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Fish Farming: मछली पालकों को अब KCC पर घर बैठे मिलेगा लोन, नहीं लगाने होंगे बैंक के चक्कर

Fish Farming: मछली पालकों को अब KCC पर घर बैठे मिलेगा लोन, नहीं लगाने होंगे बैंक के चक्कर

केन्द्रीय मत्स्य पालन मंत्रालय में संयुक्त सचिव सागर मेहरा का कहना है कि जनसमर्थ पोर्टल पर केसीसी मछली पालन योजना का एकीकरण मछली पालन क्षेत्र में मछली किसानों और लाभार्थियों के लिए एक डिजिटल मंच प्रदान करेगा. इस पहल का मकसद लोन प्रक्रियाओं को व्यवस्थित करना, काम को डिजिटल बनाना और लोन सर्विस को लाभार्थियों की पहुंच तक बनाना है. 

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झारखंड का गेतलसूद डैम झारखंड का गेतलसूद डैम

देशभर के मछली पालकों और मछुआरों के लिए बड़ी खबर है. अब मछली पालकों और मछुआरों को अपने किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) पर लोन लेने के लिए किसी बैंक के चक्कर नहीं लगाने होंगे. जब भी केसीसी पर लोन की जरूरत होगी तो वो घर बैठे ही मिल जाएगा. इतना ही नहीं लोन से संबंधित बैंक खाते को भी घर बैठे ही चला सकेंगे. और ये सब मुमिकन होगा जनसमर्थ पोर्टल की मदद से. हाल ही में एक कार्यक्रम के दौरान मछली पालक और मछुआरों की मदद के लिए जनसमर्थ पोर्टल लांच किया गया है. भारतीय स्टेट बैंक जनसमर्थ पोर्टल के लिए सहयोग कर रहा है. 

केन्द्रीय मत्स्य पालन मंत्रालय में संयुक्त् सचिव सागर मेहरा का कहना है कि मछली पालन सेक्टर में लोन सिस्टम के डिजिटलीकरण में सरकार लगातार कोशिश कर रही है. उन्होंने बताया कि जनसमर्थ पोर्टल लोन सुविधाओं तक बिना रोक-टोक पहुंच की सुविधा देगा. इतना ही नहीं मछली पालन के विकास में भी बढ़ावा देगा.

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मछली पालक और मछुआरों के बने हैं तीन लाख केसीसी

मंत्रालय से जुड़े जानकारों की मानें तो केसीसी मछली पालन योजना के बारे में जागरूकता लाने के लिए सभी तरह की कोशिश की जा रही है. यही वजह है कि अभी तक मछली पालक और मछुआरों के तीन लाख से ज्यादा केसीसी बन चुके हैं. जनसमर्थ पोर्टल पर केसीसी योजना का एकीकरण मछली पालन क्षेत्र में पारदर्शिता लाना एक नए युग की शुरुआत है. देशभर के मछुआरे और मछली किसान अब आसानी से अपने केसीसी लोन के लिए आवेदन कर सकते हैं और अपने लोन खातों को ऑनलाइन चला भी सकते हैं. 

केसीसी पर मिलेंगे 25 हजार करोड़ रुपये 

बीते कुछ महीने पहले महाराष्ट्र में राष्ट्रीय किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) सम्मेलन आयोजित किया गया था. इस तरह का सम्मेलन आयोजित करने का ये पहला मौका था. इस दौरान मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री परषोत्तम रूपाला ने पशुपालकों और मछली पालकों को केसीसी कार्ड बांटे थे. साथ ही केसीसी के महत्व पर रोशनी डालते हुए कहा कि इस योजना से ग्रामीण अर्थव्यवस्था मजबूत होगी.

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साथ ही उनका कहना था कि केसीसी बनवाने में आने वाली परेशानियों को जिलास्तर पर ही दूर करने की कोशिश की जाएगी. केसीसी योजना के लिए 25 हजार करोड़ रुपये के लोन का लक्ष्य रखा गया है. पशु और मछली पालकों को उन्होंने भरोसा दिलाते हुए कहा कि जिनके अभी किसी वजह से केसीसी नहीं बने हैं उनके कारणों को पता कर जल्द ही दूर किया जाएगा और कार्ड बनाए जाएंगे.