हैं और उसमें पानी लगातार भरा जा रहा है. पिछले पांच साल में इस परियोजना पर करीब 247 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं जिससे लगभग तीन से चार लाख किसानों को सीधा लाभ मिल रहा है.

POST A COMMENT