एमएसपी पर सूरजमुखी की खरीद को लेकर हरियाणा में 7वें दिन भी आंदोलन जारी है. इस मांग को लेकर एक ही सप्ताह में जीटी रोड दो बार जाम हो चुका है. ऐसा पहले कभी नहीं हुआ. पीपली मंडी में सोमवार को शुरू हुई किसान रैली के बाद किसानों ने दोपहर लगभग 2 बजे कुरुक्षेत्र में जीटी रोड जाम कर दिया. किसान सूरजमुखी की msp पर खरीद और गुरनाम सिंह चढूनी सहित अन्य आठ किसान नेताओं को जेल से रिहा करने की मांग को लेकर कुरुक्षेत्र के जीटी रोड पर इस में 18 घंटे से जाम जारी है, लेकिन सरकार पर इसका कोई असर नहीं पड़ा है, क्योंकि जहां पर जाम लगाया गया है वहां कुछ वैकल्पिक रास्ते लोगों को मिल रहे हैं.
सोमवार की रात किसानों और सरकार के प्रतिनिधियों के बीच चली बैठक किसी नतीजे पर नहीं पहुंची. उम्मीद है कि आज मंगलवार को आज फिर बैठक होगी. लेकिन सरकार के रुख को देखते हुए ऐसा लगता है कि वह सूरजमुखी की msp पर खरीद करने के लिए राजी नहीं है. इसलिए आज अखबारों में राज्य सरकार की ओर से बड़े-बड़े विज्ञापन छपाए गए हैं. जिसमें भावान्तर भरपाई योजना की तारीफ में कसीदे कढ़े गए हैं. सरकार ने कहा है कि हरियाणा में सिर्फ 38,414 एकड़ में सूरजमुखी की खेती होती है.
उधर, किसान नेता राकेश टिकैत मंगलवार को कहा कि आज दोपहर में जाम को 24 घंटे हो जाएंगे. सरकार अड़ियल रवैया अपनाए हुए है. लेकिन वो ध्यान रखें कि अगर यहां पर किसान 48 घंटे तक बैठ गए तो यह आंदोलन यहीं पर जड़ पकड़ जाएगा. किसान खैरात नहीं मांग रहे. हरियाणा में भी केंद्र सरकार का कानून चलता ही होगा. केंद्र सरकार ने msp घोषित की हुई है इसलिए हरियाणा सरकार चुपचाप किसानों को उनका हक दे दे. किसान और कुछ नहीं मांग रहे. क्या किसी फसल का केंद्र सरकार द्वारा तय किया गया भाव मांगना अपराध हो गया है?
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राकेश टिकैत किसानों के बीच में सुबह ही पहुंच गए. तमाम और किसान संगठनों के नेता भी पहुंचने शुरू हो गए हैं. अब यह मामला आगे बढ़ता हुआ नजर आ रहा है क्योंकि जाम के बावजूद राज्य सरकार इस मामले में झुकने के लिए तैयार नहीं है. सीएम मनोहर लाल खट्टर ने सूरजमुखी की msp पर खरीद न करने को अपनी नाक का सवाल बना लिया है. उसने भावान्तर भरपाई योजना को भी अपनी नाक का सवाल बनाया हुआ है. उधर, किसानों ने सूरजमुखी की एमएसपी पर खरीद करवाने को अपनी मूंछ का सवाल बना लिया है. इसलिए अभी बात आगे नहीं बढ़ रही है.
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रोड जाम की वजह से आने-जाने वालों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. जो लोग किसानों से उलझने की कोशिश कर रहे हैं किसान उनसे कह रहे हैं आप भी आकर के धरने पर बैठो. आपको रोटी-पानी सब कुछ मिलेगा. आप हमारा साथ दीजिए क्योंकि आप भी अन्न खाते हैं. अन्नदाता उनके साथ अन्याय में आपका साथ आना जरुरी है. यहां यह साफ कर देना जरूरी है कि हाईवे जाम कर के धरने पर बैठे किसान न तो किसी एंबुलेंस को रोक रहे हैं और न ही सेना की गाड़ी को.
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