सूरजमुखी को भावांतर भरपाई योजना में शामिल करने के खिलाफ शुरू हुई लड़ाई अब एमएसपी की मांग पर आकर टिक गई है. आज सोमवार को किसानों ने कुरुक्षेत्र की पीपली अनाज मंडी में एमएसपी दिलाओ किसान बचाओ रैली का आयोजन किया. रैली में किसान नेताओं ने कहा- हमारे झंडे अलग हैं लेकिन मुद्दों पर हम एक हैं.
पंजाब के किसान भी बड़ी संख्या में इसमें पहुंचे हैं. किसानों ने कहा कि हम सरकार से लड़ने के लिए आए हैं, झुकने के लिए नहीं. एमएमपी किसानों का हक है उसे लेकर रहेंगे. सरकार एमएसपी पर फसलों की गारंटी दे.
इस दौरान किसानों ने कहा कि जरूरत पड़ी तो एमएसपी के लिए दिल्ली की सरहद पर भी जाएंगे. वहीं प्रशासन से बातचीत फेल हो जाने के बाद किसानों ने जीटी रोड जाम कर दिया है. पीपली मंडी से किसान जीटी रोड जाम करने के लिए ट्रैक्टर ट्राली के साथ निकले.
जीटी रोड जाम हुए कई घंटे हो चुका है लेकिन सरकार का कोई फैसला नहीं आया है कि वो सूरजमुखी की एमएसपी पर खरीद करेगी या नहीं. उधर, किसान इस बार परमानेंट डेरा डालने के इरादे से आए हैं. जीटी रोड पर ही लंगर प्रसाद शुरू हो गया है.
इसी बीच हरियाणा के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री जेपी दलाल ने कहा है कि देश व प्रदेश की सरकार किसानों के हितों के लिए दृढ़ संकल्प है. उन्होंने कहा कि मेरी कलम हमेशा किसानों के हक में चलेगी और किसानों के हितों पर आंच नहीं आने दी जाएगी. मौसम की मार से जब भी किसानों की फसल को नुकसान हुआ है, किसानों को तुरंत प्रभाव से मुआवजा दिए जाने का काम मौजूदा सरकार ने किया है. फसलों के इतने भाव पहले किसी सरकार ने नहीं दिए.
जीटी रोड जाम करके धरना दे रहे किसानों ने ऐलान किया है कि उनकी कमेटी शाम को 7:00 बजे बैठक करके आगे की रणनीति का फैसला लेगी, उससे पहले हरियाणा सरकार तय कर ले कि उसे क्या करना है? किसानों की बात माननी है या नहीं. अभी तक मुद्दा किसानों की स्थानीय कमेटी के पास है. हमारा मुद्दा सूरजमुखी कि MSP पर खरीद और गुरनाम सिंह चढूनी व उनके साथियों को रिहा करने का है. लेकिन शाम को 7:00 बजे तक अगर सरकार ने किसानों की बात नहीं मानी तो यह मुद्दा संयुक्त किसान मोर्चा के हाथ में चला जाएगा. संयुक्त किसान मोर्चा का मुद्दा पूरे देश में MSP की लीगल गारंटी का है.
किसानों ने ऐलान किया कि संयुक्त किसान मोर्चा के हाथ में मुद्दा जाने के बाद मामले के जिम्मेदार हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर होंगे. जब किसान आंदोलन के बाद केंद्र सरकार को झुकना पड़ा तो हरियाणा सरकार क्या चीज है?
उधर करीब 3:30 घंटे से जीटी रोड जाम है. इसके बावजूद सरकार ने अब तक किसानों से बातचीत का कोई रास्ता नहीं अपनाया है. आंदोलनकारी किसान करनाल से 38 किलोमीटर पहले चंडीगढ की तरह जीटी रोड पर डेरा डाल कर बैठे हैं.
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