मसाला न‍िर्यात को बढ़ावा देने की तैयारी, किसानों की आमदनी में होगा इजाफा!

मसाला न‍िर्यात को बढ़ावा देने की तैयारी, किसानों की आमदनी में होगा इजाफा!

मीटिंग में मिर्च, हल्दी, काली मिर्च और अदरक आदि मसालों पर चर्चा की जाएगी जो कि कर्नाटक राज्य के मध्य और उत्तर-पूर्वी क्षेत्रों में रहने वाले किसानों के लिए आय के प्रमुख स्त्रोत में से एक है.

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मसाला न‍िर्यात को बढ़ावा देने की तैयारी, किसानों की आमदनी में होगा इजाफा!मसालें

कर्नाटक राज्य मसाला विकास बोर्ड (Karnataka State Spices Development Board), स्पाइसेस बोर्ड इंडिया के सहयोग से देश से गुणवत्ता वाले मसालों के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए 22 दिसंबर को कर्नाटक के हुबली में क्रेता-विक्रेता मीटिंग आयोजित करने जा रहा है. इस मीटिंग में निर्यातक, व्यापारी और किसान आदि शामिल होंगे. 

खबरों के मुताबिक, यह मीटिंग चेन्नई शहर के नवीन होटल में आयोजित की जाएगी, जहां सभी हितधारकों को मसालों के उत्पादन, व्यापार और निर्यात में शामिल अन्य मुद्दों पर अपने विचार व्यक्त करने के अलावा अपनी उम्मीदों को दूसरों को बताने का मौका दिया जाएगा.

मसालों पर की जाएगी चर्चा

इस मीटिंग में मिर्च, हल्दी, काली मिर्च और अदरक आदि मसालों पर चर्चा की जाएगी जो कि कर्नाटक राज्य के मध्य और उत्तर-पूर्वी क्षेत्रों में रहने वाले किसानों के लिए आय के प्रमुख स्त्रोत में से एक है. विशेष रूप से ब्याडगी मिर्च, जिसे भौगोलिक संकेत टैग मिला है, इन क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर उगाई जाती है. इसके अलावा, इस क्षेत्र में अच्छी मात्रा में काली मिर्च और अजवाइन की भी खेती की जाती है.

इस मीटिंग में निर्यातकों, व्यापारियों और किसानों का प्रतिनिधित्व करने वाले लगभग 200 लोगों के भाग लेने की संभावना है. यह वाणिज्य मंत्रालय (Commerce Ministry) की एक प्रमुख रणनीति है जिसके तहत स्पाइसेस बोर्ड ऑफ इंडिया निर्यात को बढ़ावा देने के लिए कार्य करता है.

ब्याडगी मिर्च क्या है? (What is Byadagi chilli)

ब्याडगी मिर्च कर्नाटक में उगाई जाने वाली मिर्च की एक प्रसिद्ध किस्म है. वहीं, इसका नाम ब्याडगी शहर के नाम पर रखा गया है जो कि कर्नाटक राज्य के हावेरी जिले में स्थित है. ब्याडगी मिर्च को 'बेडगी' नाम से भी जाना जाता है. ब्याडगी मिर्च गहरे लाल रंग की और कम तीखी होती है. वहीं दक्षिण भारत के कई खाने वाले चीजों में इसका उपयोग किया जाता है. ब्याडगी मिर्च को फरवरी 2011 में ही भौगोलिक संकेत (जीआई) मिल चुका है. 

बता दें कि भारत में मिर्च की सभी किस्मों से जुड़े व्यवसाय में ब्याडगी मिर्च का दूसरा सबसे बड़ा व्यवसाय है. ब्याडगी मिर्च से निकाले गए एक तेल, ओलियोरेसिन का उपयोग नेल पॉलिश और लिपस्टिक बनाने में किया जाता है. 

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