बीते दो दिनों से प्रदेश में मॉनसून नर्म पड़ा है. ऐसे में प्रशासन तेज़ी के साथ राहत और बचाव के कार्य में जुटा हुआ है. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू लगातार प्रदेश के मौसमी आपदा में प्रभावित हुए क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण कर रहे हैं. प्रशासन लगातार राहत और बचाव के कार्य में जुटा हुआ है. इसी बीच मुख्यमंत्री के प्रधान मीडिया सलाहकार नरेश चौहान ने प्रेस वार्ता के जरिए प्रदेश के वर्तमान हालातों की जानकारी देते हुए बताया कि यहां अब तक 5 हज़ार करोड़ से ज्यादा का नुकसान हो चुका है. वही 60 हज़ार लोगों को अब तक रेस्क्यू किया जा चुका है. ये लोग हैं जो बारिश और बाढ़ की वजह से कई अलग-अलग स्थानों पर फंसे हुए थे.
मुख्यमंत्री के प्रधान मीडिया सलाहकार नरेश चौहान ने बताया कि भारी बरसात में सबसे ज्यादा नुकसान प्रदेश के छह से सात जिलों को उठाना पड़ा है. उन्होंने बताया कि इस बरसात के चलते प्रदेश को अब तक 5000 करोड़ से ज्यादा का नुकसान हो चुका है. चौहान ने बताया कि प्रदेश के अंदर रेस्क्यू का काम युद्धस्तर पर किया जा रहा है. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू पल-पल की रिपोर्ट ले रहे हैं.
मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार नरेश चौहान ने कहा कि प्रदेश के अंदर अब तक लगभग 60000 लोगों को रेस्क्यू करके निकाला जा चुका है. वही प्रशासन 10 हजार के करीब लोगों को जल्द ही निकालने के प्रयास में जुटा हुआ है. उन्होंने कहा कि सबसे ज्यादा मुश्किल लाहौल स्पीति और चंद्र ताल में चले रेस्क्यू ऑपरेशन में आया है जहां 300 लोग बर्फबारी के बीच फंसे हुए थे.
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ऐसे में मुख्यमंत्री ने खुद भी चंद्र ताल का हवाई दौरा किया जिसके बाद भारी बर्फबारी के बीच अब तक यहां से 42 लोगों को निकाला जा चुका है. प्रदेश में बिजली, सड़क संपर्क मार्ग, पेयजल परियोजनाएं और संचार व्यवस्था को बहुत नुकसान हुआ है. सरकार प्राथमिकता देते हुए पेयजल परियोजनाओं समेत मूलभूत सुविधाओं को बहाल करने में जुटी हुई है.
एक दिन पहले पंचायती राज मंत्री अविरुद्ध सिंह ने कहा कि प्रदेश में बरसात में भारी नुकसान हुआ है. खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में खेतों को भारी नुकसान पहुंचा है. इसको देखते हुए ग्रामीण विकास विभाग की ओर से मनरेगा योजना के तहत प्रभावित लोगों को एक-एक लाख की राशि तत्काल प्रभाव से देने का फैसला लिया गया है. इस कदम से प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को बारिश से हुए नुकसान से कुछ राहत मिलेगी. पहले निजी भूमि में हुए नुकसान की भरपाई के लिए मनरेगा के तहत राशि नहीं दी जाती थी. लेकिन अब आपदा को देखते हुए निजी भूमि मालिकों को भी राहत दी जाएगी. उन्होंने कहा कि यह राशि केवल एक पत्र लिखने पर ही दे दी जाएगी.
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