नासिक से मुंबई के लिए निकला किसान मार्च रुक गया है. सरकार के साथ बनी सहमति के बाद किसानों ने अपना पैदल मार्च रोकने का फैसला किया. किसान आंदोलन वापस होने के बाद किसानों ने अपने घर लौटना शुरू कर दिया है. नासिक के अलग-अलग हिस्सों से मुंबई से निकला किसानों का मार्च शाहपुर तक पहुंचा था. इस बीच सरकार से भी बात चल रही थी जिसके बाद सहमति बनने से पैदल मार्च रोकने का फैसला लिया गया. एक अहम मांग प्याज की सब्सिडी में बढ़ोतरी भी थी. अभी हाल में सरकार ने प्याज की सब्सिडी 300 रुपये क्विंटल देने का ऐलान किया था. लेकिन किसान इस पर राजी नहीं थे.
शनिवार को सरकार और किसान संगठनों के बीच हुई बातचीत के बाद किसानों को प्रति क्विंटल 350 रुपये सब्सिडी देने पर फैसला हुआ. और भी अलग-अलग मांगों पर सहमति बनी. इसके बाद मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने किसानों से उनके घर लौट जाने का आग्रह किया. फिलहाल किसानों का मार्च रुक गया है और किसान अपने घर वापस हो रहे हैं.
इस बातचीत में पूर्व विधायक जेपी गावित भी हिस्सा ले रहे थे. सरकार और किसानों में सहमति बनने के बाद उन्होंने शिंदे सरकार को धन्यवाद कहा. गावित ने कहा कि सरकार ने उनकी मांगें मान ली, इसके लिए पूरे किसानों की तरफ से आभार. गावित ने यह भी बताया कि किसान अपना लॉन्ग मार्च वापस ले रहे हैं. गावित सीपीआई एम के पूर्व विधायक हैं जो किसानों की तरफ से सरकार के साथ बातचीत कर रहे थे.
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एक दिन पहले शुक्रवार को शाहपुर में एक दुखद घटना सामने आई जिसमें 55 वर्षीय किसान पुडलिक अंबादास जाधव की मौत हो गई थी. जाधव को पहले उल्टियां हुईं जिसके बाद उन्हें शाहपुर उप जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था. इस मार्च में कई किसानों की तबीयत खराब हुई थी और कई किसानों के पैरों में जख्म आ गए थे. इस पर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने किसानों से पैदल मार्च रोकने की अपील की थी.
किसानों का पैदल मार्च रविवार को नासिक के डिंडोरी से शुरू हुआ था और उसे मुंबई तक जाना था. मार्च अभी शाहपुर में रुका हुआ था जहां से सरकार और किसान संगठनों में मांगों को लेकर बातचीत चल रही थी. मार्च में नासिक आसपास के अधिकांश आदिवासी इलाके के किसान हैं जो वन की भूमि के अधिकार की लड़ाई लड़ रहे हैं. किसानों की एक मांग ये भी है कि वे जिस जमीन पर खेती करते हैं, उसका अधिकार उन्हें दिया जाना चाहिए.
अन्य बड़ी मांगों में प्याज की सब्सिडी 600 रुपये प्रति क्विंटल किए जाने की मांग थी. सब्सिडी की मांग इसलिए की जा रही है क्योंकि इस बार प्याज के भाव दो-चार रुपये किलो पर पहुंच गए हैं और किसान लागत भी नहीं निकाल पा रहे हैं. गुस्से में आकर किसान खेतों में ट्रैक्टर चला रहे हैं. अब सरकार ने 350 रुपये प्रति क्विंटल सब्सिडी देने पर हामी भरी है.
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अगली मांग किसानों को बिना किसी बाधा के 12 घंटे बिजली की सप्लाई देने की है. इसके अलावा किसान अपनी कृषि ऋण को माफ करने की मांग भी उठा रहे हैं. दो दिन पहले किसानों ने सरकार को चार दिन का अल्टीमेटम दिया था जिस पर सरकार मान गई और शनिवार को पैदल मार्च रोक दिया गया.(इनपुट/मुस्तफा शेख)
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