scorecardresearch
किसानों के लिए पराली खजाने से कम नहीं पर सही इस्तेमाल करना होगा, कृषि मंत्री बोले- हवा साफ और मिट्टी अच्छी रहेगी

किसानों के लिए पराली खजाने से कम नहीं पर सही इस्तेमाल करना होगा, कृषि मंत्री बोले- हवा साफ और मिट्टी अच्छी रहेगी

कृषि मंत्री ने कहा कि पराली प्रबंधन किसान के साथ-साथ पर्यावरण के लिए भी अति आवश्यक है. पराली को यदि खेत में ही मिला दिया जाए तो यह जमीन को पोषक तत्व देती है. इससे जमीन को खाद की भी कम आवश्यकता पड़ती है. इसके साथ-साथ प्रदूषण नहीं होता और पर्यावरण साफ रहता है.

advertisement
किसानों के लिए पराली खजाने से कम नहीं किसानों के लिए पराली खजाने से कम नहीं

हरियाणा के कृषि और किसान कल्याण और पशुपालन मंत्री श्याम सिंह राणा बुधवार को करनाल जिला के तरावड़ी में एक किसान के फार्म हाउस पर पहुंचे. वहां उन्होंने किसान द्वारा किए जा रहे पराली प्रबंधन के काम को देखा और खुद भी हैप्पी सीडर और सुपर सीडर मशीन को खेत में चलाया. उन्होंने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि किसान के लिए उसके खेत में जाने वाला रास्ता सबसे महत्वपूर्ण होता है, ऐसे में पूरे प्रदेश में खेतों के रास्तों को पक्का किया जाएगा. इस दौरान नीलोखेड़ी के विधायक भगवानदास कबीरपंथी भी उनके साथ रहे.  

"पराली प्रबंधन आवश्यक है"

कृषि मंत्री ने कहा कि पराली प्रबंधन किसान के साथ-साथ पर्यावरण के लिए भी अति आवश्यक है. पराली को यदि खेत में ही मिला दिया जाए तो यह जमीन को पोषक तत्व देती है. इससे जमीन को खाद की भी कम आवश्यकता पड़ती है. इसके साथ-साथ प्रदूषण नहीं होता और पर्यावरण साफ रहता है. ऐसे में किसानों को अधिक से अधिक पराली प्रबंधन करना चाहिए. वहीं, हरियाणा सरकार पराली प्रबंधन के लिए मशीनों पर सब्सिडी भी दे रही है. अभी 1 लाख 882 मशीनों पर सब्सिडी दी गई है. आने वाले वर्षों में और अधिक मात्रा में मशीनों पर सब्सिडी दी जाएगी.

स्वच्छ हवा सभी की जरूरत

कृषि मंत्री श्याम सिंह राणा ने कहा कि जीवन के लिए जिस प्रकार से भोजन की जरूरत होती है, उसी तरह से स्वच्छ वायु भी सांसों के लिए महत्वपूर्ण है. किसान अनाज का उत्पादन करके देशवासियों को भोजन उपलब्ध करवाते हैं उसमें हरियाणा के किसानों का बहुत बड़ा योगदान है. वहीं, पराली जलाना केवल कानूनी रूप से ही नहीं बल्कि नैतिक रूप से भी अपराध जैसा ही है, इसलिए किसानों को चाहिए कि वे कृषि यंत्रों के माध्यम से पराली का उचित प्रबंधन करें, जिससे वायु के प्रदूषण को रोका जा सके.

ये भी पढ़ें:- पंजाब, मध्य प्रदेश और राजस्थान में बढ़ी पराली की आग, दिवाली से पहले जहरीली हुई हवा

कृषि मंत्री ने प्रगतिशील किसान विकास चौधरी के फार्म पर पराली के फानों के बीच ही हैप्पी सीडर और सुपर सीडर के माध्यम से गेहूं की सीधी बिजाई का अवलोकन भी किया. विकास चौधरी द्वारा अपने खेत में पराली न जलाकर कृषि यंत्रों के माध्यम से उनका प्रबंधन किया जाता है.

पराली प्रबंधन पर सब्सिडी

कृषि मंत्री ने कहा कि हरियाणा सरकार किसानों को पराली के प्रबंधन के लिए अलग-अलग प्रकार के कृषि यंत्र सब्सिडी पर उपलब्ध करवा रही है. किसानों को इन योजनाओं का लाभ उठाते हुए अपनी खेती को आधुनिक बनाना चाहिए. हैप्पी सीडर के माध्यम से गेहूं की बुवाई करना बहुत आसान है, इसलिए किसान अधिक से अधिक संख्या में इस यंत्र के माध्यम से ही बुवाई करें. इसमें पराली के फानों में से ही बुवाई हो जाती है और ये फाने खेत में खाद का काम करते हैं.

पराली बेच सकते हैं किसान

उन्होंने किसानों से आह्वान किया कि वे पराली को बिल्कुल भी न जलाएं. पराली को सरकारी रेट पर खरीद केंद्रों में बेच सकते हैं या खेत में ही मशीनों से कटवाकर उसे खाद के रूप में इस्तेमाल कर सकते हैं. कृषि मंत्री ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हरियाणा की भाजपा सरकार किसानों के कल्याण के लिए नित प्रयासरत है.

"पराली की घटनाओं में कमी"

इस अवसर पर उप कृषि निदेशक डॉ. वजीर सिंह ने बताया कि जिले में धान की कटाई का काम अंतिम चरण की ओर है. जिला प्रशासन के सहयोग से पराली जलाने की घटनाओं पर अंकुश लगाने के भरसक प्रयास किए गए हैं. किसानों को भरपूर मदद भी उपलब्ध करवाई जा रही है, जिसके परिणाम स्वरूप जिले में पराली जलाने की घटनाएं काफी कम हुई हैं. इस अवसर पर एसडीएम नीलोखेड़ी अशोक कुमार के अलावा कृषि विभाग से सहायक पौधा संरक्षण अधिकारी सुरेश कुमार, गुण नियंत्रण निरीक्षक सुनील बजाड़, खंड विकास अधिकारी रामपाल आदि मौजूद रहे.