केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने मंगलवार को एक बड़ा बयान दिया. गडकरी ने कहा कि आने वाले समय में भारत, बांग्लादेश और श्रीलंका को इथेनॉल निर्यात करने की इच्छा रखता है. भारत इसे हर हाल में पूरा करेगा. गडकरी ने यह बात इथेनॉल से चलने वाली कार के उद्घाटन के मौके पर कही. टोयटा ने दुनिया में पहली बार 100 परसेंट इथेनॉल पर चलने वाली कार को लॉन्च किया है. इसी लॉन्चिंग के मौके पर नितिन गडकरी ने अपनी बात रखी. गडकरी ने कहा कि आज सरकार ने देश में रोड इंफ्रास्ट्रक्चर को इतना विकसित कर दिया है कि हर कोई कार खरीद रहा है. गडकरी ने केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी से आग्रह किया कि बांस से बने इथेनॉल को बांग्लादेश निर्यात किया जाए.
इथेनॉल कार की लॉन्चिंग के मौके पर नितिन गडकरी ने कहा, मैं भी एक किसान हूं. मैंने गन्ना और कपास उगाए हैं. खेती के दौरान मैं भी कर्ज में रहा. गडकरी ने बताया कि वे जिस इलाके से आते हैं, वहां 10 हजार किसानों ने खुदकुशी की है. गडकरी के मुताबिक, इथेनॉल बनाने से किसानों को फायदा होगा. इसलिए इथेनॉल किसानों के लिए वरदान है. गडकरी ने कहा कि किसानों की तरफ से वे टोयटा कंपनी को धन्यवाद देते हैं जो इथेनॉल से चलने वाली कार लॉन्च की.
नितिन गडकरी ने कहा कि बांग्लादेश और श्रीलंका, भारत से इथेनॉल आयात करना चाहते हैं. सरकार इन देशों को इथेनॉल निर्यात करेगी. श्रीलंका और बांग्लादेश अपने यहां पेट्रोल और डीजल में इथेनॉल मिलाएंगे. इस निर्यात से भारत के किसानों को फायदा होगा. गडकरी ने कहा कि इथेनॉल में पूरी इकोनॉमी में बड़ा बदलाव करने की क्षमता है.
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“मुझे बांग्लादेश की प्रधानमंत्री से मिलने का मौका मिला. हम नुमालीगढ़ से पाइपलाइन के जरिए बांग्लादेश को पेट्रोल और डीजल बेचते हैं. हमने इथेनॉल के बारे में भी बात की. चर्चा के दौरान श्रीलंका के मंत्री और बांग्लादेश की प्रधानमंत्री ने मुझसे पूछा कि क्या हम इन देशों को इथेनॉल निर्यात कर सकते हैं,” गडकरी ने कहा.
बायो फ्यूल के क्षेत्र में इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन (IOC) के किए गए काम की तारीफ करते हुए नितिन गडकरी ने कहा कि ऐसे उदाहरणों से देश में इथेनॉल अर्थव्यवस्था का विस्तार करने में मदद मिलेगी. इथेनॉल में देश की ग्रामीण और कृषि अर्थव्यवस्था को ऊपर उठाने की अपार क्षमता है. गडकरी ने बताया कि असम में नुमालीगढ़ रिफाइनरी में IOC बांस से इथेनॉल बना रही है. यह काम मुश्किल है, लेकिन यह सराहनीय है कि तेल मार्केटिंग कंपनी (ओएमसी) ऐसी पहल कर रही है. ये पहल भारत के भीतरी इलाकों में अर्थव्यवस्था को फिर से जिंदा करने में मदद कर सकती है.
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