बढ़े हुए सर्किल रेट से मुआवजा राशि न मिलने से नाराज 33 गांवों के किसानों ने झांसी में प्रदर्शन किया. बड़ी संख्या में नाराज किसान झांसी के मुख्य चौराहे से पैदल मार्च करते हुए जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचे. जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचकर नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन किया. प्रदर्शनकारी किसानों ने बढ़े हुए सर्किल रेट के अनुसार मुआवजा राशि देने की मांग की है. बुन्देलखण्ड औद्योगिक विकास प्राधिकरण यानी बीडा के लिए भूमि अधिग्रहण की तैयारी शुरू होते ही किसानों का प्रदर्शन शुरू हो गया है. रक्सा क्षेत्र के 33 गांवों के सैकड़ों किसानों ने सर्किल रेट बढ़ाने की मांग को लेकर कलक्ट्रेट में जोरदार प्रदर्शन किया. किसानों ने जमीन की बाजार कीमत का आकलन कर सर्किल रेट बढ़ाने की मांग की.
उन्होंने प्रशासन को चेतावनी दी कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो वे ट्रेन और बस मार्गों को अवरुद्ध करने से भी पीछे नहीं हटेंगे. किसानों ने साफ किया कि वे सरकार के फैसले से बेहद खुश हैं, लेकिन अधिकारी किसानों को उचित दाम न देकर उनके साथ अन्याय कर रहे हैं.
प्रदर्शनकारी किसान संजीव यादव का कहना है कि बुन्देलखण्ड औद्योगिक विकास प्राधिकरण का गठन होने जा रहा है. जिसे बीड़ा नाम दिया गया है. हम सरकार के उस फैसले की सराहना करते हैं. लेकिन झाँसी के निबंधन विभाग की लापरवाही के कारण हमारे हजारों किसानों को भारी नुकसान होने वाला है. निबंधन विभाग के सहायक महानिरीक्षक हमारे बीच आये हैं. हमने उनसे एक निश्चित तारीख बताने को कहा. हम उनसे 4 तारीख को मिले थे. लेकिन आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई. तब हमें लगा कि हमारी जमीनें चली जाएंगी. हम मुआवजे की उचित दर से वंचित हो जायेंगे. चूंकि नियम यह है कि बाजार मूल्य और सर्किट रेट का मूल्यांकन करने के बाद सर्कल रेट को संशोधित किया जाना चाहिए. झांसी जनपद में 7 सितम्बर को सर्किल रेट की नई दरें जारी की गई है. उसमें हमारे 33 गांव को शामिल नहीं किया गया है. यह बहुत बड़ी लापरवाही है. हम इसके लिए यहां आए हैं.
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बीडा को लेकर कोई सरकारी आदेश नहीं आया है, फिर हमें क्यों वंचित रखा गया है. इन सभी मांगों को लेकर जिलाधिकारी ने यह भी निर्देश दिया कि 8 तारीख को एआईजी साहब आपके सामने खड़े हैं, उन्होंने हमें पत्र दिया है. उस पत्र पर आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई. 47 साल बाद उत्तर प्रदेश में एक नया शहर बसने जा रहा है, हम इसका स्वागत करते हैं, हम नोएडा में बासी बनेंगे. लेकिन अगर हमारे साथ पहले ही घोर अन्याय हो चुका है तो यह कैसा न्याय है? हम कोई नाजायज मांग लेकर नहीं आये हैं. वहीं दूसरी ओर किसानों द्वारा दिये गये पत्र को निबंधन विभाग के सहायक महानिरीक्षक ने मामले को गंभीरता से लेते हुए सभी विसंगतियों को दूर करने का आश्वासन दिया. आश्वासन मिलने के बाद किसानों का गुस्सा शांत हुआ.
सहायक महानिरीक्षक निबंधन विभाग का कहना है कि इसके लिए सभी रजिस्टारों को निर्देशित किया गया है कि तहसील से सम्पर्क करके जो भी खामियां है रेट लिस्ट में उसकी एक कापी बना लें. ताकि उस पर आगे कार्यवाही हो. इनको एक महीने का समय दिया गया है सभी रजिस्टारों को. वह मौके पर जाकर स्थालीय निरीक्षण करेंगे. अभिलेखों को देखेंगे के कौन से गाटा आबादी के पास हैं कौन सा आबदी से दूर हैं. (झांसी से प्रमोद की रिपोर्ट)
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