मध्य प्रदेश में पटवारी भर्ती परीक्षा में हर दिन नए मामले सामने आ रहे हैं. ग्वालियर से लेकर भोपाल तक इस मामले के तार जुड़े बताए जा रहे हैं. मंगलवार को ग्वालियर से ही एक ऐसा मामला उजागर हुआ है. इसमें बताया गया है कि मध्यप्रदेश पुलिस की क्राइम ब्रांच ने परीक्षा होने से पांच दिन पहले कुछ खुफिया सूचनाएं जुटाई थी. इन सूचनाओं के आधार पर एक मामला दर्ज किया गया था. इस मामले में दो अभ्यर्थियों के नाम शामिल किए गए. ये दोनों अभ्यर्थी पटवारी परीक्षा में शामिल होने वाले थे. इन अभ्यर्थियों पर आरोप है कि दोनों परीक्षा में गड़बड़ी करने की कोशिश कर रहे थे. इसके लिए दोनों अभ्यर्थी ऑफसेट प्रिंटिंग के आधार पर कुछ सबूत जुटा रहे थे. इस पूरे मामले पर क्राइम ब्रांच ने तत्काल कार्रवाई करते हुए दो छात्रों को ग्वालियर के थाटीपुर इलाके से गिरफ्तार किया.
इसके बाद दोनों छात्रों से जांच के लिए पूछताछ की गई. फिर दस अप्रैल को पटवारी परीक्षा हुई जिसमें ये दोनों छात्र परीक्षा देने से वंचित रह गए क्योंकि ये पुलिस की हिरासत में थे. इसके बाद मामला हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच में पहुंचा और इन दो छात्रों को जमानत पर दस जून को रिहा कर दिया गया. इस पूरे मामले में छात्रों की पैरवी करने वाले वकील एमपी सिंह हैं जिन्होंने 'किसान तक' से खास बातचीत में नई जानकारी दी है.
वकील एमपी सिंह कहते हैं कि इस मामले में एफआईआर दर्ज होने और जांच शुरू होने के बीच बहुत समय लगा. इसके बाद ग्वालियर में जिस तरह से ये मामला पकड़ में आया है उसे सरकार ने इसको रोक तो लिया, लेकिन बाकी शहरों में भी क्या इस तरह के मामले पकड़ में आने की आशंका नहीं थी? इस सवाल पर सरकार की तरफ से कोई जवाब नहीं आ रहा है. न ही पुलिस ने और न ही सरकार ने इस मामले पर अभी कोई प्रतिक्रिया दी है.
ये भी पढ़ें: MP Patwari Exam: छात्रा के घूस देने की बात स्वीकार करने के वायरल वीडियो पर तेज हुई सियासी खींचतान
इस मामले में सवाल उठाए जा रहे हैं कि जब इस तरह की घटना उजागर हुई तो सरकार की तरफ से क्या कोई कार्यवाही की गई थी? यहां तक कि मामला कोर्ट तक पहुंचा और उन दो छात्रों को जमानत पर रिहा भी कर दिया गया जिन पर गड़बड़ी के आरोप लगे थे. सरकार और पुलिस पूरी तरह से इस मामले में चुप हैं. अभी किसी ने अपनी तरफ से कोई सूचना या तथ्यों को उजागर नहीं किया है. वकील एमपी सिंह ने कहा कि इस मामले में जांच जारी है और परीक्षा भी हो गई है. जो छात्र परीक्षा में चुने गए हैं उनके ऊपर तमाम तरह की उंगलियां उठाई जा रही हैं. इससे छात्रों को अपना भविष्य अंधकार में दिख रहा है. इंसाफ की मांग में छात्र सड़कों पर उतरे हुए हैं. अभी इस मामले में बहुत कुछ उजागर होना बाकी है.
दरअसल इस पूरे मामले में जिन दो लोगों से पुलिस ने पूछताछ की, उन्होंने बताया कि पटवारी परीक्षा में वास्तविक परीक्षार्थियों के स्थान पर सॉल्वर बिठाने वाले थे. इसके लिए आधार जैसे कागजातों में भी छेड़छाड़ कर रहे थे. इसमें गिरफ्तार आरोपियों ने बताया कि कि आधार कार्ड में दर्ज अंगुली के निशान को वे सॉल्वर के मुताबिक बदलने वाले थे, लेकिन ऐन वक्त पर पुलिस ने धावा बोल दिया. थाना अपराध शाखा ग्वालियर में उपनिरीक्षक के पद पर तैनात शिशिर तिवारी की ओर से दर्ज एफआईआर में कहा गया है कि पूरे मामले की जांच के दौरान अभियुक्तगण मनीष शर्मा और वीरभान बंसल के साथ अन्य अभियुक्त रिंकू रावत, कृष्णवीर जाट और संदीप सिंह की अपराध में संलिप्तता पाई गई. इसके बाद पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर पूछताछ की. पूछताछ में और भी कई जानकारी सामने आई.
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today