
राजगढ़ के किसान भेरूलाल गुर्जरये अजीबो-गरीब घटना मध्य प्रदेश के राजगढ़ की है. इस पूरी कहानी में एक किसान की पीड़ा है, उसकी व्यथा है जिससे निजात पाने के लिए वह बाबा महाकाल के दरबार में पहुंच गया. दरबार में भी पहुंचा तो अनोखे तरीके से. लेट-लेट कर, सड़क पर रेंग कर ताकि उसकी फरियाद जल्दी सुनी जाए. अब जरा इस बुजुर्ग किसान भेरूलाल गुर्जर की बात सुन लीजिए.....'मेरी कोई नहीं सुनता, बहुत दिनों से परेशान हो रहा हूं, मेरे घर के सामने ही गोबर फेंकने की रोड़ी बना दी, आधा रास्ता रोक दिया, घर में बदबू आ रही है. जब हटाने की बात करो तो दबंग लोग मेरी नहीं सुनते. मेरे बेटे के साथ मारपीट की है. मैं सितंबर 2022 से कचरे की रोड़ी हटाने की मांग करता आ रहा हूं.'
अपनी ठेठ ग्रामीण बोली में जब सड़क पर लेट-लेट कर जाते हुए इस 75 साल के बुजुर्ग की बातें सुनेंगे, तो आपको भी लगेगा कि इनके साथ अन्याय हो रहा है. मामला कुछ यूं है कि इस बुजुर्ग को न्याय नहीं मिला तो न्याय मांगने के लिए वह सीधा भगवान महाकाल के दरबार में फरियाद लेकर निकल गया. कचरे की रोड़ी हटाने के लिए पहले तो इस किसान ने तहसीलदार के यहां फरियाद लगाई. वहां बात नहीं सुनी गई तो सीएम हेल्पलाइन पर फोन किया. इसके बाद भी कोई हल नहीं निकला. कई अधिकारियों की चौखट पर गया, लेकिन उसकी बात नहीं सुनी गई. अंत में उसका भरोसा प्रशासन पर से उठ गया.

इसके बाद बुजुर्ग किसान ने अपनी शिकायत बाबा महाकाल से करने की सोची और बिना किसी गाड़ी-घोड़ा के वह घर से निकल पड़ा. बुजुर्ग किसान भेरूलाल गुर्जर 25 फरवरी को अनोखे अंदाज में पीठ के बल लेटते हुए अपनी फरियाद लेकर महाकाल दरबार के लिए निकले हैं. लगातार चलते हुए वे एक माह में करीब 80 किलोमीटर की यात्रा कर चुके हैं. इस किसान को अपने गांव जेथली से उज्जैन की यात्रा करनी है जो कि अभी जारी है.
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जेथली गांव के निवासी 75 साल के भेरूलाल गुर्जर बहुत ही गरीब और मुसीबत के मारे किसान हैं. उनकी पत्नी का नाम केसर बाई है. उनके दो बेटों में एक संतराम मानसिक रूप से कमजोर बताया जा रहा है. जबकि दूसरा बेटा अनार सिंह गांव में ही है जो मां और भाई को संभालता है. इस किसान का गांव में कच्चा मकान है जिसमें सभी एकसाथ रहते हैं. किसान की स्थिति देखकर कोई भी कह सकता है कि वहां तक सरकारी योजनाओं का कोई लाभ नहीं पहुंचा है.
किसान भेरूलाल गुर्जर ने फूट-फूट कर रोते हुए बताया कि उसके घर के सामने कचरा डालते हुए रोड़ी बना दी जिससे घर में बदबू ही बदबू हो गई है. इससे पूरा परिवार परेशान हो गया है. भेरूलाल गुर्जर कहते हैं, सबसे बड़ा और सच्चा दरबार बाबा शिव महाकाल का है. वहीं पर अपनी अर्जी लगाकर कचरे की समस्या बताउंगा. इस किसान की यात्रा भी अनोखी है जिस ओर सबका ध्यान खिंचा जा रहा है. भेरूलाल पैदल चलते हुए पहले एक नारियल को उठाते हैं, लेटने के बाद नारियल को सिर के पास रखते है, फिर जमीन पर पीठ के बल लेटते हैं. फिर खड़े होकर उसी नारियल को उठाकर नीचे रखते हुए आगे बढ़ते हैं.

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ऐसा करते हुए भेरूलाल अभी तक 80 किलोमीटर चल पाए हैं. बीच रास्ते में कोई खाने को दे दे, तो खा लेते हैं. जहां पर छांव मिलती है, वहीं पर सो जाते हैं. इस मामले में माचलपुर तहसीलदार नवीन कुंभकार ने बताया कि भेरूलाल गुर्जर ने सीएम हेल्पलाइन में शिकायत कि है कि उनके रास्ते पर रोड़ी बना डाली है. इसके बाद गांव के कुछ लोगों को नोटिस जारी कर कचरा हटाने के लिए कहा गया. लेकिन लोगों ने नोटिस पर अमल नहीं किया. अगर 25 तारीख तक कचरा नहीं हटाया जाता है तो उनके खिलाफ कार्यवाही की जाएगी.
तहसीलदार का कहना है कि पूर्व में भेरूलाल गुर्जर ऐसे ही जमीन पर लेटकर खाटू श्याम मंदिर तक जा चुके हैं. दूसरी ओर किसान ने कहा कि उन्होंने पहले भी इस मामले की शिकायत की थी, लेकिन उसकी सुनवाई नहीं हुई. गांव के दबंग लोग लोग पटवारी को जमीन नापने नहीं दे रहे. अब बाबा महाकाल के यहां ही उनकी सुनवाई होगी.
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