कृषि क्षेत्र में नई तकनीकों के उपयोग और निवेश को आकर्षित करने के लिए उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार प्रयासरत है. उत्तर प्रदेश के कृषि क्षेत्र में असीमित संभावना है. वही प्रदेश के हर जिले में ऐसे किसान मौजूद है जो आज भी खेती में अलग-अलग फसलों के माध्यम से उत्पादन के नए आयाम गढ़ रहे हैं.
रायबरेली जनपद के इटौरा गांव के रहने वाले राम लखन सिंह की उम्र भले ही 80 साल हो चुकी है, लेकिन आज भी खेती में वह पूरी तरीके से सक्रिय हैं. बढ़ती उम्र के साथ-साथ कमजोर नहीं हैं, बल्कि प्राकृतिक खेती के माध्यम से पैदा किए जा रहे अनाज और देसी गायों के दूध का उपयोग करके वह पूरी तरह से स्वस्थ हैं.
राम लखन सिंह को 2013 में ही गुजरात के मुख्यमंत्री रहते हुए नरेंद्र मोदी सम्मानित कर चुके हैं. उत्तर प्रदेश से राम लखन सिंह को खेती में नए आयाम करने के लिए सम्मानित किया गया. वाइब्रेंट गुजरात नाम के प्रोग्राम में उन्हें ₹51000 की सम्मान राशि भी दी गई. आज भी प्राकृतिक और जैविक खेती के साथ-साथ बागवानी में राम लखन सिंह अच्छा काम कर रहे हैं.
केंद्र और प्रदेश सरकार भले ही आज प्राकृतिक और जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं संचालित कर रही है, लेकिन उत्तर प्रदेश में आज भी ऐसे किसान मौजूद हैं जो एक दशक पहले से ही प्राकृतिक खेती कर रहे हैं. हरित क्रांति से पहले के दौर में गौ आधारित खेती ही गांव का मूल आधार थी, लेकिन बढ़ती जनसंख्या का पेट भरने के लिए सरकार ने हरित क्रांति को बढ़ावा दिया. जिसके चलते प्राकृतिक खेती पीछे छूट गई.
रायबरेली के इटोरा गांव के रहने वाले प्रगतिशील किसान राम लखन सिंह पिछले दो दशक से प्राकृतिक खेती कर रहे हैं. उन्हें प्राकृतिक खेती में नए आयाम करने के लिए 2013 में गुजरात बुलाकर मुख्यमंत्री रहते हुए नरेंद्र मोदी ने सम्मानित किया था. उन्हें उत्तर प्रदेश सरकार के द्वारा भी कई बार सम्मानित किया जा चुका है.
राम लखन सिंह किसान तक से बात करते हुए बताते हैं, वे प्राकृतिक खेती पिछले दो दशक से कर रहे हैं. चौधरी चरण सिंह के विचारों से उन्हें प्रेरणा मिली थी कि आज भी उनके बताए हुए रास्ते पर चल रहे हैं. उनका कहना है कि अगर सरकारें चौधरी चरण सिंह के नीतियों पर काम करें तो किसानों की आर्थिक स्थिति काफी बेहतर होती. वे जीरो बजट खेती करते हैं.जीरो बजट खेती करने से किसानों की आय में इजाफा होगा और पैदा होने वाला अनाज भी पोषक तत्वों से भरपूर होगा.
किसान राम लखन सिंह के पास 50 एकड़ से ज्यादा की खेती है.वही उनके पास 10 एकड़ क्षेत्रफल में आम का बाग भी है. उनके बाग में आम की कई किस्में हैं. इसके साथ ही अलग-अलग फलों जैसे- किन्नू, संतरा ,नींबू और आंवला के पौधे भी हैं. वह हर साल बागवानी के माध्यम से अच्छी आय प्राप्त करते हैं. वे बागवानी के साथ-साथ हल्दी और पशुओं के लिए चारे का उत्पादन भी करते हैं, जिससे उन्हें अतिरिक्त आमदनी होती है.
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today