मुर्गों में मिलावट: महंगे ब्रॉयलर में मिक्स कर बेची जाती हैं सस्ती लेयर मुर्गी, ऐसे करें पहचान

मुर्गों में मिलावट: महंगे ब्रॉयलर में मिक्स कर बेची जाती हैं सस्ती लेयर मुर्गी, ऐसे करें पहचान

एक दिन की लेयर बर्ड (चूजा) 40 से 45 रुपये का आता है. 4.5 से 5 महीने की उम्र पर यह अंडा देना शुरू करती है. 19 से 20 महीने तक की मुर्गी 90 फीसद अंडा देती है. एक अंडा देने के लिए यह 125 से 130 ग्राम तक दाना खाती है. इस मुर्गी के अंडे से चूजा नहीं निकलता है. यह मुर्गी सालाना 315 मिलियन अंडे की पूर्ति कर रही हैं.

Advertisement
मुर्गों में मिलावट: महंगे ब्रॉयलर में मिक्स कर बेची जाती हैं सस्ती लेयर मुर्गी, ऐसे करें पहचानअंडा देने वाली लेयर बर्ड का प्रतीकात्मक फोटो.

मुर्गों में भी मिलावट की जाती है. यह सुनकर चौकिंएगा नहीं. यह सौ फीसद सच है. खासतौर पर फरवरी और मार्च में मुर्गों में मिलावट का दौर चलता है. हालांकि की मुर्गों में मिलावट को पहचानना या पकड़ना कोई मुश्किलल काम नहीं है. अगर आप ब्रॉयलर चिकन और लेयर बर्ड के बारे में थोड़ा सा पढ़ लें तो फिर इस मिलावट को पहचानना और भी आसान हो जाएगा. चिकन बेचने वाले दुकानदार महंगे ब्रॉयलर में सस्ती लेयर बर्ड की मिलावट करते हैं. ब्रॉयलर के मुकाबले लेयर बर्ड काफी सस्ती होती है. 

30 दिन में ब्रॉयलर चूजा 900 से 1150 ग्राम का हो जाता है जो तंदूरी चिकन में इस्तेमाल होता है. ब्रॉयलर चिकन के रेट उसके वजन के हिसाब से तय होते हैं. ब्रॉयलर चिकन जितना भारी होता है उसके रेट उतने ही कम होते हैं. अकेले गाजीपुर, दिल्ली मंडी से रोजाना 5 लाख ब्रॉयलर मुर्गों की सप्लाई होती है. 

अंडा बाजार में मचा हाहाकार, एक्सपर्ट बोले पहली बार आई रिकॉर्ड गिरावट

इसलिए ब्रॉयलर चिकन में मिलाई जाती है लेयर बर्ड 

पोल्ट्री एक्सपर्ट अनिल शाक्या ने किसान तक को बताया कि ब्रॉयलर चिकन वो है जो बाजारों में चिकन फ्राई, चिकन टंगड़ी, चिकन टिक्का और तंदूरी चिकन के नाम से बिकता है. चिकन बिरयानी भी इसी की बनती है. खासतौर पर चिकन करी के लिए घरों में भी यही बनाया जाता है. बाजार में आजकल फ्रेश ब्रॉयलर चिकन का भाव 180 रुपये किलो से लेकर 220 रुपये तक चल रहा है. 

वहीं लेयर मुर्गी अंडा देने के काम आती है. बाजार में जो सफेद रंग का छह से सात रुपये का अंडा बिकता है वो लेयर बर्ड का ही होती है. लेयर बर्ड का पालन सिर्फ और सिर्फ अंडे के लिए किया जाता है. दो से सवा दो साल तक यह अंडा देती है. इसके बाद इसे रिटायर कर दिया जाता है. जिसके चलते पोल्ट्री फार्म वाले इसे बहुत ही कम कीमत पर दुकानदारों को बेच देते हैं. 

पोल्ट्री एक्सपर्ट का आरोप, नए चूजे बेचने को गिराया अंडा बाजार

ऐसे कर सकते हैं ब्रॉयलर चिकन और लेयर बर्ड में पहचान 

  1. लेयर बर्ड पतली-दुबली, पौने दो किलो वजन तक की होती है.
  2. ब्रॉयलर मोटा और तीन किलो वजन तक का होता है. 
  3. लेयर बर्ड के शरीर पर चर्बी नहीं होती है.
  4. मोटा ताजी होने के चलते ब्रॉयलर के शरीर पर चर्बी होती है. 
  5. लेयर बर्ड के शरीर पर घने पंख होते हैं.
  6. जबकि ब्रॉयलर के शरीर पर पंख बहुत ही कम होते हैं. 
  7. लेयर के सिर पर लाल गहरे सुर्ख रंग की बड़ी सी झुकी हुई कलंगी होती है.
  8. ब्रॉयलर में बहुत छोटी कलंगी होती है. रंग भी थोड़ा दबा हुआ होता है.
  9. लेयर के पंजे यानि पैर पतले होते हैं.
  10. जबकि ब्रॉयलर के पंजे मोटे होते हैं. 
  11. लेयर काफी फुर्तीली होती है. इसे खुला छोड़ दिया जाए तो पकड़ना मुश्किल होता है.
  12. जबकि वजनी और मोटा होने के चलते ब्रॉयलर दौड़ नहीं सकता है. 
  13. कुक करने के दौरान लेयर का मीट अच्छी तरह से नहीं गलता है. 
  14. वहीं ब्रॉयलर का मीट आसानी के साथ पक जाता है.  

    ये भी पढ़ें-

    बकरे के मीट कारोबार में नहीं आएगी मंदी, CIRG के डायरेक्टर ने बताई ये वजह

    CIRG: किसान की पसंद से ज्यादा दूध देने वाला बच्चा दे रही हैं बकरियां, जानें कैसे 

POST A COMMENT