आने वाले समय में देश में चीनी का भाव (Sugar Rate) बढ़ सकता है. इसका कारण है देश के प्रमुख चीनी उत्पादक राज्य महाराष्ट्र में चीनी का उत्पादन (Sugar Production in Maharashtra) कम होने की आशंका है. दरअसल, इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन (ISMA) ने चालू सीजन (अक्टूबर 2022 से सितंबर 2023) के लिए चीनी उत्पादन के अपने अनुमान को 34 मिलियन टन से घटाकर 32.8 मिलियन टन कर दिया है. वहीं, महाराष्ट्र में चीनी उत्पादन में गिरावट और उत्तर प्रदेश में मामूली वृद्धि दर्ज की गई है, जबकि वार्षिक घरेलू खपत 27.5 मिलियन टन आंकी गई है. वहीं, 2021-22 सीजन में देश में 35.76 मिलियन टन चीनी का उत्पादन हुआ था.
इस्मा के अध्यक्ष आदित्य झुनझुनवाला ने कहा, "इस्मा की कार्यकारी समिति की मंगलवार को नई दिल्ली में हुई बैठक में अब तक प्राप्त सभी आंकड़ों का आकलन करने के बाद अपेक्षित परिणाम पर विचार-विमर्श किया गया." उन्होंने कहा कि पिछले अनुमानों से महाराष्ट्र में लगभग 1.5 मिलियन टन की गिरावट आई है, जबकि यूपी में पहले की तुलना में 0.3 मिलियन टन वृद्धि देखा गया है.
इस्मा के अनुसार, चालू सीजन 2022-23 (अक्टूबर-सितंबर) में 15 अप्रैल तक देश में चीनी का उत्पादन 5.4 प्रतिशत घटकर 31.1 मिलियन टन रह गया, जो कि एक साल पहले की अवधि में 32.87 मिलियन टन था.
इस बीच, महाराष्ट्र में आकलन के पूरी तरह से गलत साबित होने के बाद, खाद्य मंत्रालय भविष्य में इसे और अधिक सटीक बनाने के लिए उत्पादन अनुमान को ठीक करने पर विचार कर रहा है. बिजनेसलाइन की रिपोर्ट के मुताबिक, मंत्रालय के एक सूत्र ने कहा, “निकट-सटीक अनुमान सरकार को उसके अनुसार नीति बनाने में मदद करता है. जैसा कि शुरुआत में 6 मिलियन टन निर्यात की अनुमति दी गई थी, सौभाग्य से, उत्पादन में गिरावट इतनी बड़ी नहीं है, अन्यथा घरेलू उपलब्धता की समस्या हो सकती थी.”
जुलाई 2022 में, ISMA के प्रारंभिक पूर्वानुमान में उत्पादन 35.5 मिलियन टन (इथेनॉल के लिए डायवर्जन के बाद) आंका गया था और अक्टूबर में इसे बढ़ाकर 36.5 मिलियन टन कर दिया गया था. हालांकि, जनवरी 2023 में इसे घटाकर 34 मिलियन टन कर दिया गया था. सूत्रों ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार भी इस साल के उत्पादन का अनुमान लगाने में सक्षम नहीं थी.
इसे भी पढ़ें- Wheat Procurement: बफर स्टॉक के लिए सरकार ने 24 दिन में ही खरीद लिया टारगेट का आधा गेहूं
उत्तर प्रदेश में उत्पादन 15 अप्रैल तक (एक साल पहले की अवधि की तुलना में) 9.44 मिलियन टन के मुकाबले 9.66 मिलियन टन अधिक था, जबकि इस्मा के संशोधित अनुमानों ने उत्पादन को 10.4 मिलियन टन रखा है क्योंकि कई मिलें अभी भी पेराई जारी रखे हुए हैं. दूसरी ओर, महाराष्ट्र में उत्पादन 12.65 मिलियन टन से घटकर 10.5 मिलियन टन और कर्नाटक में 5.8 मिलियन टन से 5.53 मिलियन टन होने का अनुमान है.
महाराष्ट्र, यूपी और कर्नाटक देश के टॉप तीन चीनी उत्पादक राज्य हैं. महाराष्ट्र के लिए प्रारंभिक अनुमान 13.7 मिलियन टन से अधिक था, लेकिन जनवरी में इसे घटाकर 12.1 मिलियन टन कर दिया गया. जैसा कि महाराष्ट्र में सभी मिलों ने पेराई कार्य बंद कर दिया है, राज्य में उत्पादन में कुछ डेटा समायोजन को छोड़कर कोई बदलाव नहीं देखा जा सकता है.
इसे भी पढ़ें- Parkash Singh Badal: प्रकाश सिंह बादल का निधन, पहली गैर कांग्रेसी सरकार में रहे थे कृषि मंत्री
देश भर में कम से कम 400 मिलों ने पेराई बंद कर दिया है और केवल 132 कारखानों में 15 अप्रैल तक पेराई कार्य जारी था, जबकि एक साल पहले की अवधि में 305 चालू कारखाने थे. तमिलनाडु में सभी 28 मिलों में अभी भी पपेराई हो रही है, जैसा कि एक साल पहले की अवधि में था, और उत्पादन 0.77 मिलियन टन से लगभग 34 प्रतिशत बढ़कर 1.03 मिलियन टन हो गया था. तमिलनाडु के लिए अनुमानित उत्पादन 13 लाख टन था.
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today