पशुपालकों के लिए साल में एक बार ऐसा दिन आता है जब उनके बकरे आम दिनों के बाजार रेट से महंगे बिकते हैं. यह मौका होता है कुर्बानी के त्यौहार बकरीद का. इस दौरान बकरे हाथ-ओं-हाथ और मुंह मांगे दामों पर बिकते हैं. बकरा देखने में खूबसूरत और वजनदार हो तो 50 हजार रुपये का भी बिक जाता है. लेकिन यह मुनाफा और भी ज्यादा हो सकता है. एक्सपर्ट की मानें तो बकरीद से पहले बकरी पालकर बकरे बेचें तो ज्यादा मुनाफा होगा. जबकि बहुत सारे लोग बकरे पालते हैं. इससे उतना मुनाफा नहीं हो पाता है जितना होना चाहिए.
देश के स्थानीय बाजारों में बकरे के मीट की मांग. कोलकाता में दुर्गा पूजा तो देश में बकरीद के मौके पर बकरों की डिमांड किसी से छिपी नहीं है. इतना ही नहीं बकरीद से कई दिन पहले लाखों की संख्या में बकरे सऊदी अरब को एक्सपोर्ट किए जाते हैं. यहां तक की रोजाना की डिमांड पूरी करने के लिए भी अरब देशों में भारतीय नस्ल के बकरे खूब पसंद किए जाते हैं.
बकरीद के मौके पर बकरों की बड़ी मंडी जसवंत नगर (यूपी), कालपी (मध्य प्रदेश), महुआ, अलवर (राजस्थान) और मेवात (हरियाणा) में लगती है. यहां से देश ही नहीं विदेशों की डिमांड भी पूरी की जाती है.
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राजाखेड़ा, राजस्थान के बकरी पालक फहीम खान का कहना है कि आमतौर पर लोग 2 से 3 महीने का बकरा (बच्चा) लाकर पालते हैं. इस बच्चे की कीमत 4.5 से 5 हजार रुपये तक होती है. इसके बाद 9 से 10 महीने इस बच्चे को पाला जाता है. पालने के दौरान एक बच्चे पर खुराक और दवाई आदि का खर्च लगाकर 7 से 8 हजार रुपये लागत आती है. क्योंकि बकरा बकरीद के लिए पाला जा रहा है तो उसे सिर्फ खुले मैदान की चराई पर ही नहीं रख सकते हैं. उसे जौ-चना जैसा दाना भी खिलाना होगा. इसलिए एक साल बाद बकरी का बच्चा 12 से 13 हजार रुपये में तैयार हो जाता है.
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लेकिन, जब हमे बकरीद के लिए बकरे पालकर कारोबार करना ही है तो बकरे की लागत को और कम किया जा सकता है. जैसे अगर बकरी पालकर उससे बच्चे लिए जाएं तो एक साल के बकरे की लागत कम आएगी. बकरियों की कई नस्ल ऐसी हैं जो एक साल में दो बार तक बच्चे देती हैं. इस तरह बच्चों की संख्याब चार से पांच हो जाती है. तीन महीने तक तो बच्चा बकरी का दूध पीता है. इस दौरान सिर्फ बकरी को ही चारा खिलाने का खर्च आएगा,
लेकिन चारा खाने वाली उस बकरी पर दो से तीन बच्चे पल जाएंगे. इस तरह बाजार से दो बच्चों को खरीदने का खर्च नौ-10 हजार रुपये बच जाएंगे. और इसका एक सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि बच्चा तीन महीने तक लगातर बकरी का दूध पिएगा तो उससे उसकी ग्रोथ भी अच्छी होगी. एक साल में अच्छा खासा मोटा ताजी दिखाई देगा और मीट भी क्वाेलिटी का बनेगा.
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