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Kharif Crop: खरीफ फसलों की बुवाई हुई शुरू, जानें धान और श्री अन्न का कितना पहुंचा रकबा

Kharif Crop: खरीफ फसलों की बुवाई हुई शुरू, जानें धान और श्री अन्न का कितना पहुंचा रकबा

Kharif Crop Coverage Area 2023: देश में इस साल समान्य मॉनसून पूर्वानुमान के बाद भी खरीफ फसलों की बुवाई की शुरुआत कुछ खास नहीं रही है. धान, तिलहन और दलहन फसलों के रकबे में गिरावट दर्ज की गई है, जबकि मोटे अनाजों के रकबे में बढ़ोतरी दर्ज की गई है. आइए सभी खरीफ फसलों का रकबा विस्तार से जानते हैं-

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खरीफ फसल कवरेज क्षेत्र 2023, सांकेतिक तस्वीर खरीफ फसल कवरेज क्षेत्र 2023, सांकेतिक तस्वीर

देश में सामान्य मॉनसून की भविष्यणाणी के बावजूद इस बार खरीफ फसलों की बुवाई की शुरुआत कुछ खास नहीं रही है. कृषि विभाग द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक इस साल पिछले साल की तुलना में धान, दलहनी और तिलहनी फसलों समेत जूट और मेस्टा के रकबे में गिरावट दर्ज की गई है. पिछले वर्ष की इसी अवधि के दौरान 2.96 लाख हेक्टेयर की तुलना में लगभग 2.17 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में धान की बुआई दर्ज की गई है. वहीं पिछले वर्ष की इसी अवधि के दौरान 0.91 लाख हेक्टेयर की तुलना में लगभग 0.87 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में दलहनी फसलों की बुआई दर्ज की गई है. इसके अलावा, पिछले वर्ष की इसी अवधि के दौरान 0.56 लाख हेक्टेयर की तुलना में लगभग 0.53 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में तिलहनी फसलों की बुआई दर्ज की गई है. 

इसी प्रकार, पिछले वर्ष की इसी अवधि के दौरान 6.50 लाख हेक्टेयर की तुलना में जूट और मेस्टा के अंतर्गत लगभग 5.68 लाख हेक्टेयर क्षेत्र कवर किया गया है. ऐसे में आइए कृषि विभाग द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक जानते हैं इस साल किस राज्य में किन फसलों का कितना रकबा बढ़ा है, और कितनी गिरावट दर्ज की गई है- 

धान के रकबे में कमी 

पिछले वर्ष की इसी अवधि के दौरान 2.96 लाख हेक्टेयर की तुलना में लगभग 2.17 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में धान की बुआई दर्ज की गई है. अगर अलग-अलग राज्यों में रकबे की बात करें तो नागालैंड (0.79 लाख हेक्टेयर), असम (0.48 लाख हेक्टेयर), पश्चिम बंगाल (0.32 लाख हेक्टेयर), उत्तराखंड (0.18 लाख हेक्टेयर), जम्मू-कश्मीर (0.16 लाख हेक्टेयर), उत्तर प्रदेश (0.15 लाख हेक्टेयर), त्रिपुरा (0.08 लाख हेक्टेयर), छत्तीसगढ़ (0.01 लाख हेक्टेयर) और हरियाणा  (0.01 लाख हेक्टेयर) रकबे में धान की बुवाई हुई है.

कपास के रकबे में बढ़ोतरी 

पिछले वर्ष की इसी अवधि के दौरान 10.78 लाख हेक्टेयर की तुलना में लगभग 13.43 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में कपास की खेती की गई है. अगर अलग-अलग राज्यों में रकबे की बात करें तो हरियाणा (6.00 लाख हेक्टेयर), राजस्थान (5.00 लाख हेक्टेयर), पंजाब (1.70 लाख हेक्टेयर), कर्नाटक (0.50 लाख हेक्टेयर) और तमिलनाडु (0.06 लाख हेक्टेयर) रकबे में हुई है.

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मोटे अनाजों की रकबे में बढ़ोतरी 

पिछले वर्ष की इसी अवधि के दौरान 1.30 लाख हेक्टेयर की तुलना में लगभग 1.54 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में मोटे अनाज की बुआई दर्ज की गई है. अगर अलग-अलग राज्यों में रकबे की बात करें तो जम्मू-कश्मीर (0.75 लाख हेक्टेयर), उत्तर प्रदेश (0.53 लाख हेक्टेयर), कर्नाटक (0.23 लाख हेक्टेयर), हरियाणा (0.03 लाख हेक्टेयर) और पंजाब (0.01) रकबे में हुई है.

दलहन फसलों की रकबे में कमी  

पिछले वर्ष की इसी अवधि के दौरान 0.91 लाख हेक्टेयर की तुलना में लगभग 0.87 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में दलहन फसलों की बुआई दर्ज की गई है. अगर अलग-अलग राज्यों में रकबे की बात करें तो कर्नाटक (0.63 लाख हेक्टेयर), उत्तर प्रदेश (0.14 लाख हेक्टेयर), उत्तराखंड (0.06 लाख हेक्टेयर), त्रिपुरा (0.02 लाख हेक्टेयर) और असम (0.02 लाख हेक्टेयर) रकबे में हुई है.

तिलहन फसलों की रकबे में कमी 

पिछले वर्ष की इसी अवधि के दौरान 0.56 लाख हेक्टेयर की तुलना में लगभग 0.53 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में तिलहन फसलों की बुआई दर्ज की गई है. अगर अलग-अलग राज्यों में रकबे की बात करें तो कर्नाटक (0.26 लाख हेक्टेयर), नागालैंड (0.19 लाख हेक्टेयर), उत्तर प्रदेश (0.04 लाख हेक्टेयर) और उत्तराखंड (0.03 लाख हेक्टेयर) रकबे में हुई है.

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गन्ने के रकबे में बढ़ोतरी 

पिछले वर्ष की इसी अवधि के दौरान 46.67 लाख हेक्टेयर की तुलना में लगभग 46.98 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में गन्ने की बुआई दर्ज की गई है. अगर अलग-अलग राज्यों में रकबे की बात करें तो उत्तर प्रदेश (21.37 लाख हेक्टेयर), महाराष्ट्र (10.38 लाख हेक्टेयर), कर्नाटक (4.20 लाख हेक्टेयर), बिहार (2.16 लाख हेक्टेयर), गुजरात (1.92 लाख हेक्टेयर), तमिलनाडु (1.59 लाख हेक्टेयर), मध्य प्रदेश (1.15 लाख हेक्टेयर), उत्तराखंड (0.90 लाख हेक्टेयर), हरियाणा (0.80 लाख हेक्टेयर), पंजाब (0.79 लाख हेक्टेयर), आंध्र प्रदेश (0.37 लाख हेक्टेयर), छत्तीसगढ़ (0.31 लाख हेक्टेयर), तेलंगाना (0.23 लाख हेक्टेयर), असम (0.21 लाख हेक्टेयर), ओडिशा (0.20 लाख हेक्टेयर) और पश्चिम बंगाल ( 0.15 लाख हेक्टेयर) रकबे में हुई है.

जूट और मेस्टा के रकबे में कमी 

पिछले वर्ष की इसी अवधि के दौरान 6.50 लाख हेक्टेयर की तुलना में जूट और मेस्टा के अंतर्गत लगभग 5.68 लाख हेक्टेयर क्षेत्र कवर किया गया है. अगर अलग-अलग राज्यों में रकबे की बात करें तो पश्चिम बंगाल (4.28 लाख हेक्टेयर), बिहार (0.68 लाख हेक्टेयर), असम (0.59 लाख हेक्टेयर), मेघालय (0.07 लाख हेक्टेयर) और नागालैंड (0.03 लाख हेक्टेयर) रकबे में हुई है.