भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) 12 जुलाई को होने वाली ई-नीलामी के तीसरे दौर में बफर स्टॉक से 4.29 लाख टन गेहूं और 3.95 लाख टन चावल थोक उपभोक्ताओं को बेचेगी. सरकार घरेलू आपूर्ति में सुधार और चावल, गेहूं और आटे की खुदरा कीमत को नियंत्रित करने के लिए ओपन मार्केट सेल्स स्कीम के तहत थोक उपभोक्ताओं को एफसीआई भंडार से गेहूं और चावल की बिक्री कर रही है. खाद्य मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ई-नीलामी के तीसरे दौर में, एफसीआई देशभर के 482 डिपो से 4.29 लाख टन गेहूं और 254 डिपो से 3.95 लाख टन चावल की पेशकश करेगा. ई-नीलामी का टेंडर जारी हो गया है. इच्छुक इकाइयां भविष्य में ई-नीलामी में भाग लेने के लिए खुद को लिस्ट कर सकती हैं.
बयान के अनुसार, एफसीआई साप्ताहिक ई-नीलामी में भाग लेने के लिए अधिक लघु और सीमांत उपयोगकर्ताओं को प्रोत्साहित कर रहा है ताकि स्टॉक देश के बड़े वर्ग तक पहुंच सके. 5 जुलाई को आयोजित पिछली ई-नीलामी में 1,337 बोलीदाताओं को कुल 1.29 लाख टन गेहूं और 5 बोलीदाताओं को 170 टन चावल बेचा गया था.
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मंत्रालय ने कहा, देशभर में उचित और औसत गुणवत्ता (एफएक्यू) वाले गेहूं के लिए आरक्षित मूल्य 2,150 रुपये प्रति क्विंटल के मुकाबले भारित औसत बिक्री मूल्य 2,154.49 रुपये प्रति क्विंटल था, जबकि मानदंडों में कुछ छूट (यूआरएस) वाले गेहूं का भारित औसत बिक्री मूल्य 2,125 रुपये प्रति क्विंटल के आरक्षित मूल्य के मुकाबले 2,132.40 रुपये क्विंटल था. वहीं देशभर में चावल के लिए भारित औसत बिक्री मूल्य 3,173 रुपये प्रति क्विंटल के आरक्षित मूल्य के मुकाबले 3,175.35 रुपये प्रति क्विंटल था.
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गौरतलब है कि भारत सरकार के गेहूं स्टॉक प्रबंधन पोर्टल में बोलीदाताओं द्वारा गेहूं की ई-नीलामी में भाग लेने के लिए स्टॉक घोषणा अनिवार्य कर दी गई है. मंत्रालय ने कहा कि ई-नीलामी की वर्तमान दौर में खुदरा मूल्य में कमी को लक्षित किया जा रहा है. एक खरीदार को अधिकतम 100 टन तक की पेशकश की जा रही है. यह निर्णय छोटे और सीमांत उपयोगकर्ताओं को प्रोत्साहित करने और यह सुनिश्चित करने के लिए है ताकि अधिक बोलीदाता आगे आ सकें और अपनी पसंद के डिपो से अनाज के लिए बोली लगा सकें.
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