केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि केंद्र सरकार का इस बात पर जोर है कि हमारे हर कार्यक्रम में तकनीक का समर्थन और बिचौलियों की समाप्ति हो. प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि इसका प्रत्यक्ष उदाहरण है, जिसमें अभी तक 11 करोड़ किसानों को सीधे उनके बैंक खातों में बिना बिचौलियों के 2.40 लाख करोड़ रुपये डीबीटी द्वारा दिए गए हैं. जो निश्चित ही आश्चर्यजनक है. प्रधानमंत्री मोदी की पहल पर कैशलेस ट्रांजेक्शन के मामले में भारत आज बड़े विकसित देशों से भी बहुत आगे है. तोमर ने यह बात बंगलुरु कृषि विश्वविद्यालय द्वारा भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) के सहयोग से आयोजित 5 दिवसीय सांस्कृतिक कार्यक्रम 'एग्री यूनिफेस्ट' में कही.
केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा है कि भारत एक विशाल लोकतंत्र है, जिसकी विशेषताओं में एक तो जनसंख्या और दूसरी हमारे युवाओं की 60 प्रतिशत आबादी है. ये दोनों ताकत मिलकर इतनी बड़ी है कि भारत किसी भी चुनौती का केवल मुकाबला ही नहीं कर सकता, बल्कि हम एक-दूसरे के पूरक बनकर चलें तो इन चुनौतियों पर विजय प्राप्त करने में भी पूरी तरह सक्षम हैं. हमारे देश की युवा आबादी की ऊर्जा का सदुपयोग हो तो वर्ष 2047 तक हम अपने देश को विकसित भारत के रूप में अवश्य देख सकेंगे.
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एग्री यूनिफेस्ट में 60 राज्य कृषि विश्वविद्यालयों, डीम्ड विश्वविद्यालयों, केंद्रीय विश्वविद्यालयों के 2500 से अधिक प्रतिभाशाली विद्यार्थी शामिल हुए. जो संगीत, नृत्य, साहित्य, रंगमंच और ललित कला के तहत 18 आयोजनों में अपने कौशल का प्रदर्शन कर रहे हैं. आईसीएआर द्वारा 1999-2000 के दौरान अखिल भारतीय अंतर कृषि विश्वविद्यालय युवा महोत्सव की संकल्पना व शुरूआत की गई थी, जिसका उद्देश्य विभिन्न भारतीय संस्कृतियों को जोड़कर भारतीय कृषि को एकीकृत करना है, ताकि कृषि विश्वविद्यालयों के युवाओं की प्रतिभा निखर सके और वे भारतीय सांस्कृतिक विविधता की सुंदरता को चित्रित करें.
तोमर ने कहा कि समय की मांग है कि हम अपने जीवन के हर एक पल का पूरी तरह सदुपयोग करें. विद्यार्थियों के लिए अध्ययन एक पक्ष है, लेकिन जब व्यक्ति का समग्र रूप से विकास होता है तो वह अपने परिवार, समाज, संस्था, राज्य और देश के विकास में ज्यादा योगदान दे सकता है. तोमर ने कहा कि आज जिस कालखंड में हम हैं, उसमें टेक्नोलॉजी का बड़ा महत्व है. टेक्नोलॉजी का उपयोग कृषि में भी हो, यह समय की जरूरत है.
सभी क्षेत्रों में पारदर्शिता लाने एवं बरसों से नहीं हो रहे काम कुछ दिनों में ही हो सकें, इसके लिए टेक्नोलॉजी की आवश्यकता अधिक है. कार्यक्रम में केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री शोभा करंदलाजे, कर्नाटक के कृषि मंत्री बीसी पाटिल, आईसीएआर के शिक्षा उप महानिदेशक डॉ. आरसी अग्रवाल और कुलपति डॉ सुरेशा सहित कई अधिकारी, वैज्ञानिक तथा छात्र-छात्राएं मौजूद रहे.
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