भारत में गन्ना से सभी लोग अच्छी तरह परिचित हैं. गर्मी के दिनों में गन्ने का जूस बच्चों और बड़ों सभी का पसंदीदा पेय पदार्थ बन जाता है. गन्ने का रस कई मायनों में लोगों के सेहत के लिए फायदेमंद होता है. इसके अलावा चीनी और गुड़ उत्पाद में भी गन्ने का प्रमुख योगदान होता है. यही कारण है कि देश में गन्ने और चीनी का उत्पादन रिकार्ड स्तर पर पहुंच गया है.
कुछ राज्यों के किसानों को लेकर हम कह सकते हैं कि उनकी आर्थिक स्थिति को मजबूत बनाने में गन्ने की खेती का बड़ा योगदान रहा है. कई बड़ी कंपनियां किसानों से कॉन्टैक्ट फार्मिंग के तहत गन्ने की खेती करवाती हैं. भारत में उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र में गन्ने की खेती सर्वाधिक की जाती है. इसके अलावा कर्नाटक, तमिलनाडु और बिहार में भी गन्ने की खेती की जाती है.
वर्तमान समय में भारत गन्ने की सर्वाधिक उत्पादन करने वाला दूसरा देश है. इसके साथ चीनी उत्पादन के मामले में भारत नंबर वन देश बन गया है. आइए इस खबर के बारे में विस्तार से जानते हैं.
कैलाश चौधरी (बाड़मेर सांसद, केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री, भारत सरकार) ने ट्वीट करते हुए यह जानकारी दी है कि भारत चीनी उत्पादन करके निर्यात करने वाला सबसे बड़ा देश बन गया है. जिसका प्रमुख कारण है कि भारत में लगातार गन्ने की खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है. इसके साथ-साथ गन्ने की खरीदी को भी आसान बना दिया गया है, जिसके कारण गन्ने की खेती का रकबा बढ़ा और चीनी के उत्पादन में वृद्धि हुई.
ये भी पढ़ें
-यूपी के इस किसान को पीएम मोदी भी कर चुके हैं सम्मानित, बागवानी के साथ खेती में कर रहे हैं कमाल
- जलवायु परिवर्तन के खतरे से निपटने के लिए इस कंपनी ने उठाए जरूरी कदम, पढ़ें पूरी खबर
भारत में लगातार कृषि क्षेत्र में आधुनिकता और तेजी लाने का प्रयास किया जा रहा है, जिसके कारण फसलों की पैदावार में लगातार वृद्धि देखने को मिल रही है. यही कारण है की लोगों का कृषि के तरफ रुझान तेजी से बढ़ रहा है. कैलाश चौधरी ने ट्वीट के माध्यम से बताया कि गन्ने की खेती को बढ़ावा देने से भारत में चीनी के उत्पादन में रिकॉर्ड बढ़ोतरी हुई है, जिसके कारण देश के 5 करोड़ से अधिक किसान और 5 लाख से अधिक मजदूरों को लाभ हुआ है जो कि गन्ने की खेती को सार्थक बनाती नजर आ रही है.
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today