गैर-बासमती चावल निर्यात पर रोक की वजह से विभिन्न किस्मों के कीमतों में बढ़ोतरी, सांकेतिक तस्वीर भारत सरकार ने 20 जुलाई को गैर-बासमती सफेद चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था. इस फैसले से देश में तो चावल की कीमत में गिरावट देखी जा रही है, लेकिन विदेशों में चावल के दाम बढ़ने लगे हैं. इसका सबसे ज्यादा असर अमेरिका और गल्फ कंट्री में देखा जा रहा है. वहीं प्रतिबंध की वजह से सिर्फ एक किस्म के कीमत में बढ़ोतरी नहीं देखी जा रही है, बल्कि विभिन्न किस्मों के कीमतों में बढ़ोतरी देखी जा रही है. हालांकि, संयुक्त राज्य अमेरिका में रहने वाले भारतीयों को घबराने की जरूरत नहीं है. वहां सोना मसूरी चावल का मौजूदा स्टॉक कम से कम 3-6 महीने तक चलने की संभावना है. दरअसल, बिजनेसलाइन की रिपोर्ट के अनुसार, चावल निर्यात कारोबार के सूत्रों ने कहा है कि अमेरिकी चावल व्यापारियों के पास कम से कम 12,000 टन सोना मसूरी का भंडार होगा और अन्य 18,000 टन चावल आने वाला है. स्टॉक कम से कम छह महीने तक चल सकता है.
मालूम हो कि 20 जुलाई को गैर-बासमती सफेद चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने के भारत सरकार के फैसले से कई देशों के लोगों के बीच घबराहट फैल गई, और वो अनाज का स्टॉक करने के लिए स्थानीय दुकानों में जमा हो गए. हालांकि, यहां पर अन्य देशों का चावल खुदरा दुकानों में उपलब्ध है, लेकिन अमेरिका में रहने वाले दक्षिण भारतीय सोना मसूरी चावल का सेवन करते हैं.
इसे भी पढ़ें- Farmer Tips: यूपी में बदलेगा मौसम, खेती करने वाले किसानों के लिए टिप्स, 10 प्वाइंट में समझें पूरी बात
गौरतलब है कि, धान की बुवाई में धीमी प्रगति के बाद भारत सरकार ने सफेद चावल के शिपमेंट पर प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया है. हालांकि, अब रकबा सकारात्मक हो गया है. मालूम हो कि केंद्र सरकार चावल उगाने वाले क्षेत्रों में बाढ़ से होने वाले नुकसान और देर से बुआई के कारण अन्य राज्यों में उपज के नुकसान को लेकर चिंतित है.
इसे भी पढ़ें- Milk Price Protest: दूध का दाम बढ़ाने की मांग को लेकर महाराष्ट्र में आज सड़क पर उतरेंगे डेयरी किसान
वहीं, चावल निर्यातकों को भरोसा है कि केंद्र भारतीय प्रवासियों की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए जल्द ही अपने फैसले की समीक्षा करेगा. अमेरिका में भारी भीड़ को देखते हुए कई किराना और खुदरा बिक्रेताओं ने चावल की कीमतें तीन गुना तक बढ़ा दी है. 9 किलो का बैग, जिसकी कीमत 15-18 डॉलर हुआ करती थी, अब 46 डॉलर में बेचा जा रहा है.
बैंकॉक पोस्ट ने थाईलैंड राइस एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष चुकियाट ओफास्वोंगसे के हवाले से कहा कि प्रतिबंध से विभिन्न किस्मों के कीमतों पर असर पड़ेगा. उनके मुताबिक, 5 फीसदी टूटे सफेद चावल की कीमतें प्रतिबंध से पहले 534 डॉलर से बढ़कर 572 डॉलर प्रति टन हो गई हैं. इसी तरह 25 फीसदी टूटे चावल की कीमतें 512 डॉलर से बढ़कर 547 डॉलर हो गई हैं. 5 प्रतिशत टूटे हुए वियतनाम सफेद चावल की कीमतें 498-502 डॉलर से बढ़कर 543-47 डॉलर हो गई हैं, जबकि 25 प्रतिशत टूटे हुए सफेद चावल की कीमतें 478-82 डॉलर से बढ़कर 523-27 डॉलर हो गई हैं.
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today