रोजे (रमजान) आते ही बाजार तरह-तरह के खजूर की वैराइटी से सज जाते हैं. आम दिनों की तुलना में खजूर की डिमांड भी बढ़ जाती है. सस्ती और महंगी से लेकर खजूर की करीब 25 तरह की वैराइटी रोजों में खूब बिकती हैं. खास बात ये है कि रमजान में शाम को रोजा इफ्तार के दौरान ही नहीं, सुबह सहरी के वक्त भी खजूर खाए जाते हैं. रोजे के दौरान खजूर के बहुत सारे फायदे. डाक्टर भी हैल्थ की नजर से खजूर के खूब फायदे गिनाते हैं. वहीं धर्म गुरु खजूर के बारे में मजहब से जुड़े किस्से भी बयान करते हैं. भारतीय बाजारों में 25 सौ रुपये किलो कीमत वाला अजवा खजूर भी खूब पसंद किया जाता है.
अच्छी बात ये है कि बाजार में इस वक्त राजस्थान के बाड़मेर और जैसलमेर का खजूर भी आ रहा है. लेकिन अरब देशों से आने वाली खजूर की वैराइटी अपनी ओर आकर्षित करती हैं. जैसे टहनी वाला खजूर. छोटी गुठली, बिना गुठली वाला खजूर और सबसे महंगा अजवा खजूर. खजूर सभी की पहुंच में हो इसके लिए बाजारों में ठेल-ढकेल पर 100 रुपये किलो वाला खुला हुआ खजूर भी बिक रहा है.
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डॉक्टर अहमद अली का कहना है कि खजूर से सोडियम, कार्बोहाइड्रेट, फाइबर, शुगर और प्रोटीन मिलती है. एनीमिया (खून की कमी) में बहुत फायदेमंद होता है. गठिया के लिए एक उत्तम औषधि है, खजूर महिलाओं के पैर दर्द, कमर दर्द में भी आराम देता है. कब्ज से छुटकारा दिलाता है. पाचन विकार दूर करता है. अल्सर, एसिडिटी में भी खजूर बहुत राहत देता है.
सरकारी अस्पताल से रिटायर्ड डॉ. इरफान खान ने बताया कि जब कोई इंसान दिनभर भूखा रहता है तो उसके शरीर में ऊर्जा काफी कम हो जाती है. इस हालात में ऐसी चीजे खानी चाहिए जिससे बॉडी को इंस्टेंट एनर्जी मिले. खजूर इस जरूरत को पूरा करता है.
-खजूर खाने से इफ्तार के दौरान खाई जाने वाली चीजों का डाइजेशन सही तरीके से होता है और गैस से जुड़ी परेशानी भी नहीं होती.
-रिसर्च में ये बात साबित है कि खजूर खाने से बॉडी को जरूरी फाइबर्स मिलते हैं, खजूर ऐसा फल है जो न्यूट्रिएंट्स से भी भरपूर है.
-खजूर में मौजूद मैग्नीशियम, कॉपर विटामिन, आयरन और प्रोटीन से बॉडी एक्टिव रहती है.
-खजूर को आसानी हजम किया जा सकता है. यही वजह है कि खाली पेट खजूर खाने से कोई नुकसान नहीं होता है.
- खजूर में पोटैशियम अधिक या सोडियम कम होने की वजह से ये ब्लड प्रेशर को मेंटेन करने में भी मदद करता है.
- खजूर बैड कोलेस्ट्रॉल को कम करता है, जिससे दिल की बीमारी का खतरा भी कम हो जाता है.
- खजूर में अल्कलाइन नमक होता है जिससे ये पेट की एसिडिटी को भी कम करता है और डाइजेशन में मदद करता है.
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मदरसा तालीम-उल-कुरआन, यूपी के प्रिंसिपल मौलाना मोहम्मद असरार बताते हैं कि वैसे तो इफ्तारी में बहुत सी चीजें होती हैं. प्राकृतिक फल भी होते हैं. लेकिन रोजेदार खजूर खाकर ही रोजा खोलता है. इसके पीछे एक रवायत यह है कि खजूर पैगंबर हजरत मोहम्मद साहब का पसंदीदा फल था, वो खजूर खाकर ही रोजा खोलते थे. इसी सुन्न्त को मुस्लिम आज भी निभाते हैं.
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