प्रतिबंधों में ढील के बाद चावल निर्यात में उछाल, वैश्विक मांग में भी दिखी तेजी

प्रतिबंधों में ढील के बाद चावल निर्यात में उछाल, वैश्विक मांग में भी दिखी तेजी

सितंबर में सरकार ने न्यूनतम निर्यात मूल्य (MEP) और निर्यात शुल्क हटाकर बासमती और गैर-बासमती चावल के निर्यात पर लगाए गए लगभग सभी प्रतिबंध हटा दिए थे. ऐसे में निर्यातकों का कहना है कि वैश्विक मांग में मजबूती के कारण चावल निर्यात में चालू वित्त वर्ष की तुलना में 10 फीसदी अधिक वृद्धि देखी जा सकती है.

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प्रतिबंधों में ढील के बाद चावल निर्यात में उछाल, वैश्विक मांग में भी दिखी तेजीचावल निर्यात में तेजी

सरकार की ओर से कुछ महीने पहले चावल शिपमेंट पर प्रतिबंध हटा दिया गया है. प्रतिबंध के हटने के बाद चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-नवंबर अवधि के दौरान भारत के कृषि और खाद्य उत्पादों का निर्यात वित्त वर्ष 2024 की तुलना में 8 फीसदी से अधिक बढ़कर 14.01 बिलियन डॉलर हो गया है. वाणिज्यिक खुफिया और सांख्यिकी महानिदेशालय के अनुसार, वित्त वर्ष 2025 के पहले आठ महीनों के दौरान चावल का निर्यात 13 फीसदी से अधिक तेजी के साथ 7.31 बिलियन डॉलर हो गया है, जबकि पिछले वित्त साल इसी समय में यह 6.44 बिलियन डॉलर था.

वैश्विक मांग में दिख सकती है तेजी

सितंबर में सरकार ने न्यूनतम निर्यात मूल्य (MEP) और निर्यात शुल्क हटाकर बासमती और गैर-बासमती चावल के निर्यात पर लगाए गए लगभग सभी प्रतिबंध हटा दिए थे. ऐसे में निर्यातकों का कहना है कि वैश्विक मांग में मजबूती के कारण चावल निर्यात में चालू वित्त वर्ष की तुलना में 10 फीसदी अधिक वृद्धि देखी जा सकती है. वित्त वर्ष 2024 में भारत ने 10.41 बिलियन डॉलर का चावल निर्यात किया, जो पिछले साल की तुलना में 6.5 फीसदी कम है.

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बासमती चावल की मांग बरकरार 

पंजाब में बासमती चावल के प्रमुख निर्यातक जोसन ग्रेन्स के एमडी रंजीत सिंह जोसन ने 'फाईनेंशियल एक्सप्रेस' को बताया कि चालू वित्त वर्ष में 5 मिलियन टन के निर्यात लक्ष्य के साथ, भारत ने अपने पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान को पीछे छोड़ दिया है, जो सालाना एक मिलियन टन से भी कम का उत्पादन करता है. जोसन ने कहा कि ईरान जैसे महत्वपूर्ण बाजारों में निर्यात प्रतिबंधों के बावजूद, बासमती चावल की वैश्विक मांग मजबूत बनी हुई है. वहीं, व्यापार सूत्रों ने संभावना जताई है कि विशेष रूप से अफ्रीका और दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों में निर्यात में वृद्धि के साथ वैश्विक चावल व्यापार में भारत का फिर से अपनी जगह बना सकता है.

अन्य सामानों का भी बढ़ा निर्यात

इसके अलावा चालू वित्त वर्ष के अप्रैल-नवंबर के दौरान भैंस के मांस, डेयरी और पोल्ट्री उत्पादों का निर्यात सालाना आधार पर 9 फीसदी से अधिक बढ़कर 3.13 बिलियन डॉलर हो गया है, जबकि 2022-23 में समय निर्यात का मूल्य 2.88 बिलियन डॉलर था.

वित्त वर्ष 2025 के पहले आठ महीनों में ताजे फलों और सब्जियों का निर्यात पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 5 फीसदी से अधिक बढ़कर 2.31 बिलियन डॉलर हो गया है. वहीं, अधिकारियों ने बताया कि दुनिया भर में केले, आम सहित अन्य फलों और सब्जियों के बीज जैसे कई कृषि उत्पादों की मांग बढ़ रही है. साथ ही कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) ने वित्त वर्ष 2025 के लिए 26.56 अरब डॉलर का निर्यात लक्ष्य निर्धारित किया है.

कृषि उत्पादों के कुल निर्यात में एपीडा बास्केट के अंतर्गत आने वाले उत्पादों का हिस्सा लगभग 51 फीसदी  है. शेष कृषि उत्पादों के निर्यात में समुद्री उत्पाद, तंबाकू, कॉफी और चाय शामिल है.

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