रोड पर चलने वाले ट्रक के दो अलग-अलग कैटेगरी एन2 और एन3 में एसी लगाना अब अनिवार्य कर दिया गया है. यह कदम ट्रक ड्राइवरों की सुरक्षा और आराम के मद्देनजर उठाया गया है. दरअसल, केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने एक ट्वीट के माध्यम से लोगों को जानकारी देते हुए कहा कि भारत सरकार ने गुरुवार को एन2 और एन3 श्रेणियों के ट्रकों के केबिन में एयर कंडीशनिंग सिस्टम को अनिवार्य करने कि मंजूरी दे दी है. गौरतलब है कि आने वाले दिनों में इसका फायदा किसानों को भी मिलेगा. खासकर डेयरी उद्योग में काम कर रहे लोगों के लिए भी यह बड़ी खबर है. वो कैसे आइये जानते हैं.
दरअसल, ट्रक में एसी लगाने को अनिवार्य करने की प्रक्रिया कई दिनों से चल रही है. ट्रक का सफर बहुत लंबा होता है. भीषण गर्मी में ट्रकों और ट्रक चालकों को लंबे समय तक सड़क पर रहना पड़ता है. ऐसे में अगर ट्रक में एसी की सुविधा हो तो ट्रक ड्राइवर का सफर आरामदायक हो सकता है. इसी कड़ी में नितिन गडकरी द्वारा रखे गए इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई है.
N2 और N3 ट्रक श्रेणियां हैं जिनका उपयोग भारत में वाणिज्यिक वाहनों को उनके सकल के आधार पर वर्गीकृत करने के लिए किया जाता है.
N2 ट्रक: एन2 श्रेणी में सकल वाहन भार (जीवीडब्ल्यू) रेटिंग वाले ट्रक शामिल हैं. इस कैटेगरी में 3,500 किलोग्राम से लेकर 12,000 किलोग्राम तक के टीआरसीके शामिल हैं. इस श्रेणी में आम तौर पर हल्के और छोटे ट्रक शामिल होते हैं. इस ट्रक का उपयोग सामान यानि कच्चा या सामान्य माल ढोने के लिए किया जाता है. N2 ट्रक आकार में अपेक्षाकृत छोटे होते हैं और आमतौर पर शहर के भीतर या छोटी दूरी के लिए उपयोग किए जाते हैं. ऐसे में इसमें एसी लगने के बाद किसानों और डेयरी उद्योग में काम करने वाले लोगों को फायदा मिलेगा. कच्चे माल की शेल्फ लाइफ बढ़ेगी और किसानों को बाजार में अच्छी कीमत मिलेगी.
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N3 ट्रक कैटेगरी: N3 श्रेणी में सकल वाहन भार (GVW) रेटिंग से अधिक 12,000 किलोग्राम वाले ट्रक शामिल हैं. इन ट्रकों को लंबी दूरी के लिए डिज़ाइन किए गए भारी-भरकम वाहनों के रूप में जाना जाता है. भारी ट्रक वाहन (एमसीवी और एचसीवी), जिनमें ट्रैक्टर-ट्रेलर, डंप ट्रक और अन्य शामिल हैं. इस ट्रक का इस्तेमाल लंबी दूरी के लिए किया जाता है.
2025 से अनिवार्य रूप से सरकार के द्वारा जारी नोटिफिकेशन के अनुसार, 2025 से N2 और N3 ट्रक के केबिनों में एसी लगाना अनिवार्य होगा. जिससे उन ड्राइवरों को बहुत जरूरी आराम मिलेगा जो अक्सर 11-12 घंटे पसीना बहाने में बिताते हैं. कठिन कामकाजी परिस्थितियों और सड़क पर लंबे समय तक चलने के कारण अक्सर ड्राइवरों की थकान को दुर्घटनाओं का एक प्रमुख कारण बताया जाता है. जबकि वोल्वो और स्कैनिया जैसी वैश्विक कंपनियों द्वारा निर्मित हाई-एंड ट्रक पहले से ही वातानुकूलित केबिन के साथ आते हैं, अधिकांश भारतीय ट्रक कंपनियों ने कई वर्षों से इस मुद्दे पर बहस के बावजूद इस क्षेत्र में कदम नहीं उठाया है.
सब्जियों, फलों और दूध की शेल्फ लाइफ बहुत कम होती है. ऐसे में किसान इस फसल की खेती तो करते हैं, लेकिन उचित बाजार न मिलने के कारण उन्हें इन उत्पादों का सही दाम नहीं मिल पाता है. जिसके कारण उन्हें नुकसान उठाना पड़ता है. ऐसे में इन ट्रकों में एसी लगने के बाद किसान आसानी से इन उत्पादों को शहर भेज सकेंगे. इससे न केवल किसानों को मुनाफा होगा, बल्कि फसलों और उत्पादों की बर्बादी भी नहीं होगी.
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