पंजाब-हरियाणा के शंभू और खनौरी बॉर्डर पर लगभग दो महीने से चल रहे किसान आंदोलन के बीच हरियाणा में वोट मांगने जाने वाले भारतीय जनता पार्टी (BJP) और जेजेपी नेताओं का विरोध जारी है. बीजेपी के लोकसभा प्रत्याशियों और जेजेपी नेता दुष्यंत चौटाला का कई जगहों पर विरोध की खबरें सामने आई हैं. इस बीच हरियाणा के जींद जिले के एक गांव में करीब कई साल बीत जाने के बाद भी बीजेपी-जेजेपी नेताओं पर अभी भी प्रतिबंध लगा हुआ है. दुराना गांव के ग्रामीणों ने गांव के बाहरी इलाके में एक लोहे का बोर्ड लगाया हुआ है. इस बोर्ड पर लिखा गया है कि बीजेपी-जेजेपी नेताओं को इस गांव में प्रवेश करने की अनुमति नहीं है. भारतीय किसान यूनियन द्वारा लगाए गए बोर्ड पर लिखा है, 'बीजेपी-जेजेपी नेताओं का गांव में आना मना है.'
बीकेयू कार्यकर्ताओं और ग्रामीणों ने किसानों के समर्थन में 2020-21 में तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन के दौरान इस बोर्ड को लगाया था. तब हरियाणा के काफी गांवों में किसानों ने बीजेपी और जेजेपी नेताओं के खिलाफ गुस्सा जाहिर करते हुए उनकी एंट्री पर रोक लगाई थी. दुराना गांव जींद जिले के उचाना कलां खंड के अंतर्गत आता है, जिसका प्रतिनिधित्व पूर्व उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला करते हैं और उन्हें तत्कालीन किसान आंदोलन की शुरुआत से लेकर अंत तक अपने निर्वाचन क्षेत्र में प्रवेश करने की अनुमति नहीं थी.
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'टाइम्स ऑफ इंडिया' से बात करते हुए, जींद के किसान नेता आजाद पालवा ने कहा कि यह बोर्ड तीन कृषि कानूनों के खिलाफ एक साल से अधिक समय तक दिल्ली की सीमा पर चले किसान आंदोलन के दौरान लगवाया गया था. जो उस समय भाजपा-जेजेपी गठबंधन सरकार द्वारा किसानों को दिए गए दर्द और बाधाओं को याद करवाता है. उन्होंने कहा कि जनता दोनों पार्टियों को सबक सिखाएगी. हमने 2020-21 में 750 किसानों को खो दिया है लेकिन इन दोनों पार्टियों के नेताओं ने चुप्पी साधी रखी. यह बोर्ड किसानों पर इन दोनों पार्टियों के अत्याचारों की याद दिलवाएगा.
किसान नेता ने कहा, जब लोग 25 मई को घरों से बाहर निकलेंगे तो इस बोर्ड को देखकर बीजेपी-जेजेपी की किसानों के प्रति क्रूरता को याद रखेंगे. उस वक्त हमने बैन लगा दिया था. गांवों में अब भी नेताओं की एंट्री पर प्रतिबंध लगाने के लिए मतदाताओं का आह्वान किया जाता है. बीजेपी-जेजेपी नेताओं का बहिष्कार किया जाएगा. बता दें कि दुष्यंत चौटाला के खिलाफ हरियाणा में हो रहे विरोध प्रदर्शन से परेशान होकर उनकी मां नैना चौटाला ने माफी मांगी है और मिल बैठकर बातचीत से समाधान निकालने की अपील की है.
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