‘संवाद भूमि का - संवाद देश का’ का राष्ट्रीय मीडिया अभियान देश के प्रत्येक नागरिक तक पहुंचना चाहिए और उन्हें सशक्त बनाना चाहिए: गिरिराज सिंह

‘संवाद भूमि का - संवाद देश का’ का राष्ट्रीय मीडिया अभियान देश के प्रत्येक नागरिक तक पहुंचना चाहिए और उन्हें सशक्त बनाना चाहिए: गिरिराज सिंह

प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के वाटरशेड विकास घटक (डब्ल्यूडीसी-पीएमकेएसवाई) भूमि प्रबंधन और प्रशासन की नई पहलों के बारे में आम लोगों को जागरूक करने के लिए भूमि संसाधन विभाग का राष्ट्रीय मीडिया अभियान शुरू किया गया है. 

Advertisement
‘संवाद भूमि का - संवाद देश का’ का राष्ट्रीय मीडिया अभियान देश के प्रत्येक नागरिक तक पहुंचना चाहिए और उन्हें सशक्त बनाना चाहिए: गिरिराज सिंहदिल्ली के कृषि भवन से एनजीडीआरएस,डब्ल्यूडीसी-वाटरशेड योजना व कैक्टस प्रोजेक्ट्स का राष्ट्रीय मीडिया अभियान शुरू किया गया

गिरिराज सिंह, केंद्रीय ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री ने आज, साध्वी निरंजन ज्योति, उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण एवं ग्रामीण विकास राज्य मंत्री, अजय तिर्की सचिव, भूमि संसाधन विभाग और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में भूमि संसाधन विभाग के मीडिया अभियान का शुरुआत किया. सिंह ने उल्लेख किया कि प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के वाटरशेड विकास घटक (डब्ल्यूडीसी-पीएमकेएसवाई) भूमि प्रबंधन और प्रशासन की नई पहलों के बारे में आम लोगों को जागरूक करने के लिए भूमि संसाधन विभाग का राष्ट्रीय मीडिया अभियान शुरू किया गया है. 

उन्होंने यह भी बताया कि अभियान के पहले चरण में राष्ट्रीय जेनेरिक दस्तावेज रजिस्ट्रीकरण प्रणाली, डब्ल्यूडीसी-पीएमकेएसवाई और कैक्टस परियोजना को शामिल किया गया है.

डिजिटल इंडिया भूमि अभिलेख आधुनिकीकरण कार्यक्रम

भूमि विनियमन (एनजीडीआरएस) के बारे में केंद्रीय मंत्री ने यह बताया कि इस घटक के तहत भारत सरकार ने राज्यों में उप रजिस्ट्रार कार्यालयों (एसआरओ) के कम्प्यूटरीकरण के लिए राज्य सरकारों को 100 प्रतिशत वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए 2016 में डिजिटल इंडिया भूमि अभिलेख आधुनिकीकरण कार्यक्रम (डीआईएलआरएमपी) शुरू किया है. इस राष्ट्रीय जेनेरिक दस्तावेज रजिस्ट्रीकरण प्रणाली (एनजीडीआरएस) के तहत राज्य-विशिष्ट अनुकूलन की सुविधा के साथ एक राष्ट्र एक सॉफ्टवेयर तैयार किया गया है. इस प्रणाली की शुरूआत के साथ रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया में समय और धन की बचत होती है तथा पूरी प्रक्रिया सरल और पारदर्शी हो जाती है.

इसे भी पढ़ें- Crop Advisory: मौसम को देखते हुए कृषि विभाग ने किसानों को दी ये सलाह, फसल सुरक्षा के लिए पढ़ें पूरी रिपोर्ट

डब्ल्यूडीसी-पीएमकेएसवाई कार्यक्रम के संबंध में, सिंह ने उल्लेख किया कि भूमि संसाधन विभाग ने वर्ष 2009 से वाटरशेड विकास कार्यक्रम लागू किया है जिसे वर्ष 2015-16 में पीएमकेएसवाई योजना के साथ मिला दिया गया था. इसके तहत किए गए कार्यकलापों में, अन्य बातों के साथ-साथ, रिज क्षेत्र निरूपण, जल निकासी लाइन निरूपण, मृदा एवं नमी संरक्षण, वर्षा जल संचयन, नर्सरी लगाना, वनीकरण, बागवानी, चारागाह विकास, परिसंपत्तिहीन व्यक्तियों के लिए आजीविका आदि शामिल हैं. 

लोगों की भागीदारी को बढ़ाने के लिए विभाग पैदा करेगा जागरूकता  

केंद्रीय मंत्री ने बताया कि मीडिया अभियान के माध्यम से भूमि संसाधन विभाग लोगों की भागीदारी को बढ़ाने के लिए विभाग के वाटरशेड विकास कार्यकलापों के बारे में जागरूकता पैदा करेगा. केंद्रीय मंत्री ने उल्लेख किया कि विभाग, वर्षा सिंचित और अवक्रमित क्षेत्रों के विकास के लिए प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना का वाटरशेड विकास घटक (डब्ल्यूडीसी-पीएमकेएसवाई) का कार्यान्वयन कर रहा है. 97 मिलियन हेक्टेयर में से लगभग 29 मिलियन हेक्टेयर अवक्रमित भूमि को वाटरशेड परियोजनाओं के तहत कवर किया गया है, जो शायद विश्व स्तर पर सबसे बड़ा अभियान है.

कैक्टस का पौधा बायो-गैस उत्पादन के लिए है उपयोगी 

कैक्टस परियोजना के बारे में चर्चा करते हुए, ग्रामीण विकास मंत्री ने बताया कि नोपल्स कैक्टस – एक प्रकार का शूलरहित पौधा है जिसे फलने-फूलने के लिए बहुत कम पानी की आवश्यकता होती है और यह वाटरशेड क्षेत्रों में रोपण के लिए बहुत उपयुक्त है. विभिन्न शोध अध्ययनों में यह पाया गया है कि कैक्टस का पौधा मुख्य रूप से बायो-गैस उत्पादन, बायो-लेदर, जैव-उर्वरक, चारा, औषधि और खाद्य सामग्री के लिए उपयोगी है. इस मीडिया योजना के माध्यम से, विभाग कैक्टस परियोजना के लाभों के बारे में लोगों को जागरूक करने की परिकल्पना करता है.

भूमि संसाधन विभाग द्वारा की गई पहलों पर डाला गया प्रकाश 

साध्वी निरंजन ज्योति, उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण तथा ग्रामीण विकास राज्य मंत्री ने अपने संबोधन में डीआईएलआरएमपी और डब्ल्यूडीसी-पीएमकेएसवाई 2.0 की दो योजनाओं के तहत भूमि संसाधन विभाग द्वारा की गई पहलों पर प्रकाश डाला. उन्होंने सरकार के प्रयासों को आम जनता तक पहुंचाने के लिए मीडिया अभियान के महत्व का उल्लेख किया ताकि लोग प्रदान की जाने वाली सुविधाओं और सेवाओं का सर्वोत्तम उपयोग कर सकें.

इसे भी पढ़ें- UP: सीएम योगी बोले- 2017 से पहले आपदा के नाम पर होता था पैसे का बंदरबांट, बाढ़ पीड़ितों को मिलती थी सूखी ब्रेड

इन कार्यक्रमों के बारे में आम जनता को जागरूक करने के लिए, विभाग ने एक मीडिया योजना तैयार की है जिसे आज लॉन्च किया गया. अभियान के पहले चरण में आउटडोर मीडिया, सोशल मीडिया, बल्क एसएमएस और रेडियो जिंगल घटक शामिल होंगे. मीडिया अभियान के पहले चरण के शुभारंभ के बाद, अतिरिक्त घटकों को व्यापक और लक्षित कवरेज के लिए बाद में जोड़ा जाएगा. आज के शुभारंभ का मुख्य बिंदु रेडियो जिंगल्स था जो भूमि संसाधन विभाग में विभागीय रूप से बनाए गए थे.
ग्रामीण विकास मंत्री ने भूमि संसाधन विभाग के अधिकारियों द्वारा दिखाई गई उच्च गुणवत्तापूर्ण व्यावसायिकता की सराहना की और निर्देश दिया कि दोनों कार्यक्रमों के संदेश देश के प्रत्येक नागरिक तक पहुंचने चाहिए.

POST A COMMENT